क्या आप हमास की निंदा करते हैं ?
फैसल जे. अब्बास
इजराइल के मुख्य विपक्षी नेता यायर लैपिड एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने 7 अक्टूबर की भारी खुफिया विफलता के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग की है. लैपिड ने इजरायली आबादी और यहां तक कि मौजूदा दक्षिणपंथी चरमपंथियों की अपनी सरकार के बीच बढ़ती भावना को प्रतिध्वनित किया है.उन्होंने कहा, ‘‘ जो इस तरह से असफल हो गया वह आगे नहीं बढ़ सकता.’’ लैपिड ने कहा कि नेतन्याहू, जिनकी निगरानी में हमास के लड़ाके गाजा से बाहर निकले और 1,200 से अधिक लोगों को मार डाला, को जाना चाहिए.
मैं लैपिड से सहमत हूं. नेतन्याहू को जाना चाहिए. हालांकि, विपक्षी नेता ने जो कारण बताए हैं, उनके लिए उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए. न ही, नेतन्याहू का अपराध यह मानने से कहीं अधिक है कि 7 अक्टूबर में क्या हुआ था. यह खुफिया निगरानी, सुरक्षा लापरवाही और विभाजनकारी राजनीति का परिणाम है, जिसके साथ इस सरकार ने शुरू से ही खिलवाड़ किया है.
7 अक्टूबर को क्या हुआ था ? नेतन्याहू की 16 साल से चली आ रही सरकार और सोच-समझकर कर हमास द्वारा किया गया हमला, आतंकवादियों का सामूहिक प्रयास के रुप में व्याख्या किया जा रहा है, को बढ़ावा देने और वैध फिलिस्तीनी प्राधिकरण को कमजोर करने और उसके राष्ट्रपति महमूद अब्बास को दरकिनार करने की नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है.
नेतन्याहू की कुटिल योजना एक साथ कई बॉक्स पर टिक गई. एक ओर, उन्होंने फिलिस्तीनी उद्देश्य के लिए एक अस्वीकार्य चेहरे को सशक्त बनाया, एक इस्लामी लड़ाका समूह जो ईरान द्वारा समर्थित है, एक अछूत देष है, और कई देशों द्वारा आतंकवादी समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है. दूसरी ओर, उन्होंने फिलिस्तीनियों के भीतर ही विभाजन को बढ़ा दिया. फिर, अब्बास के अधिकार को कमजोर करने के बाद, नेतन्याहू हर जगह दोहराते रहे कि वह फिलिस्तीनियों के साथ शांति समझौता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई उपयुक्त, वैध प्रयास नहीं किया.
इसका मतलब यह हुआ कि डेढ़ दशक के अधिकांश समय में, नेतन्याहू ने कभी भी फिलिस्तीनी देष के बारे में गंभीरता से बात नहीं की. फिर भी उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि उनकी तीन इच्छाएं पूरी होने से, इजरायली चरम दक्षिणपंथी को गले लगाना, हमास को सशक्त बनाना और पीए को हाशिए पर धकेलना, वह बंदर के पंजे की स्थिति में प्रवेश कर रहे हैं. शैतान के साथ उसका सौदा एक कीमत के साथ होना था, और कीमत वही थी जो 7 अक्टूबर को हुई.अब कुख्यात रूप से दोहराए जाने वाले प्रश्न का स्वाभाविक अनुवर्ती होना चाहिए फिर, आपको नेतन्याहू की निंदा करनी चाहिए.
निःसंदेह, आप सोच सकते हैं कि एक इजरायली प्रधानमंत्री की राजनीति का वर्णन करते समय एक अरब अखबार का संपादक पक्षपाती हो सकता है. यही कारण है कि मैं आपको न केवल इसके लिए मेरा शब्द लेने के लिए आमंत्रित करता हूं, बल्कि टाइम्स ऑफ इजराइल को जो कहता है उसे पढ़ने के लिए भी आमंत्रित करता हूै. अखबार कहता है,
“वर्षों तक, नेतन्याहू ने हमास का समर्थन किया. अब यह हमारे चेहरे पर फूट गया है. स्तंभकार ताल नाइडर का एक मुख्य लेख पढ़ा, जिसने 8 अक्टूबर को हमले के बारे में तर्क दिया था कि अब्बास और फिलिस्तीनी राज्य की कीमत पर, हमास को एक भागीदार के रूप में मानने की नेतन्याहू की नीति के परिणामस्वरूप ऐसे घाव हुए जिन्हें ठीक होने में इजराइल को वर्षों लग जाएंगे.’
उन्होंने कहा, नेतन्याहू ने हमास को एक मात्र लड़ाके समूह से एक ऐसे संगठन में बदल दिया, जिसके साथ इजराइल ने मिस्र के माध्यम से अप्रत्यक्ष बातचीत की, और जिसे विदेशों से नकदी प्राप्त करने की अनुमति दी गई.इजरायल अखबार का यह लेख 2019 में एक निजी बैठक में नेतन्याहू द्वारा की गई टिप्पणियों को भी दोहराता है कि यह गारंटी देने का सबसे अच्छा तरीका है कि फिलिस्तीनी देश कभी भी वास्तविकता नहीं बन सकता है, हमास का समर्थन करना जारी रखना है.
यही कारण है कि मुझे लगता है कि यह अब कुख्यात रूप से दोहराए जाने वाला स्वाभाविक अनुवर्ती है क्या आप हमास की निंदा करते हैं? सवाल यह होना चाहिए, फिर, आपको नेतन्याहू की निंदा करनी चाहिए. आखिरकार, हम सभी जानते हैं कि आतंकवादी समूह समर्थकों के बिना काम नहीं कर सकते. यह देखते हुए कि, कई देशों में, आतंकवाद के समर्थकों को आतंकवादियों के समान ही सजा मिलती है. तब नेतन्याहू को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
दरअसल, अगर इजरायली सेना को हमास समर्थक व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट करने के लिए नहफ शहर में महिलाओं को गिरफ्तार करने की इजाजत है, तो नेतन्याहू पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, न कि केवल भ्रष्टाचार के लिए, इजरायल में, हेग में युद्ध अपराधों के लिए तो छोड़ ही दें.
जैसा कि हाल में सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा, हम इजरायल-हमास युद्ध के प्रति दुनिया की प्रतिक्रिया में दोहरे मानक देख रहे हैं. यदि यह तथ्य कि कुछ वैश्विक शक्तियां इजराइल को गाजा में युद्ध के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने की अनुमति दे रही हैं, एक अपराध है, तो नेतन्याहू को छोड़ने के लिए इजराइल के भीतर से कॉल को अनदेखा करना और भी बड़ा अपराध है.
-फैसल जे. अब्बास अरब न्यूज के प्रधान संपादक हैं
-अरब न्यूज से साभार