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जमीयत उलेमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल संभल पहुंचा: पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,संभल (उत्तर प्रदेश)

पुलिस फायरिंग की हालिया घटनाओं और बेगुनाहों की गिरफ्तारी के मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए एक प्रतिनिधिमंडल को संभल भेजा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने किया.

मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल ने शहर के प्रतिष्ठित लोगों और अधिकारियों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए हालिया पुलिस फायरिंग की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बेगुनाहों की गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की.


प्रतिनिधिमंडल ने फायरिंग और गिरफ्तारी के मामले में मुख्यतः विष्णु जैन सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच कराने पर जोर दिया ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जा सके.

पीड़ित परिवारों को मुआवजे की मांग

प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने यह तर्क दिया कि पीड़ित परिवारों ने अपनी रोजी-रोटी और सुरक्षा को लेकर गहरे आघात का सामना किया है, और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उनकी मदद करे.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख हस्तियां

इस प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी के साथ कई अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे, जिनमें मौलाना ग़यूर अहमद क़ासमी, मौलाना अलाउद्दीन कासमी (हापुड़), मौलाना ज़ियाउल्लाह कासमी और एडवोकेट मिर्जा आकिब बेग प्रमुख हैं.

इसके अतिरिक्त, स्थानीय जमीयत उलेमा की टीम ने भी इस मामले में सक्रिय भागीदारी दिखाई. हाफिज़ शाहिद (जमीयत उलेमा संभल), मौलाना नदीम अख्तर, मौलाना अब्दुल ग़फूर, डॉ. रेहमान और मोहम्मद रेहान ने प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर स्थानीय स्तर पर पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए..

स्थानीय लोगों से भी संवाद

प्रतिनिधिमंडल ने संभल के प्रमुख नागरिकों और धार्मिक नेताओं से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने समुदाय में शांति और भाईचारे को बनाए रखने की अपील की और यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.

जमीयत का बयान और आगामी कदम

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि वह इस घटना के हर पहलू की बारीकी से निगरानी कर रही है और यदि सरकार या प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई नहीं होती है तो यह मामला बड़े स्तर पर उठाया जाएगा. संगठन ने स्पष्ट किया कि वह न केवल कानूनी मदद देगा बल्कि जरूरत पड़ने पर जन आंदोलन भी करेगा.

मौलाना महमूद मदनी का संदेश

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने बयान जारी करते हुए कहा,”यह हमारे देश और समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्दोष लोगों पर जुल्म किया जा रहा है. हमें ऐसे अन्याय के खिलाफ एकजुट होना होगा और प्रशासन को जवाबदेह ठहराना होगा.”

समाज के बीच बढ़ी जागरूकता

जमीयत के इस कदम ने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि प्रदेश और देश के स्तर पर भी जागरूकता पैदा की है. लोग अब इस मामले पर प्रशासन की प्रतिक्रिया और कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं.

यह प्रतिनिधिमंडल संभल से वापस लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट मौलाना मदनी को सौंपेगा और आगे की रणनीति तैयार करेगा.इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, और न्याय की मांग के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता

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