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डाॅ. सुब्रहमण्यम स्वामी क्यों बोले, मोदी इकोनाॅमी में फेल, चाइना में फेल, उनको चुनाव में नहीं खड़ा होना चाहिए, वीडियो वायरल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी  ने कहा कि नरेंद्र मोदी को अलगी बार देश के प्रधानमंत्री के लिए नहीं खड़ा होना चाहिए. उन्हांेने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि मोदी चीन, इकोनॉमी और राज्यों की समस्या निपटाने में फेल हो गए हैं.

इंस्टाग्राम पर वाॅयस आॅफ वाॅरियर नामक एक हैंडल ने एक रील साझा किया है, जिसमें उन्होंने डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई गंभीर बातें कहते दिखाई दे रहे हैं. इसमें उनके विदेश में पाॅपुलरिटर पर भी संदेह जाहिर किए गए हैं. न्यू याॅर्क नाइम्स में भी हाल में इसी तरह की एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित कर नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े किए थे.

 
इंस्टाग्राम पर वाॅयस आॅफ वॉरियर्स नामक हैंडल द्वारा साझा किया गया यह रील कब और किस अवसर का है, यह तो पता नहीं चल रहा है, न ही मुस्लिम नाउ इसकी सत्यता की कोई गारेंटी देता है. इसके बावजूद यह रील तेजी से वायरल हो रहा है.

खबर लिखने तक इस रील को करीब 48 हजार लोग देख चुके थे तथा करीब 25 हजार लोगों ने इसे साझा किया था.इसमें वह कहते दिखाई रहे हैं कि मोदी इकोनॉमी में फेल हो गया. इकेनाॅमी में फेल, चाइना में फेल, प्रांतों में जो गड़बड़ हो रही है, उसमें फेल.’’

वे आगे कहते हैं-अभी मोदी गए थे अमेरिका, एक शब्द चाइना के लिए नहीं बोला.  न मोदी ने बोला, न बाइडेन ने बोला. क्यों ? क्यांे कि चाइना तो बहुत बड़ा है ! डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी  रील में नरेंद्र मोदी की विदेशों में लोकप्रियता पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर बातें कहीं हैं.

अब इंटरनेशनल क्या है, कौन है. मैं भी जाता हूं बाहर. मैं तो यह समझता हूं कि तुम देश में जाओ, मणिपुर, वहां पैर छुओ तो मानूं.विदेश में कहीं भी जाओ, अप्रवासी भारतीयों से पैर छुआ लो़.कोई अंग्रेजी नहीं छूता.कोई सफेद चमड़ा पैर नहीं छूता.

कौन हैं सुब्रह्मण्यम् स्वामी ?

डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी (जन्म: 15 सितम्बर 1939 चेन्नई, तमिलनाडु) हिन्दू राष्ट्रवादी नेता एवं सनातन धर्म के प्रचारक हैं. वे जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. वे सांसद के अतिरिक्त 1990-91 में वाणिज्य, कानून एवं न्याय मंत्री और बाद में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग के अध्यक्ष भी रहे. 1994-96 के दौरान विश्व व्यापार संगठन के श्रमिक मानकों के निर्धारण में उन्होंने प्रभावी भूमिका निभाई.

हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने साइमन कुजनेट्स और पॉल सैमुएलसन के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर शोध कार्य किया. फिर पॉल सैमुअल्सन के साथ संयुक्त लेखक के रूप में इंडेक्स नम्बर थ्यौरी का एकदम नवीन और पथ प्रदर्शक अध्ययन प्रस्तुत किया.

वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विजिटिंग फैकल्टी मेंबर भी रहे हैं. ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने आदर्शों के लिए निर्भीक होकर संघर्ष किया है.आपातकाल के दौरान संघर्ष, तिब्बत में कैलाश-मानसरोवर यात्री मार्ग खुलवाने में उनके प्रयास, भारत-चीन संबंधों में सुधार, भारत द्वारा इजरायल की राजनीतिक स्वीकारोक्ति, आर्थिक सुधार और हिन्दू पुनरुत्थान आदि अनेक उल्लेखनीय कार्य उन्होंने किए हैं.

स्वामी ने स्वेच्छा से राष्ट्रहित को सर्वोपरि समझते हुए अपनी पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी में कर दिया. उन्होंने नरेन्द्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनाने के लिये पूरे देश में प्रचार किया. भारी बहुमत से जीत हासिल की और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी.  मोदी की सरकार बनने के बाद Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई. आजकल नेशनल हेराल्ड केस और अयोध्या राम मंदिर को लेकर चर्चा में है.