मोहम्मद शमी के रोज़ा न रखने पर विवाद: क्या क्रिकेट के मैदान से बाहर भी दबाव बनाने की हो रही है कोशिश?
Table of Contents
नई दिल्ली | मुस्लिम नाउ ब्यूरो
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लेकर एक अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया गया है। रमज़ान के दौरान मैच खेलने के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने को लेकर सोशल मीडिया पर शमी को निशाना बनाया गया। सवाल यह उठता है कि क्या यह महज एक धार्मिक बहस है, या फिर शमी पर मानसिक दबाव बनाने की सोची-समझी साजिश? कहीं ऐसा तो नहीं कि इस तरह की खबरें फैलाकर टीम इंडिया के इस महत्वपूर्ण गेंदबाज को फाइनल से पहले कमजोर करने की कोशिश की जा रही है?
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
रमज़ान के दौरान, 34 वर्षीय मोहम्मद शमी को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीते देखा गया। इसके बाद कुछ कट्टरपंथी संगठनों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस पर सवाल उठाए।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, “रोज़ा न रखकर उन्होंने अपराध किया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं और उन्हें खुदा को जवाब देना होगा।” उनके इस बयान के बाद विवाद और बढ़ गया।
हालांकि, कई अन्य धार्मिक नेताओं ने मौलाना रजवी के इस बयान की आलोचना की। शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने इसे “सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश” करार दिया और कहा कि क्रिकेटर को रोज़ा रखने या न रखने का फैसला खुद लेना चाहिए।

शमी के परिवार का जवाब
मोहम्मद शमी की चचेरी बहन मुमताज ने इस विवाद को शर्मनाक बताते हुए अपने भाई का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “शमी देश के लिए खेल रहे हैं। यह बहुत शर्मनाक है कि कुछ लोग इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं। हम शमी से कहेंगे कि वह इन बातों पर ध्यान न दें और 9 मार्च को होने वाले फाइनल मुकाबले की तैयारी करें।”
वहीं, शमी के चचेरे भाई मोहम्मद जैद ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति यात्रा पर हो, तो रोज़ा छोड़ सकता है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। मौलाना ने यह बयान सिर्फ़ टीआरपी के लिए दिया है। हम वो लोग हैं जो देश के लिए कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।”
क्या शमी को निशाना बनाया जा रहा है?
यह पहली बार नहीं है जब किसी मुस्लिम खिलाड़ी को धार्मिक मान्यताओं को लेकर ट्रोल किया गया हो। इससे पहले भी कई बार भारतीय क्रिकेटरों को उनके धार्मिक रिवाजों को लेकर निशाना बनाया गया है।
- क्रिकेट से पहले मजहबी बहस क्यों? – क्या यह सच में कोई धार्मिक मुद्दा है या फिर भारत के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक शमी को मानसिक दबाव में डालने की कोशिश की जा रही है? भारतीय टीम इस समय जबरदस्त फॉर्म में है, और शमी जैसे गेंदबाज अगर पूरी लय में रहें, तो विरोधी टीम के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
- सोशल मीडिया पर अफवाहें – सवाल यह भी उठता है कि इस विवाद को सबसे पहले सोशल मीडिया पर किसने फैलाया? क्या इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति थी?
- टीम इंडिया में अंदरूनी राजनीति? – क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा तीव्र होती है, खासकर जब बेंच स्ट्रेंथ मजबूत हो। क्या टीम इंडिया के अंदर भी कुछ खिलाड़ी शमी के खिलाफ माहौल बना रहे हैं?
क्रिकेट और धर्म को जोड़ना कितना सही?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी कहा कि चूंकि शमी खेल रहे हैं, इसलिए उनके पास रोज़ा न रखने का विकल्प है। उन्होंने कहा, “इस्लाम में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार हो या यात्रा पर हो, तो उसे रोज़ा न रखने की अनुमति है। शमी फिलहाल एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेल रहे हैं, ऐसे में उन पर सवाल उठाना सही नहीं है।”
शमी का प्रदर्शन और उनकी अहमियत
मोहम्मद शमी इस समय शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 ओवर में 3 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
- मौजूदा टूर्नामेंट में उन्होंने अब तक चार मैचों में 19.88 की औसत से 8 विकेट लिए हैं।
- इस प्रदर्शन के चलते वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं।
- अगर शमी लय में रहें, तो फाइनल में भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दें
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां खेल और धर्म को अलग रखा जाना चाहिए। एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी की निजी धार्मिक आस्थाओं को विवादित बनाना न केवल गैर-जरूरी है, बल्कि खेल भावना के खिलाफ भी है। फाइनल से पहले इस तरह के विवाद खड़े करके कहीं विरोधी टीम को फायदा पहुंचाने की कोशिश तो नहीं हो रही?
अब वक्त आ गया है कि क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दिया जाए और खिलाड़ियों को उनके खेल पर ध्यान केंद्रित करने दिया जाए। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए सबसे जरूरी बात यह होनी चाहिए कि शमी और पूरी टीम बेहतर प्रदर्शन करें और देश के लिए चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर लाएं।