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क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सऊदी अरब में मूर्ति लगेगी, कितना सच !

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली, रियाद

पेट्रोल पर से देश की निर्भरत कम करने के लिए सउदी अरब के क्राउंस प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने विजन 2030 के तहत कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जिससे एशिया के मुसलमान न केवल नापसंद करते हैं, मुखर होकर बोलते भी हैं. इसी बीच सउदी अरब में क्राउंस प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की प्रतिमा लगाए जाने की एक खबर ने उनके विरोधियों के गुस्से को और भड़का दिया है.

सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही है. इस तरह की पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया जा रहा है जिसमें कपड़े से ढकी एक प्रतिमा क्रेन में झूलती नजर आ रही है. ऐसी पोस्ट पर प्रिंस सलमान के विरोध में कई तरह के कमेंट किए जा रहे हैं. सच्ची बोल नामक एक ट्वीटर हैंडल ने एक्स पर लिखा-‘‘तौहीद की सरजमीन है 🤭
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की एक मूर्ति लगाई जा रही हैए जो एक बार फिर सऊदी अरब में मूर्तियों की वापसी की शुरुआत है!’’

हिंदी ही नहीं ऐसे ट्वीट अंग्रेजी में भी किए जा रहे हैं. उनमें से वीडिया सेम है. कहा जा रहा है कि इस तरह के ट्वीट केवल भारत और पाकिस्तान से किए जा रहे हैं.

विजन 2030 के तहत सउदी अरब की आर्थिक दशा सुधारने के लिए पर्यटन, रियल स्टेट, स्पोर्टस, मनोरंजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके तहत मदीना और मक्का शहर में शराब खाने और सिनेमाघर खुलने की भी खबर है, जिसका एशियाई मुसलमान भरपूरा विरोध कर रहे हैं.

इस्लामी नजरिए से मक्का-मदीना को पवित्र शहर माना जाता है. यहां ही इस्लाम की उत्पत्ति हुई. हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग वार्षिक हज और उमराह के लिए मक्का-मदीना आते हैं. दुनिया के मुसलमानों का इस पाक धरती से खास लगाव है. ऐसे में सिनेमाघर और शराबखाना खोलने को पचा नहीं पा रहे हैं. अब सउदी अरब में मूर्ति लगने की खबर ने उनमें और गुस्सा भर दिया है.

प्रिंस सलमान की मूर्ति लगने की हकीकत

हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि सउदी अरब में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की कोई मूर्ति लगने वाली है. और न ही अभी तक किसी ने अधिकारिक बयान दिया है कि क्रेन में कपड़े से ढकी मूर्ति प्रिंस सलमान की है. हालांकि, पाकिस्तान के एक यूट्यूबर ने इस खबर को पूरी तरह नकार दिया है.
उसके मुताबिक, इस तरह के झेठ पाकिस्तान और हिंदुस्तान के कुछ सोशल मीडिया हैंडलर फैला रहे हैं. इसकी दलील में यूट्यूबर अदील अहमद आजाद ने भारत में पिछले साल आयोजित जी 20 का हवाला दिया है. उनका कहना है कि इस दौरान महात्मा गांधी के स्माधि शांति स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए जब दूसरे राष्ट्राध्यक्ष गए थे तब क्राउंस प्रिंस ने इससे किनारा कर लिया था.

इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है. पैगंबर मोहम्मद के जमाने में अरब में मूर्ति हटाने के लिए अभियान चलाए गए थे. सउदी अरब के लोग आज भी बुत्तपरस्ती के विरोधी हैं. ऐसे में क्राउन प्रिंस की प्रतिमा लगाने की बात पूरी तरह अफवाह है.

क्या मुस्लिम लीडर की नहीं लगती प्रतिमाएं

इसमें दो राय नहीं कि इस्लाम में मूर्ति बनाने और लगाने की मनाही है. इसके बावजूद एशियाई देश पाकिस्तान, हिंदुस्तान, बांग्लादेश में मुस्लिम नेताओं की अनेक मूर्तियां चैक-चैराहे पर लगी मिल जाएंगी. यूट्यूबर अदील अहमद आजाद का दावा है कि ईरान में भी ऐसी मूर्तियां लगी हैं. पाकिस्तान में इसके संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना, बीबी बेनजीर भुट्टो, इमरान खान, मियां नवाज शरीफ की मूर्तियां लगी हैं. ऐसे में यदि क्रांउन प्रिंस की प्रतिमा लगाई जाए तो कई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

क्या है सऊदी अरब का विजन 2030

सऊदी अरब के लिए सर्वश्रेष्ठ भविष्य बनाने के लिए विजन 2030 तीन विषयों के इर्द.गिर्द बनाया गया हैरू एक जीवंत समाजए एक संपन्न अर्थव्यवस्था और एक महत्वाकांक्षी राष्ट्र.

पहला विषयए एक जीवंत समाजए विजन को प्राप्त करने और आर्थिक समृद्धि की मजबूत नींव के लिए महत्वपूर्ण है. हम एक जीवंत समाज के महत्व में विश्वास रखते हैं. इस समाज के सदस्य स्थानीय परंपरा के अनुसार संतुलन के साथ जीवन जीते हैंए अपनी राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हैंए एक सुंदर वातावरण में अच्छे जीवन का आनंद लेते हैंए देखभाल करने वाले परिवारों द्वारा संरक्षित होते हैं और एक सशक्त सामाजिक और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली द्वारा समर्थित होते हैं.

दूसरे विषयए एक संपन्न अर्थव्यवस्था के लिएए बाजार की जरूरतों से जुड़ी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करके और उद्यमीए छोटे उद्यम और साथ ही बड़े निगमों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करके सभी के लिए अवसर प्रदान करता है. राज्य होनहार आर्थिक क्षेत्रों को खोलनेए अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए निवेश उपकरण विकसित करेगा. यह कुछ सरकारी सेवाओं के निजीकरणए व्यापार वातावरण में सुधारए विश्व स्तर पर बेहतरीन प्रतिभा और सर्वोत्तम निवेश को आकर्षित करने और तीन महाद्वीपों को जोड़ने वाले एक अद्वितीय रणनीतिक स्थान का लाभ उठाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ाएगा और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करेगाण्

तीसरा विषयए एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रए एक प्रभावीए पारदर्शीए जवाबदेहए सक्षम और उच्च.प्रदर्शन वाली सरकार पर बनाया गया है. सऊदी अरब चुनौतियों का सामना करने और अवसरों को भुनाने में नागरिकोंए निजी क्षेत्र और गैर.लाभकारी क्षेत्र के लिए सही माहौल भी तैयार करेगा.

इन विषयों में से प्रत्येक मेंए हमने राज्य की महत्वाकांक्षा के प्रतिबिंब और हम आरामको में जो हासिल करना चाहते हैंए उसके प्रतिनिधित्व के रूप में प्रतिबद्धताओं और लक्ष्यों के चयन पर प्रकाश डाला है। यह विजन हमारे भविष्य के फैसलों के लिए संदर्भ बिंदु होगाए ताकि भविष्य की सभी परियोजनाएं इसकी सामग्री से जुड़ी हों.

2030 के कुछ लक्ष्य

एक जीवंत समाज

  • ऽ यूनेस्को के साथ पंजीकृत सऊदी विरासत स्थलों की संख्या को दोगुने से अधिक करना.
  • ऽ राज्य के अंदर सांस्कृतिक और मनोरंजन गतिविधियों पर घरेलू खर्च को 2-9 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करना.
  • ऽ दुनिया के शीर्ष 100 शहरों में तीन सऊदी शहरों को मान्यता दिलाना.
  • ऽ सामाजिक पूंजी सूचकांक में सऊदी अरब की स्थिति 26 से 10 तक बढ़ाना.

एक संपन्न अर्थव्यवस्था

  • ऽ जीडीपी में एसएमई के योगदान को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करना.
  • ऽ वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक पर 25 के हमारे वर्तमान स्थान से शीर्ष 10 देशों में पहुंचना.
  • ऽ सार्वजनिक निवेश कोष की संपत्ति को 600 बिलियन सार से बढ़ाकर 7 ट्रिलियन से अधिक करना.
  • ऽ गैर.तेल जीडीपी में गैर.तेल निर्यात के हिस्से को 16 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना.

एक महत्वाकांक्षी राष्ट्र

  • ऽ गैर.तेल सरकारी राजस्व को 163 बिलियन सार से बढ़ाकर 1 ट्रिलियन सार करना.
  • ऽ गैर.लाभकारी क्षेत्र के जीडीपी में योगदान को 1 प्रतिशत से कम से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना.

मोहम्मद बिन सलमान क्राउन प्रिंस क्यों हैं ?

31 अगस्तए 1985 को जन्मेए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमानए जो किंग सलमान के बेटे हैंए उन्होंने अपनी शिक्षा रियाद स्कूलों में प्राप्त कीए जहाँ वे अपनी कक्षा में शीर्ष 10 छात्रों में शामिल थे. उन्होंने किंग सऊद यूनिवर्सिटी ;केएसयूद्ध से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त कीए जहाँ उन्होंने अपनी कक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त किया.

प्रिंस मोहम्मद ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस और अंतरराष्ट्रीय वित्त में अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त किया. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सऊदी कैबिनेट के तहत विशेषज्ञ आयोग के सलाहकार के रूप में की.15 दिसंबरए 2009 कोए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को तत्कालीन प्रिंस सलमान बिन अब्दुल अजीजए जो उस समय रियाद प्रांत के गवर्नर थेए का विशेष सलाहकार नियुक्त किया गया.

वह किंग अब्दुल अजीज फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड आर्काइव्स ;दाराद्ध के अध्यक्ष मंडल के लिए एक विशेष सलाहकार भी थे. फिर ولي العهد के कार्यालय के पर्यवेक्षक बनेण्मार्च 2013 मेंए शाही फरमान सेए प्रिंस मोहम्मद को मंत्री पद के साथ ولي العهد के दरबार का प्रमुख और तत्कालीन ولي وليعهد सलमान के विशेष सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गयाण् 25 अप्रैल 2014 कोए उन्हें राज्य मंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया.

परोपकारी पहलों के उनके लंबे इतिहास ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए. 2011 मेंए उन्होंने प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अज़ीज़ फाउंडेशन ;मिस्कद्ध की स्थापना कीए जो युवा सऊदियों को व्यवसायए साहित्यए संस्कृतिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी और समाजशास्त्र के क्षेत्र में सीखनेए विकसित करने और प्रगति करने में सक्षम बनाता है.

2015 में किंग अब्दुल्ला के निधन के बादए किंग सलमान सिंहासन पर बैठे . प्रिंस मोहम्मद को उप ولي وليعهدए द्वितीय उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त कियाण् उन्होंने रॉयल कोर्ट के प्रमुख के रूप में भी काम किया हैण् अर्थव्यवस्था और विकास मामलों के लिए शक्तिशाली परिषद की अध्यक्षता करते हैंण्

पिछले सालए ولي العهد ने अपनी अब तक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में कदम रखारू उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और तेल राजस्व पर निर्भरता को कम कियाण्

25 अप्रैल 2016 कोए सऊदी सरकार ने विजन 2030 का अनावरण कियाए जिसमें विकासात्मकए आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल थी. उसी दिनए अल अरबिया न्यूज चैनल ने प्रिंस मोहम्मद के साथ एक विशेष साक्षात्कार प्रसारित किया. साक्षात्कार के दौरानए ولي العهد ने 2020 तक सऊदी अर्थव्यवस्था की तेल राजस्व पर निर्भरता समाप्त करने का ऐलान कियाण्

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को وليعهد और उप प्रधान मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया हैण् वह रक्षा मंत्री के रूप में अपना पद बनाए रखेंगेण्