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Delhi मंगोलपुरी की घटना को सांप्रदायिक रंग देने वालों को दिल्ली पुलिस का करारा जवाब

दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 25 वर्षीय युवक रिंकू शर्मा की हत्या में कोई सांप्रदायिक ऐंगिल नहीं हैं। इसके बावजूद देश-समाज में नफरत घोलने वाले घटना के बाद से इसे मजहबी रंग देने के प्रयास में लगे हैं। विशेषकर वे लोग जिनका दिल्ली दंगों में बार-बार नाम आता रहा है और अब तक कानून की पकड़ से बाहर हैं।

दिल्ली का माहौल खराब करने को आमादा एक तबका सोशल मीडिया पर निरंतर भ्रम फैल रहा है कि रिंकू शर्मा आयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा उगाही के अभियान में लगा था। इस लिए उसकी मुस्लिम युवकों ने हत्या कर दी। सोशल मीडिया पर इस तरह के दुष्प्रचार के साथ विभिन्न कारणों से दिल्ली में मारे गए कुछ युवकों की तस्वीरें भी चलाई जा रही हैं।

इसके विपरीत दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि रिंकू की हत्या व्यावसायिक रंजिश का नतीजा है। इसके लिए किसी सांप्रदायिक पहलू को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

बता दें कि बुधवार देर रात जन्मदिन की एक पार्टी में बहस के बाद रिंकू शर्मा की उसके तीन तीन दोस्तों ने चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।

पुलिस का यह स्पष्टीकरण तब आया है जब कुछ संगठनों ने हत्या को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया और ट्विटर पर श्हैशटैग जस्टिस फॉर रिंकू शर्माश् ट्रेंड करने लगा।

मामले में शामिल होने के चार आरोपियों .. दानिश, इस्लाम, जाहिद और मेहताब को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बाहरी दिल्ली के डीसीपी ने कहा- ‘‘अब तक, जांच के दौरान, यह सामने आया है कि झगड़ा जन्मदिन की पार्टी के दौरान एक रेस्तरां को बंद करने को लेकर शुरू हुआ था। सभी एक.दूसरे को जानते थे। एक ही इलाके में रहते थे। इस घटना के पीछे कोई और मकसद होने की बात गलत है।’’