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दादरी: यूपी पुलिस ने गांव का रास्ता किया बंद , मुस्लिम आबादी पड़ी अलग-थलग, ग्रामीण बोले-दुर्घटना का खतरा बढ़ा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दादरी (यूपी)
दादरी की मुस्लिम बस्ती, नई आबादी के निवासियों को लगभग तीन महीने से बंद कर दिया गया है. इसकी वजह है पुलिस द्वारा एक सदी पुराने मार्ग पर एक कंक्रीट की दीवार खड़ी करना. यह मुस्लिम इलाके को बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है. आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस जिले के अधिकारी कथित तौर पर कुछ बहुसंख्यक समुदाय के लोकल नेताओं के प्रति निष्ठा रखते हंै. पुलिस ने घटना की पुष्टि की है. बताया कि पिछले साल 28 दिसंबर को यह कहते हुए मार्ग (भूमि) बन कर दिया था, क्यों कि यह ‘निजी संपत्ति‘ है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग का उपयोग मुख्य रूप से क्षेत्र के मुसलमान करते थे, क्योंकि मार्ग के पास बड़ी संख्या में केवल मुस्लिम आबादी है. पुलिस ने हालांकि कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.स्थानीय मुसलमानों ने कहा कि यह गली मुख्य मार्गों में से एक थी, क्योंकि यह नई आबादी क्षेत्र को दादरी के मुख्य बड़े बाजार और रेलवे रोड से सीधे जोड़ती है.

क्षेत्र के लोगों ने बताया कि 28 दिसंबर की शाम को पुलिस ने बहुसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों के इशारे पर मजदूरों द्वारा जबरन सड़क बंद कर दी.दादरी जिले के रहने वाले गुड्डू ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस ने इस रास्ते को बंद किया हो. इससे पहले भी कई बार इस मार्ग को बंद किया गया है, लेकिन इस बार मुसलमानों को घरों में बंद कर मार्ग बंद कर दिया गया.

गुड्डू ने आगे कहा कि यह सड़क समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक महिंदर सिंह भाटी की निजी जमीन पर करीब 100 साल पहले बनी थी.विधायक भाटी कांग्रेस विधायक समीर भाटी के पिता थे.समीर भाटी ने जय हिंद संवाद नाम के एक स्थानीय अखबार से बात करते हुए कहा कि ‘‘फिलहाल, मुझे जमीन के बारे में पता नहीं है. मैंने यह जमीन अपने भाई को सौंप दी और मेरे भाई ने इस जमीन को कुछ स्थानीय लोगों को बेच दिया.

कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि विधायक भाटी झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. उन्हें इस मामले के बारे में सबकुछ पता है. उन्होंने दीवार इसलिए बनाई है ताकि मुसलमान इस रास्ते का इस्तेमाल न करें. भाटी ने यह उन लोगों के कहने पर किया है, जिन्होंने उससे इस मार्ग की भूमि खरीदी है.

गुड्डू आगे पूछते हैं कि अब कैसे 100 साल पुरानी सड़क को ब्लॉक किया जा सकता है.ग्रेटर नोएडा के डीसीपी अमित कुमार का कहना है कि एक खास समुदाय के लोग रास्ता बंद करने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन पुलिस को बताया गया है कि सड़क भाटी की निजी जमीन थी. इसके अलावा इससे जुड़ी और कोई जानकारी हमारे पास नहीं है.

दादरी के नई आबादी क्षेत्र के निवासी शहजाद मलिक ने कहा कि समीर भाटी दादरी में मुस्लिम वोटों के कारण कई बार चुनाव जीत चुके हैं. इसी तरह उनके पिता महिंदर सिंह भाटी ने भी मुस्लिम वोटों के सहारे दादरी में सरकार बनाई थी, लेकिन अब भाटी ने जमीन के खरीदारों के कहने पर दीवार खड़ी कर दी. हमारा रास्ता हमेशा के लिए बंद कर दिया.

हारून नाम के एक निवासी ने बताया कि दीवार को दूसरी तरफ एक पुराने शटर से ढक दिया गया है ताकि किसी को पता न चले कि यहां पहले कोई रास्ता हुआ करता था.

स्थानीय लोगों में हादसों की आशंका

स्थानीय लोगों का कहना है, ‘‘इस मार्ग की उपस्थिति के कारण, हमें और हमारे बच्चों को जिले में कहीं भी जाने के लिए जीटी रोड से नहीं गुजरना पड़ता था, जिससे हम और हमारे बच्चे सड़क दुर्घटनाओं से बच गए थे.‘‘दादरी निवासी मलिक का कहना है कि इस मार्ग के बंद होने से यहां के निवासियों, खासकर बच्चों और महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.उन्होंने बताया,“बच्चे भी स्कूल जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते थे, ताकि वे सड़क दुर्घटना से बच सकें और माता-पिता को भी उनकी चिंता नहीं होती थी.

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हारून कहते हैं, ‘‘जी.टी. सड़क हादसों की खबरें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं. यह अब मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोगों में डर का विषय बन गया है.‘‘उन्होंने कहा,“दीवार के दूसरी तरफ एक मस्जिद भी है जहाँ इलाके के मुसलमान नमाज अदा करने जाते थे, लेकिन रास्ता बंद होने के बाद मुसलमानों को मस्जिद तक पहुँचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है. इसमें अधिक समय लगता है, जिसके कारण कई बार हमारी नमाज का समय निकल जाता है.”

हारून ने यह भी कहा कि दीवार के दूसरी तरफ एक केमिस्ट की दुकान भी है, जहां क्षेत्र के निवासी आपात स्थिति में दवा खरीदने जाते थे. यह एकमात्र केमिस्ट की दुकान है जो हमारे करीब हुआ करती थी,लेकिन अब इस रास्ते के बंद होने के बाद इस केमिस्ट की दुकान भी हमसे काफी दूरी पर हो गई है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस 24 घंटे रोड के सामने खड़ी रहती है ताकि कोई स्थानीय मुसलमान दीवार न तोड़ सके.

हारून ने कहा कि नई आबादी क्षेत्र के मुसलमानों ने मार्ग को फिर से खोलने के लिए कई बार विरोध किया, लेकिन कोई भी दीवार हटाने को तैयार नहीं हुआ.

हारून आगे कहते हैं कि ‘‘हमने एसीपी कार्यालय के सामने धरना भी दिया और एसीपी ने हमें आश्वासन भी दिया कि जल्द ही दीवार को हटाने और सड़क को फिर से खोलने की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.हम भी अदालत गए और इस मामले में एक वकील से मिले. वकील ने हमें बताया कि कानून के मुताबिक कोई भी सड़क इस तरह से बंद नहीं की जा सकती, चाहे वह किसी की निजी जमीन पर ही क्यों न हो.”