Muslim World

Demolition of the Babri Masjid बरसी पर मुसलमानों ने जताया गुस्सा

त्तर प्रदेश के अयोध्या में  28 वर्ष पहले पगलाई भीड़ द्वारा बाबरी मस्जिद ढाने पर लोगों ने गुस्से का इज़हार किया. इस मौके पर उन्होंने घटना को न भूलने की कसमें खाईं. एआईएमआईएम ने आहवान किया कि मुल्क में बनने वाली हर नई मस्जिद का नाम ‘बाबरी मस्जिद’ रखा जाए.

 हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हिंदुओं के पक्ष में फैसला देने के चलते मस्जिद के स्थान पर भव्य राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया है. इसके बावजूद मुसलमान घटना को भूल नहीं पाए हैं.बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी पर मुस्लिम संगठनों ने विभिन्न तरीके से इस हादसे को याद किया. इस समय दिल्ली में किसान आंदोलन शबाब पर है. इसके चलते मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर किसान ही छाए है. मगर बाबरी मस्जिद की शहादत की बरसी पर किसान पीछे छूट गए. दिनभर मस्जिद गिराने की घटना अलग-अलग तरीके से याद की गई.
  उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर 1992 को हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद पर धावा बोल कर जमींदोज कर दिया था. तब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी. बरसी पर इसके लिए कांग्रेस को भरपूर कोसा गया. काशिफ अरसान ट्वीट करते हैं-‘बाबरी मस्जिद की शहादत हम नहीं भूलेंगे. देश में कांग्रेस शासन था. तब हरामखोरों ने ओछी हरकत की.’ एआईएमआईएम (aimim) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी का कहना है कि देश में बनने वाली हर नई मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा जाए. बरसी पर राजनीतिक दल प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे. इसके इतर माले के दीपांकर भट्टार्चाय ने अपने ट्वीटर हैंडल से बाबरी मस्जिद विध्वंस को याद किया.

घटना को सोशल मीडिया पर वायरल करने के लिए बाबरी मस्जिद से संबंधित तीन हैशटैग चलाए गए.

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