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दिल्ली पुलिस ने मुस्लिम लीडर्स को निशाना बनाने वाले काॅमेडियान आकाशदीप के खिलाफ FIR करने से मना किया ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

स्टैंडअप कमेडियन आकाशदीप के एक वीडियो को लेकर मुसलमानों के एक वर्ग मंे गुस्सा है. वे चाहते हैं कि आकाशदीप को उनकी इस ‘करतू’ के एवज मंे कानूनन दंडित मिले.ऐसे ही लोगों में से एक हैं शादाब खान. वह खुद को मुस्लिम एक्टिविस्ट और देश में नफरत का माहौल बनाने वालों को सलाखों तक ले जाने वाला मानते हैं.

शादाब खान चाहते हैं कि आकाशदीप को उनके किए की सजा मिले. उनका आरोप है कि इस मामले में पुलिस मदद नहीं कर रही है. उन्हांेने एक व्यक्ति के हवाले से कहा कि वह जब थाने में आकाशदीप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गए तो ऐसा करने से मना कर दिया गया.

शादाब खान ने अपने एक्स हैंडल पर आकशदीप का विवादास्पद वीडियो और कथित तौर पर थाने में दर्ज कराने से मना करने वाला हस्तलिखित आवदेन भी साझा किया है.

इसके अलावा उन्हांेने एक्स पर लिखा है-‘‘दिल्ली के एक निवासी ने आकाशदीप द्वारा कॉमेडी की आड़ में मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम धार्मिक नेताओं को निशाना बनाकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में दिल्ली पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने जवाब दिया कि एफआईआर तभी दर्ज होगी, जब आकाशदीप ने आपको व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाया हो.इसके साथ शादाब खान आगे लिखते हैं-‘‘मुफ्ती सलमान अजहरी साहब के ऐसे ही एक मामले में गुजरात पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया और लगातार तीन अलग-अलग जिलों में एफआईआर दर्ज करा दी.कहते हैं कि कानून सबके लिए बराबर है.’’

दरअसल, सलमान अहजरी के मामले में मुसलमानों का एक वर्ग गुजरात पुलिस की कार्रवाई से बेहद नाराज है. एआईएमआईएम के सदर ओवैसी का आरोप है, ‘‘ मौलान को गुजरात पुलिस मंच से केवल एक शेर पढ़ने की सजा दे रही है. मौलाना एक जेल से निकलते हैं तो दूसरा मुकदमा दर्ज कर उन्हें दोबारा जेल में डाल दिया जाता है. ऐसा कई बार हो चुका है.

हालांकि, वही शेर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के चर्चित खिलाड़ी खली इंस्टाग्राम पर गाते देखे गए. यही नहीं महाराष्ट्र से एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने भी उक्त शेर कहने पर मौलाना को जेल में डालने की आलोचना की है.

इससे इतर आकाशदीप मुस्लिम रहनुमा को जिस तरह की बातें कीं हैं, वह वास्तव में कानून के दायरे में आने लायक है. ऐसे आरोप में बिग बाॅस के विजेता और काॅमेडियन मुनव्वर फारूकी को मध्य प्रदेश में एक महीने से ज्यादा की जेल की सजा काटनी पड़ी थी. मगर दिल्ली पुलिस की नजर में यह कोई अपराध नहीं है.