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सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी दरगाह ध्वस्त, सोशल मीडिया में वीडियो पर चर्चा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हरिद्वार ( उत्तराखंड)

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के बहादुराबाद क्षेत्र में शनिवार को एक बड़ी घटना सामने आई जब प्रशासन ने एक दरगाह पर बुलडोजर चला दिया. यह कार्रवाई राज्य सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत की गई, जिसमें प्रशासन ने दरगाह को अवैध बताकर उसे गिरा दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद इस घटना पर बहस शुरू हो गई है.

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब राज्य सरकार पहले से ही कुछ मुस्लिम-विरोधी फैसलों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है. दरगाह को गिराए जाने के बाद विवाद ने और भी तूल पकड़ लिया. इस मामले में उत्तराखंड सरकार ने अपनी कार्रवाई के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया है.

दरगाह पर बुलडोजर चलाने की घटना

राजपुर गांव में स्थित इस दरगाह को गिराने की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत की गई. अधिकारियों का दावा है कि दरगाह सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी. इसे गिराने का कदम सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई का हिस्सा है.

यह कार्रवाई हरिद्वार जिले के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के नेतृत्व में की गई, जिसमें बुलडोजर की मदद से दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया. प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए की गई है. इसके लिए भारी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके.

जिला प्रशासन ने इस घटना के बाद एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि अवैध निर्माण को किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य कोई निर्माण.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और प्रशासन की सफाई

हरिद्वार जिला प्रशासन का कहना है कि दरगाह को गिराने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार की गई है, जिसमें 2016 के बाद किसी भी नए धार्मिक स्थल के निर्माण या उनके जीर्णोद्धार के लिए जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य की गई है.

मनीष सिंह, जो इस अतिक्रमण विरोधी अभियान के नोडल अधिकारी हैं, ने बताया कि दरगाह के निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति जिला प्रशासन से नहीं ली गई थी. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है, और इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने आगे कहा कि अतिक्रमण हटाने का यह अभियान हरिद्वार जिले में पहले भी चलाया गया है और आगे भी जारी रहेगा.

अतिक्रमण हटाओ अभियान का व्यापक प्रभाव

उत्तराखंड राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में सार्वजनिक संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. यह अभियान विशेष रूप से सरकारी और ग्राम सभा की जमीनों पर हो रहे अवैध निर्माणों को हटाने पर केंद्रित है.

हरिद्वार जिले में इस अभियान का विशेष जोर रहा है, जहां प्रशासन ने पहले भी कई अवैध निर्माणों को हटाया है. जिला प्रशासन का कहना है कि सार्वजनिक भूमि पर किए गए अवैध कब्जे एक गंभीर मुद्दा बन चुके हैं, और इन्हें हटाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। चाहे वह आवासीय हो, व्यावसायिक हो या धार्मिक स्थल, सभी प्रकार के अवैध निर्माणों को हटाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

वीडियो वायरल और लोगों की प्रतिक्रिया

दरगाह को गिराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद इस घटना पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कुछ लोग इस कार्रवाई को प्रशासनिक मजबूती और कानून के पालन का हिस्सा मानते हैं, जबकि अन्य इस कार्रवाई को धार्मिक भावना के खिलाफ मान रहे हैं.

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बुलडोजर दरगाह को गिराते हुए आगे बढ़ रहा है, जबकि पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके. वीडियो को लेकर लोगों के बीच गहन बहस हो रही है, जिसमें एक वर्ग प्रशासन के इस कदम का समर्थन कर रहा है और दूसरा वर्ग इसे धार्मिक भावनाओं पर चोट मान रहा है.

सरकार की नीति और भविष्य की दिशा

उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य कोई संरचना, अगर वह अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाई गई है, तो उसे गिराने के लिए प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा.

सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई केवल हरिद्वार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे राज्य में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा. राज्य में इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश दिया जा रहा है कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

मुस्लिम समुदाय में बढ़ता असंतोष

हालांकि प्रशासन की यह कार्रवाई कानून के दायरे में की गई है, लेकिन मुस्लिम समुदाय में इसका गहरा असर देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ फैसलों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है. दरगाह को गिराने की घटना ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है, जिससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव की संभावना भी जताई जा रही है.

यह देखना बाकी है कि राज्य सरकार इस मामले को कैसे संभालती है और क्या वह मुस्लिम समुदाय की नाराजगी को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं ?