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Mathura Shahi Eidgah सर्वेक्षण कराने का फैसला पूजास्थल अधिनियम के खिलाफ : अरशद मदनी

यूनुस अलवी, नूंह/मेवात,

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ( Jamiat Ulema-e-Hind) (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी शुक्रवार को नूंह के फिरोजपुर झिरका पहुंचे. उन्होंने नूंह हिंसा में विस्थापित लोगो को जमीन की रजिस्ट्री और आर्थिक मदद करने के बाद मीडिया से बात करते हुए मथुरा की जामा मस्जिद और फिलिस्तीन पर अपनी राय रखी.

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, भारत और जमीयत उलेमा हिंद फिलिस्तीन में कत्लेआम के खिलाफ हैं. अब फिलिस्तीन को आजादी मिलनी चाहिए. इजराइल ने जो पहले मुहायदा किया ,है उस पर कायम रहते हुए फिलिस्तीन पर किए कब्जे को छोड़ना होगा. उन्होंने कहा भारत देश और जमीयत आज भी फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं.

वही उन्हों मथुरा स्थित शाही ईदगाह का सर्वेक्षण कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय फैसले से असहमति जताते हुए शुक्रवार कहा कि यह निर्णय 1991 के पूजास्थल अधिनियम के खिलाफ है.मौलाना मदनी ने कहा कि इस कानून को खत्म कर देना चाहिए और फिर जो चाहें वो किया जाए.

उन्होंने कहा कि इस्लाम का उसूल है कि अगर किसी जगह को उजाड़ कर कोई मस्जिद बनाई जाती है तो वह मस्जिद नहीं. उन्होंने कहा, “हमारा दावा है कि जितनी मस्जिदों पर वे (हिंदू पक्ष) दावा करता है, वो सही नहीं है. बाबरी मस्जिद को लेकर भी सही नहीं था. उच्चतम न्यायलय ने फैसला दिया है कि किसी मंदिर को तोड़कर उस मस्जिद को नहीं बनाया गया था. ”

अरशद मदनी ने क्यों कहा, जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई गई हमें स्वीकार नहीं ?

मदनी ने कहा, “अदालत ने आस्था की बुनियाद पर बाबरी मस्जिद की जगह को मंदिर बनाने के लिए दे दिया और यह बात साबित हो गई कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी.”ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अदालत के आदेश पर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से क्या होता है, सर्वेक्षण तो बाबरी मस्जिद का भी हुआ था, “सर्वेक्षण ने ही तो बताया था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी.

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इन मस्जिदों पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए. आखिर तक कानूनी लड़ाई अदालत में लड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह साबित किया जाए कि किसी मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, लेकिन बाबरी मस्जिद मामले में यह साबित नहीं हुआ , “इसलिए मुसलमानों को इन मस्जिदों पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए.”

उन्होंने कहा कि देश में हलाल को कोई विवाद नहीं है और सिर्फ उत्तर प्रदेश में था जो भी खत्म हो चुका है.अलग अलग राज्यों में मांस की दुकानों को बंद करने को लेकर कहा कि खुले में मांस बेचना सही नहीं है. इसकी बिक्री पर्दे में होनी चाहिए या शीशे लगाकर होनी चाहिए. सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए.

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