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जामिया में छात्रों के खिलाफ कार्रवाई पर विवाद, प्रशासन ने दी सफाई

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia – JMI) में आंदोलन कर रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और फिर उनके नाम, तस्वीर और संपर्क विवरण सार्वजनिक करने को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में नियुक्त कुलपति (Vice Chancellor) को भी आरएसएस से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.

विवाद बढ़ने के बाद, जामिया प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सभी आरोपों से खुद को अलग किया और निलंबित छात्रों की तस्वीरें सार्वजनिक करने वालों की निंदा की.


जामिया प्रशासन का बयान: अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

जामिया प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि कुछ असामाजिक तत्व पिछले 4-5 दिनों से सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भ्रामक, अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण वीडियो और मैसेज फैलाकर यूनिवर्सिटी और छात्रों की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

🔹 बिना इजाजत पोस्टर लगाए गए
“कुछ लोगों ने बिना किसी अनुमति के जामिया के गेट और दीवारों पर निलंबित छात्रों की तस्वीरें और जानकारी चिपका दी थी। प्रशासन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, सभी पोस्टर तुरंत हटा दिए गए.”

🔹 कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
“यूनिवर्सिटी 104 साल पुराने संस्थान की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। झूठी और अपमानजनक जानकारी फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.”


आंदोलन पर जामिया प्रशासन का पक्ष

🔹 13 फरवरी 2025 को जारी बयान में यूनिवर्सिटी ने कहा:
👉 कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने बिना किसी अनुमति के शैक्षणिक ब्लॉक में धरना दिया.
👉 कक्षाओं और केंद्रीय पुस्तकालय की कार्यवाही बाधित की गई.
👉 यूनिवर्सिटी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
👉 प्रशासन ने बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कोई चर्चा नहीं की.


छात्रों को अफवाहों से बचने की सलाह

🔹 जामिया प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी दी:
“गलत सूचनाओं के बहकावे में न आएं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें.”

🔹 मध्य-सेमेस्टर परीक्षाएं (Mid-Semester Exams) जल्द होने वाली हैं.
“नियमित कक्षाएं चल रही हैं, छात्रों को नियमित रूप से उपस्थित रहना चाहिए.”


निलंबित छात्रों की तस्वीरें जारी करने पर होगी जांच

👉 जामिया प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
👉 दोषियों की पहचान कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


क्या है विवाद की जड़?

📌 छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद:
✅ प्रदर्शनकारी छात्रों के नाम, फोटो और मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए गए.
सोशल मीडिया पर जामिया प्रशासन की आलोचना तेज हुई.
नए वीसी पर आरएसएस कनेक्शन के आरोप लगे.

📌 यूनिवर्सिटी का पक्ष:
सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाई जा रही है.
यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने वालों पर कार्रवाई होगी.
नियम-कानूनों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.