श्रीलंका! मैं तुम्हारा अपराधी हूँ
मंसूर अफाकी
सियालकोट की घटना पर बोले इमरान खान, यह पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन है. उस्मान बुजदार ने कहा कि जिम्मेदार तत्व इंसान कहलाने के लायक नहीं है. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने कहा, ‘‘हम इस दुखद घटना की कड़ी निंदा करते हैं. ताहिर अशरफी ने कहा, ‘‘एक मुस्लिम होने के नाते मुझे इस घटना पर शर्म आती है. सिराज-उल-हक ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और इस्लाम और मानवीय गरिमा का अपमान है.
मौलाना तारिक जमील ने कहा कि इस्लाम में हिंसा और उग्रवाद के लिए कोई जगह नहीं है. अल्लामा सैयद जफरुल्ला शाह ने कहा कि ऐसी हिंसक घटनाओं के लिए नए कानून की आवश्यकता है. पूर्व संघीय मंत्री परवेज राशिद ने कहा, मैं विफल हो गया, श्रीलंका! मैं आपका अपराधी हूं.
जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि यह बेहूदा हत्या बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. हम पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. ऐसी हर त्रासदी के बाद इस तरह के बयान पढ़े जा सकते हैं, लेकिन उसके बाद?
2009 में गुजरा में 40 ईसाई घरों को आग लगा दी गई थी. 2013 में, लाहौर के जोसेफ कॉलोनी में, 100 से अधिक ईसाइयों के घर धराशायी हो गए थे. हाल का इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है. कौन है जो पाकिस्तान को जानवरों का उपनिवेश बना रहा है? इस अज्ञानी अतिवाद से समाज को किसने भर दिया है?
मेरी राय में, पाकिस्तान में इन समस्याओं का पहला कारण जुल्फिकार अली भुट्टो है. दूसरा जनरल जिया-उल-हक. आप सोच रहे हैं कि मैंने भुट्टो के नाम का उल्लेख क्यों किया. हालांकि भुट्टो एक उदार नेता थे. ऐसी मांगों को स्वीकार करने के मामले में. इसके कारण पाकिस्तान विदेशियों के लिए अजनबी बन गया. इसने एक तरफ पर्यटन उद्योग को तबाह कर दिया. दूसरी तरफ पाकिस्तान कुछ ही महीनों में दुनिया से कट गया. शनिवार और रविवार को दुनिया बंद रहती है. शुक्रवार को पाकिस्तान बंद रहता है. भुट्टो के बाद जनरल जिया आए और और तबाही मचा दी. व्याकुल हृदय और गीले मन लोग यहां से पलायन करने लगे. जनरल जिया द्वारा बनाए गए मुजाहिदीन अल्लाह और उसके रसूल के नाम पर दुश्मन को मारने के लिए उनसे लिए गए थे, लेकिन उसके बाद?
फिर उसने उन्हें वापस उनके घरों में भेज दिया जहां दुनिया अलग थी. फिर इस हवा से तालिबान का जन्म हुआ. फिर इन तालिबानों से ‘‘पाकिस्तानी तालिबान‘‘ पैदा हुए, जिन्होंने हमें मार डाला. हमारे बच्चों को स्कूलों में मारने से भी नहीं रोका.
जनरल जिया के कार्यकाल में फिल्म, कला और नाटक आदि का नरसंहार हो सकता था, और फिर यह सिलसिला चलता रहा. इससे समाज में सहिष्णु दृष्टिकोण का लोप हो गया. सहनशक्ति चली गई. जो दिल धड़क रहा था वह पत्थर में बदल गया.क्या आपको आश्चर्य है कि क्या पाकिस्तानी समाज हिंसक हो गया?
जब हर तरह का मनोरंजन उनसे छीन लिया जाएगा तो लोग क्या करेंगे? आज पाकिस्तान में बहुत सारे सिनेमाघर हैं जहां लोग फिल्में देख सकते हैं. इतने सारे थिएटर हैं.जहां नाटक देखा जा सकता है. इतनी सारी कला परिषदें. हाल ही में एक बैठक में, पंजाब के सूचना और संस्कृति सचिव राजा जहांगीर अनवर ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कुछ शहर इमारतों को किराए पर लें और वहां कला परिषदें स्थापित करें. किसी ने मुझसे कहा, जल्दी क्या है? जब लोग कला को अनावश्यक मानने लगते हैं, तब समाज हिंसक नहीं होगा और क्या होगा.
पहले हर शहर में साल में आठ-दस छोटे-बड़े काव्य उत्सव होते थे. अब एक भी नहीं. किसी शहर में कोई कला समाज नहीं बचा है. साहित्यिक संस्थाएं खत्म हो गई हैं. अब मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस पर विशेष ध्यान दिया है.उन्होंने हर शहर में साहित्यिक बैठकें करने का आदेश दिया है,लेकिन चालीस साल से नष्ट हो चुके समाज को वापस लाने में समय लगेगा.
मैंने अपने जीवन के कई वर्ष यूके में बिताए. वहां बैठकर मैंने एक बार लिखा था, ‘‘मैं ब्लैक कंट्री के डुडले में बड़ी मस्जिद में बैठा हूं. यह मस्जिद हाई स्ट्रीट की शुरुआत से जुड़ी हुई है. कश्मीर की छाया में मुहम्मद अली जिन्ना हॉल भी है और एक भी है इसके आसपास के सिनी गैग.
मैं मस्जिद, चर्च और चर्च के बीच संवाद सुन रहा हूं. सदियों से मेरी सुनवाई चल रही है. मेरी दृष्टि समय को कैद कर रही है. मैं इन तीन विश्व धर्मों के बीच अंतर-धार्मिक और अंतरसांस्कृतिक समाज में निकटता महसूस कर सकता हूं.
इब्राहीम की दहलीज पर मैं इन तीनों रास्तों को एक-दूसरे के करीब आते देखता हूं. ब्रिटेन ने ऐसा समाज कैसे बनाया? हम इस मंजिल पर कब पहुंचेंगे? ये सवाल कब तक जवाबों के प्यासे रहेंगे? क्या कोई है जो मुझे बता सकता है?
लेखक स्तंभकार हैं. यह लेख पाकिस्तान के जियो न्यूज से साभार लिया गया है.
श्रीलंकाई नागरिक की मौतः छह और आरोपी गिरफ्तार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस का कहना है कि श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के सिलसिले में छह और प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रविवार को पंजाब पुलिस ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर एक ट्वीट में लिखा, ‘पंजाब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डेटा से पिछले 12 घंटों में छह और मुख्य पात्रों की पहचान की है और उन्हें गिरफ्तार किया. आरोपी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घरों में छिपे हुए थे.
शनिवार को लाहौर में एक मीडिया ब्रीफिंग में आईजी पुलिस पंजाब राव सरदार अली खान ने कहा था कि 24 घंटे में 160 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की समीक्षा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 200 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई.
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने हजारों कॉलों के रिकॉर्ड भी खंगाले हैं. सेल्फी लेने, वीडियो बनाने और पत्थर लाने वालों को गिरफ्तार किया है.आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है और जांच अभी भी जारी है.‘‘ राव सरदार अली खान ने आगे कहा, ‘‘मारे गए श्रीलंकाई नागरिक के शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया है. शव को गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के जरिए श्रीलंकाई उच्चायोग को सौंपा जाएगा.‘‘
उधर, गुस्साई भीड़ द्वारा मारे गए श्रीलंकाई नागरिक के शव को लाहौर शिफ्ट कर दिया गया है.सहायक आयुक्त सियालकोट मुहम्मद मुर्तजा की अध्यक्षता में शव को लाहौर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. व्यवस्था के बाद पार्थिव शरीर को श्रीलंका ले जाया जाएगा.
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक विदेश रवाना होने से पहले शव अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में रहेगा.इस बीच श्रीलंकाई फैक्ट्री मैनेजर प्रियंता कुमारा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंता कुमारा के शरीर के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की वजह से हड्डियां टूट गई थीं.