Interview

Coronavirus में 2020 Bihar Legislative Assembly election उचित नहीं, फिर भी हम तैयार: अख्तरूल ईमान

देश तथा बिहार कोरोना की गिरफ्त में है। सूबे के अस्पतालों में इलाज की उचित व्यवस्था नहीं। इसकी वजह से खतरा बढ़ गया है। ऐसे समय इससे लड़ने में पूरी शक्ति लगाने की बजाए बिहार को चुनाव में धकेला जा रहा है। यह उचित नहीं। सत्ता के लालची कोेरोना संक्रमण में भी अवसर ढूंढ रहे हैं। यदि इन परिस्थितियों में चुनाव हुआ तो इस चुनौती का सामना करने के लिए हम भी तैयार हैं। बेहतर होता, कुछ समय के लिए चुनाव टाल दिया जाता। यह कहना है असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन( All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान का। वह muslimnow.net के संपादक से बिहार चुनाव पर बातचीत कर रहे थे।

सवाल: चुनाव को लेकर आपकी तैयारी ?
जवाबः हम लोग पूरी तरह तैयार हैं। बिहार की कुछ सीटों को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं का दबाव था। इसलिए प्रदेश की 22 सीटों की पहली सूची जारी कर दी गई।


सवालः किन मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरेंगे ?
जवाबः हमारे मुददे स्पष्ट हैं। तयशुदा हैं। कोई नया मुद्दा नहीं है। हमारी लड़ाई फिरकापरस्ती से है। ग़रीबों एवं किसानों के लिए हम लड़ते रहे हैं। आंदोलनें की हैं। सीमांचल में बुरा हाल है। चुनाव में यही मुददे होंगे। कोरोना ने बिहार सरकर की पोल खोल दी है। इस प्रदेश के पास न मर्ज से लड़ने के लिए अस्पतालोें में उचित संसाधन हैं, न ही रोजी-रोजगार। यहां काम नहीं मिलने के कारण मजदूरों को फिर से जान-जोखिम में डालकर बिहार से पलायन करना पड़ रहा है। योगी सरकार के दबाव में आकर बिहार सरकार को भी अपने प्रवासी मजदूर बुलाने पड़े, पर उनके लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई। क्वरंटाइन करने के लिए बनाए गए मेहमान खाने अजाबखाने बन गए थे।
सवालः आप कहते हैं, चुनाव में आपकी पार्टी समान विचारधारा वाली पार्टियों से समझौता करने को तैयार है। क्या ऐसी पार्टियों की पहचान कर ली गई ? कौन-कौन सी पार्टियां आपके संपर्क में हैं ?
जवाबः चुनाव का समय करीब आने दीजिए। वैसे, कई पार्टियां संपर्क में हैं। चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा भी बन सकता है। हमारी पार्टी जदयू एवं बीजेपी के खिलाफ चुनाव में उतरेगी। हमें राजद के साथ जाने में कोई ऐतराज नहीं। थोड़ा इंनजार करें, सब साफ हो जाएगा।
सवालः एआईएमआईएम केवल मुसलमानों को टिकट देगी ?

जवाबः ऐसा बिल्कुल नहीं। संविधान ने जिसे चुनाव लड़ने की इजाजत दी है। उन तमाम वर्ग, जातियों के लोगों को टिकट दिया जाएगा। टिकट वितरण में दलितों को अहमियत देने की पॉलिसी बनी है।
सवालः आपकी विरोधी पार्टियाँ कह रही हैं, एआईएमआईएम बीजेपी की ‘बी’ टीम है। चुनाव में मुसलमानों के वोट का बिखराव करने आती है ?

जवाबः ऐसी बातें सिर्फ कांग्रेसी कर सकते हैं। दरअसल, कांग्रेस ने मुसलमानों को सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाया है। लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम केवल एक सीट पर लड़ी थी। फिर कांग्रेस को क्यों करारी हार मिली? कांग्रेस के कारण ही बीजेपी तेलंगाना में जीत हांसिल करने में सफल रही। बिहार चुनाव में कांग्रेसियों को काबू में करना होगा।

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संपादक