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द सैटेनिक वर्सेज के विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी की एक आंख की रोशनी गई, हमले के बाद एक हाथ ही कर रहा है काम

मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,मैड्रिड

इस्लाम और इसके पैगंबर मोहम्मद पर ‘द सैटेनिक वर्सेज’ नामक विवादास्पद पुस्तक लिखने वाले सलमान रूश्दी बुरे दौर से गुजर रहे हैं. दो महीने पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान देने की तैयारी के दौरान हुए हमले के बाद सलमान रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई है. यही ही नहीं वह एक हाथ का इस्तेमाल ही कर पा रहे हैं. यह जानकारी उनके एजेंट ने दी है.

अपने उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशित होने के बाद 1980 के दशक में ईरान से जान से मारने की धमकी मिलने वाले 75 वर्षीय लेखक चौटाउक्वा में कलात्मक स्वतंत्रता पर भाषण देने के लिए मंच पर जैसे ही पहुंचे एक व्यक्ति ने उनकी गर्दन और सीने पर चाकू से कई वार कर दिए. इस साल यह घटना 12 अगस्त को घटी थी.हालांकि, घटना के दो महीने बाद भी रुश्दी की चोटों की पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन एक साक्षात्कार में, उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने बताया कि हमला गंभीर और जीवन बदलने वाला था.

उनके घाव गहरे थे. उनकी एक आंख की रोशनी चली गई. वायली ने बताया, उनके गले में तीन गंभीर घाव थे. इससे एक हाथ अक्षम हो गया है. वार से उनके एक हाथ की नसें कट गई हैं. इसके अलावा सीने और धड़ में करीब 15 और घाव हैं. यह एक क्रूर हमला था.”द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंट ने यह बताने से मना किया कि क्या रुश्दी अभी भी अस्पताल में हैं या नहीं ? उसने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लेखक जीवित है.

वायली ने यह भी कहा कि उन्होंने और रुश्दी ने अतीत में इस तरह के हमले की संभावना के बारे में बात की थी.उन्होंने कहा, फतवा लागू होने के इतने सालों बाद उन्हें जिस मुख्य खतरे का सामना करना पड़ा, वह एक बेतरतीब व्यक्ति से था जो कहीं से भी वहां आ गया और उनपर हमला कर दिया. उन्हांेने कहा कि हमला जॉन लेनन की हत्या जैसा था.

बता दें कि रुश्दी पर छुरे से हमला करने वाले व्यक्ति ने 18 अगस्त को अदालत में पेश होकर इन आरोपों में खुद की संलिप्ता से इनकार कर दिया था.24 वर्षीय हमलावर हादी मटर को चौटाउक्वा काउंटी जिला अदालत में आरोपित किया गया था.