coronavirus मुसलमान छेड़ेंगे ‘कोरोना जिहाद’, पहली वैक्सीन विकसित करने वाला है मुस्लिम जोड़ा
देश की विभिन्न अदालतें स्पष्ट कर चुकीं कि भारत में कोरोना महामारी के फैलाव में तबलीग जमात की कोई भूमिका नहीं. मगर कोरोना के बहाने मुस्लिम तंजीम को निशाना बनाने वाले पता नहीं इस खबर को कैसे लेंगे. नवंबर के आखिर में जिस ‘कोविड-19 जिहाद’ की शुरूआत हो रही, उसमें अहम किरदार निभाएगा एक मुस्लिम जोड़ा. दुनिया की सबसे बड़ी दवा कंपनी ‘फाइजर’ नवंबर के आखिर में कोरोना वायरस को मात देने वाली पहली वैक्सीन ला रही, जिसे विकसित किया है तुर्की में जन्मे उक्त मुस्लिम जोड़े और उनकी टीम ने.
फाइजर ने कोरोना रोधी दवा जर्मनी की बाॅयोटेक फर्म ‘बाॅयोएनटेक’ (BioNTech)के साथ मिलकर विकसित की है. उसकी क्लीनिकल ट्रायल हो गई है. किसी तरह की चिंता वाली बात सामने नहीं आने पर महीने के अंत में लांच करने का निर्णय लिया गया है. दवा पहले अमेरिका के गंभीर मरीजों को दी जाएगी. फाइजर के मुताबिक, वैक्सीन विकसित करने में मुस्लिम जोड़े ने रात दिन एक कर दिया.
फाइजर(Pfizer) की ओर से कोरोना वैक्सीन के बारे में बताया गया कि एक बड़े अध्ययन के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर इसे कोविड-19 को रोकने में 90 प्रतिशत तक कारगर पाया गया. लांचिंग के साथ यह नैस्डैक सूची में कोरोनोवा वैक्सीन बनाने वाली पहली कंपनी के तौर पर शामिल कर ली जाएगी. विदेशी समाचार एजेंसी राॅयटर के अनुसार, दोंनों कंपनियों ने दावा किया है कि क्लीनिकल ट्रायल में कोई गंभीर बात सामने नहीं आई.
वैक्सीन विकसित करने वाले जोड़े के बारे में बता दूं कि जर्मनी के कोलोन के फोर्ड कारखाने में काम करने वाले एक आप्रवासी तुर्की के बेटे हैं ‘बाॅयोएनटेक’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी 55 वर्षीय उगुर साहिन (Ugur Sahin). उनकी पत्नी ओजेस तुएरेसी कंपनी की बोर्ड मंबर हैं. उनकी गिनती 100 सबसे अमीर जर्मनों में होती है. नैस्डैक के मुताबिक, बायोएनटेक का बाजार मूल्य 21 बिलियन डॉलर है. वेंचर कैपिटल फर्म के बोर्ड मेंबर मैथियस क्रोमेयर कहते कहते हैं, ‘‘अपनी इन उपलब्धियों के बावजूद, दोनों पति-पत्नी बेहद नरम दिल हैं.‘‘ साहिन आमतौर पर जींस में हेलमेट लगाकर कारोबारी बैठकों में शामिल होते हैं.
साहिन को बचपन से मेडिकल और इस क्षेत्र में अध्ययन का शौक था. वह कोलोन और दक्षिण-पश्चिमी शहर होम्बर्ग के अस्पतालों में काम कर चुके हैं. इस दौरान उनकी तुएरेसी से मुलाकात हुई. उनकी पत्नी तुएरेसी तुर्की के एक डाॅक्टर की बेटी हैं. वह जर्मनी आकर बस गईं. बताती हैं कि शादी के दिन भी वे प्रयोगशाला में साथ काम कर रहे थे. कैंसर एवं ट्यूमर की बीमारी के क्षेत्र में दोनों ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं.
साहिन ने कैंसर से लड़ने वाले एंटीबॉडी विकसित करने को गैनीमेड फार्मास्युटिकल्स की स्थापना की थी. तब वह मैन्ज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे. उन्होंने 2005 में अपना जेनेरिक ड्रग्स कारोबार ‘हेक्साल’ को नोवार्टिस को बेच दिया. जर्मन में पति-पत्नी तुएरेसी ( Oezlem Tuereci) और साहिन ‘‘ड्रीम टीम‘‘ के तौर पर जाने जाते है . इस वर्ष जनवरी में साहिन को जब चीन के वुहान में कोरोनवायरस के फैलने का पता चला, उसी समय से वैक्सीन विकसित करने में लग गए.
मेंज विश्वविद्यालय(Mainz university) के ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर, जिन्होंने 20 साल तक साहिन के साथ काम किया. कहते है, दोनों की समझ दूरगामी है. कोविड वैक्सीन विकसित कर उन्होंने एक लंबी छलांग लगाई है. साहिन ने वैक्सीन के बारे में रॉयटर्स को बताया कि यह मुश्किल काम था, पर कर दिखाया. गौरतलब है कि वुहान से फैले कोरोनावायरस ने पूरे विश्व को चपेट में ले लिया है. पिछले आठ महीने में इस महामारी की चपेट में 51,358,927 लोग आ चुके है तथा 1,271,386 मरीजों की जान जा चुकी है.
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संपादक