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कर्नाटक में मुस्लिम डिप्टी सीएम की मांग: सुन्नी वक्फ बोर्ड प्रमुख बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

कर्नाटक की बीजेपी सरकार में ‘मलाई काटने’ वाले सुन्नी उलेमा प्रदेश मंे मुस्लिम डिप्टी सीएम और पांच विधायकों को गृह जैसा अहम मंत्रालय देने की मांग उठाकर एक नया राजनीतिक फच्चर फंसा दिया है. कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया ? अभी इसको लेकर कांग्रेस में खींच-तान मची हुई है. कुछ सुन्नी उलेमा की मांग इस विवाद में घी डालने की कोशिश है.

ये वही उलेमा हैं, जो हिजाब, हलाल, मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार, मुसलमानों का आरक्षण समाप्त करने पर मुंह सिले हुए थे. मगर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते देखकर उनका मुस्लिम प्रेम जाग उठा है.

इस बीच सुन्नी उलमा बोर्ड के नेताओं का कहना है कि उनके समुदाय ने विधानसभा चुनाव जीतने में कांग्रेस का खुलकर साथ दिया, इसलिए इस कौम के हिस्से एक उपमुख्यमंत्री और पांच मंत्री का पद बनता है.

इस नए विवाद के चलते ऐसा लगता है कि कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद सबसे पुरानी पार्टी को न केवल सीएम पद के लिए, बल्कि डिप्टी सीएम पद और कैबिनेट कुर्सियों के लिए भी लोगों को समायोजित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, सुन्नी उलेमा बोर्ड के नेताओं ने अनुरोध किया है कि पांच विधायक जो मुस्लिम हैं उन्हें गृह, राजस्व और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जाने चाहिए.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हमने चुनाव से पहले ही कहा था कि उपमुख्यमंत्री एक मुस्लिम होना चाहिए और हमें 30 सीटें दी जानी चाहिए.हमें 15 मिलीं और 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते. लगभग 72 निर्वाचन क्षेत्रों में, कांग्रेस विशुद्ध रूप से मुसलमानों के कारण जीती है. हमने, एक समुदाय के रूप में कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है. अब समय आ गया है कि बदले में हमें कुछ मिले. हम एक मुस्लिम उपमुख्यमंत्री और अच्छे पोर्टफोलियो वाले पांच मंत्री चाहते है. इसके अलावा हमें धन्यवाद देना कांग्रेस की जिम्मेदारी है. इन मांगों को लेकर सुन्नी उलमा बोर्ड कार्यालय में एक आपातकालीन बैठक हुई.सादी ने हालांकि कहा कि यह अप्रासंगिक है कि 9 विधायकों में से किसे पांच विभाग मिलते हैं.

​​सादी मुसलमानांे को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं

क्या किसी प्रदेश में 90 लाख मुस्लिम आबादी मात्र से किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए ? जाहिर है यह मांग ही बेतुका है. मगर इस तरह की मांग कर सादी कर्नाटक के मुसलमानों को कांग्रेस के प्रति भड़का रहे हैं.सादी का कहना है कि कांग्रेस को तय करना है कि किसने अच्छा काम किया और अच्छा उम्मीदवार है. कई मुस्लिम उम्मीदवारों ने अन्य निर्वाचन क्षेत्रों का भी दौरा किया और वहां प्रचार किया. हिंदू-मुस्लिम एकता सुनिश्चित करने मंे अहम रोल अदा किया. कांग्रेस की जीत में उनकी अहम भूमिका है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय से एक आदर्श डिप्टी सीएम बनता है. यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि इसपर अमल करे.

उन्हांेने कहा कि यह निश्चित रूप से होना चाहिए. चुनाव से पहले ही यह हमारी मांग थी. इसे पूरा किया जाना चाहिए. हम केवल डिप्टी सीएम को मुस्लिम होने के लिए कह रहे हैं. वैसे आदर्श रूप से कर्नाटक में एक मुस्लिम मुख्यमंत्री होना चाहिए. कर्नाटक के इतिहास में कभी कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री नहीं रहा है. राज्य में 90 लाख लोग मुस्लिम हैं. अनुसूचित जाति के अलावा हम सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हैं. हमें जो 30़ सीटें चाहिए थीं, वे नहीं मिलीं. लेकिन हमें कम से कम एसएम कृष्णा की तरह पांच मुस्लिम मंत्री और अब डिप्टी सीएम चाहिए.

सादी की इस मांग को लेकर भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, धर्मनिरपेक्षता की कीमत होती है. लगता है कांग्रेस अपने वादों से आगे बढ़ गई है. यह सोच कर कि वे कभी नहीं जीत पाएंगी, लेकिन दुर्भाग्य से उनके लिए अपनी योजना से भटक गई है.

बीजेपी के आदमी हैं शफी सादीः कांग्रेस

भाजपा द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद, कांग्रेस ने कहा कि शफी सादी को भाजपा का समर्थन प्राप्त है. भाजपा को दक्षिणी राज्य अलविदा कराने के बाद कांग्रेस पर हमला करने का यह मुद्दा बना दिया है.मालवीय पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा, मैं नकली होने की आपकी आवश्यकता को समझता हूं. लेकिन यह थोड़ा अधिक है. शफी सादी भाजपा द्वारा समर्थित हैं.

खेड़ा ने एक समाचार का लिंक भी संलग्न किया जिसमें कहा गया कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुनाव में सादी को भाजपा का समर्थन प्राप्त था.

कर्नाटक में नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा अगले मुख्यमंत्री का चयन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत किए जाने के बाद से मुख्यमंत्री पद के लिए लड़ाई तेज हो गई है. ताजा विवाद खड़ा इसे और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. इस पद के लिए दो प्रमुख दावेदार, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार हैं. कांग्रेस पार्टी सीएम-डिप्टी सीएम के पद पर विचार कर सकती है. जैसा कि राजस्थान में किया है.वहां अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं और सचिन पायलट डिप्टी.