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डॉ.बिजन समंदर कौन हैं जिनके गाने ने एनिमल फिल्म को शोहरत दिलाई I Who is Dr. Bijan Samandar

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सलमान और शारुख खान को कमतर आंकने वाले रणबीर कपूर, बाॅबी देओल की फिल्म ‘एनिमल’ को ‘पठान’ और ’जवान’ से ज्यादा कामयाब बता रहे हैं. ऐसे लोगों को शायद पता नहीं कि ‘एनिमल’ को जिसने सबसे ज्यादा शोहरत दिलाई वह है एक ईरानी गाना ‘जमाल, जमालू’. और इस उधारी की शोहरत के पीछे हैं ईरानी गायक, शायर डॉ. बिजन समंदर.

डॉ. बिजन समंदर का लगभग 60 साल पुराना गाना ‘जमाल, जमालू’ को बड़ी खूबसूरती से एनिमल में शामिल किया गया है. बाॅबी देओल की इसी गाने के साथ फिल्म में एंट्री है. हालांकि बिजन सलामंदर का यह गाना एक ईरानी स्कूल के बच्चों द्वारा कोरस में गाने के बाद फेमस हुआ था.

कौन हैं डॉ. बिजन समंदर

आइए, जाने हैं बिजन समंदर के बारे में. उनकी उपलब्धियां क्या रही हैं, हम इसपर भी चर्चा करेंगे.बिजन सलामंदर 1316 में शिराज में पैदा (जन्म 1 जून 1941 शिराज, ईरान और निधन 8 जनवरी, 2019) हुए एक ईरानी कवि और गीतकार रहे हैं. वह शिराजी बोली में कविता लिखने के लिए जाने जाते थे. उनकी पत्नी का नाम जलेह और उनके माता-पिता का नाम अहमद सलामंदर और लिली था.

उनके पिता एक फार्मासिस्ट थे. कला की राह में बिजन का पहला प्रोत्साहन उनके पिता थे, जिन्होंने छोटी उम्र में ही उन्हंे कला की राह में आगे बढ़ाया. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर स्नातक की डिग्री तक शिराज में पूरी की. उनकी प्रतिभा सोलटानी हाई स्कूल में उस समय के हाई स्कूल के उपाध्यक्ष अली मोहम्मद कामरानी, ​​जो उनके चाचा भी थे, के मार्गदर्शन में निखर कर आई. उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्र बनाने के लिए रामसर शिविर में भेजा और वहां उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभा दिखाने का मौका मिला. उन्होंने प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में उपलब्धियां हासिल की.बिजन समंदर की बेटी सांता मोनिका, कैलिफोर्निया, यू.एस में रहती हैं और वह भी कवि, गीतकार हैं.

ईरानी वेबसाइट बेतूते डाॅट काॅम की एक रिपोर्ट के अनुसार, रामसर शिवर के प्रथम वर्ष में पूरे ईरान में सुलेख प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी तरह दूसरे वर्ष में वह पूरे ईरान में साहित्य प्रतियोगिता में प्रथम रहे. जबकि रामसर शिविर में रहते तीसरे वर्ष में उन्होंने पूरे ईरान में एक संगीत प्रतियोगिता में पहला स्थान जीता. उसके बाद उन्हें यूरोप भेजा गया.

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डॉ. बिजन समंदर की ‘मिक्स्ड पोएट्री’

डॉ. बिजन समंदर ने विदेश में साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी. कला में उनकी अत्यधिक रुचि के कारण, उन्होंने वाशिंगटन शहर में वास्तुकला में डॉक्टरेट की.वह शिराजी बोली में कविता लिखने के संस्थापक थे. शिराजी बोली में पुस्तकों के बीच, यहां शिराज कविता और शाहर कविता शीर्षक के साथ कविता और टिप्पणी के संग्रह का उल्लेख करना जरूरी है, जो उनके शोध और खोजपूर्ण कार्य पर आधारित है. इसमें शिराज के लोगों की संस्कृति को शामिल किया गया है.

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डॉ. बिजन समंदर के शब्दों में कहतें तो, ‘‘ बेहतर होगा कि हम अभी अपने बारे में शोध करें और एक छाप छोड़ें ताकि बाद में विदेशी हमारे बारे में शोध करें‘‘, दरअसल यह विदेशियों द्वारा क्यूनिफॉर्म के अनुवाद और डिकोडिंग की ओर इशरा था.’’1357 की ईरानी क्रांति के बाद, वह अमेरिका चले गए. वहां उन्होंने ईरानी कविता में एक नई शैली की स्थापना की, जिसे ‘मिक्स्ड पोएट्री’ पुस्तक द्वारा चित्रित किया गया है. इसके प्रत्येक कविता में एक फारसी छंद और एक अंग्रेजी छंद शामिल है.

डॉ. बिजन समंदर बुढ़ापे में पार्किंसंस के शिकार

डॉ. बिजन समंदर वृद्धावस्था में पार्किंसंस रोग का शिकार हो गए. उनकी पत्नी जलेह के समर्थन और देखभाल के बाद उन्हें ऐसे रोगियों के देखभाल केंद्र (1387 एएच) में भर्ती करा दिया गया. जो लोग इस प्रिय कलाकार के प्रति रुचि रखते हैं, उनके लिए गोया बुक पब्लिकेशन की मदद से, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स, फ्रायड हॉल में उनकी चार दशकों की कलात्मक गतिविधि को दरशाने के लिए 15 जनवरी 2005 में एक स्मारक समारोह आयोजित किया गया था.

इस दौरान होमा सरशार जमाल अबेदी, अब्बास तौफीक, कोरेश अमीरजाहिद और किखुसरो बेहरौजी ने अपनी तकरीर से उनके काम पर रोशनी डाली थी. इस कार्यक्रम में डॉ. बिजन समंदर अपनी बीमारी की वजह से मुश्किल से भाग ले पाए थे. वह तब वह अल्जाइमर रोग से बुरी तरह पीड़ित थे.चूँकि वे अपने वतन नहीं लौटे, इसलिए उनकी कुछ कविताएं अन्य कवियों ने चुरा लीं.बिजन समंदर की कविताओं का प्रदर्शन कई गायकों द्वारा किया गया है. उनमें से सबसे लोकप्रिय में से एक गाना गोल संगम है, जिसे चार से अधिक गायकों ने गाया है, उनमें एमल सायेन (तुर्की गायक) और हेइदेह शामिल हैं.

डॉ. बिजन समंदर के शोध

डॉ. बिजन समंदर ने कई साहित्यिक शोध कार्य किए हैं. उनके कविता संग्रह भी हैं. शिराज बोली में शिराज कविता (कविताओं और टिप्पणियों का संग्रह), शिराज लोगों की संस्कृति में अनुसंधान और शिराजी बोली में शाहर कविता (कविता और टिप्पणी का एक संग्रह), शिराज की लोक संस्कृति की खोज मिश्रित कविता (फारसी और अंग्रेजी कविता का संग्रह), फारसी कविता में एक नई घटना, अमेरिकी संस्करण आदि शामिल हैं.

जमाल, जमालू के कई वर्जन

डॉ. बिजन समंदर का जमाल, जमालू गाना के कई वर्जन हैं. इस जहां ईरानी स्कूल के बच्चों ने सबसे पहले कोरस में गाया बाद में कई गायन ने डयूट की शक्ल में. डॉ. बिजन सलामंदर के गानों की एलपी और सीडी एमेजन पर मौजूद हैं. इसके अलावा भी कई अन्य प्लेटफाॅर्म पर डॉ. बिजन सलामंदर के गानों को सुना जा सकता है. फिल्म एनिमल में जमाल, जमालू का लेटेस्ट वर्जन है.