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पूर्वी लीबिया बाढ़ से तबाह, 5,300 से अधिक लोग मारे गए, हजारों लापता

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काहिरा

आपातकालीन कर्मियों ने मंगलवार को लीबिया के पूर्वी शहर डेरना के मलबे से 1,500 से अधिक शवों को बरामद किया. आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. बाढ़ का पानी बांधों से टूटने और शहर के पूरे इलाकों के बह जाने के बाद अभी भी 10,000 लोगों के लापता होने की खबर है.

सरकारी समाचार एजेंसी ने पूर्वी लीबिया के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अबू-लामोशा के हवाले से बताया कि अकेले डर्ना में मरने वालों की संख्या 5,300 से अधिक हो गई है. डर्ना के एम्बुलेंस प्राधिकरण ने पहले मरने वालों की संख्या 2,300 बताई थी.

भूमध्यसागरीय तूफान डैनियल से हुई चैंकाने वाली मौत और तबाही ने तूफान की तीव्रता की ओर इशारा किया. साथ ही एक दशक से अधिक समय से अराजकता से टूटे हुए राष्ट्र की कमजोरी की ओर भी इशारा किया है. देश को प्रतिद्वंद्वी सरकारों द्वारा विभाजित किया गया है. एक पूर्व में, दूसरा पश्चिम में. इसका परिणाम कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा है.

आपदा आने के 36 घंटे से भी अधिक समय बाद, मंगलवार को बाहरी मदद डेर्ना पहुँचनी शुरू ही हुई. बाढ़ ने लगभग 89,000 की आबादी वाले तटीय शहर की कई पहुंच सड़कों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया है.एक फुटेज में एक अस्पताल के प्रांगण में कंबल से ढके दर्जनों शव दिखाई दे गए. एक अन्य छवि में शवों से भरी एकसामूहिक कब्र दिखाई दे रही है. पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 1,500 से अधिक लाशें एकत्र की गईं और उनमें से आधी को मंगलवार शाम तक दफना दिया गया.

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के लिए लीबिया के दूत टैमर रमदान ने कहा, मरने वालों की संख्या हजारों में होने की संभावना है. उन्होंने ट्यूनीशिया से वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र ब्रीफिंग में कहा कि कम से कम 10,000 लोग अभी भी लापता हैं. उन्होंने बाद में मंगलवार को कहा कि 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

लीबिया की स्थिति मोरक्को की स्थिति जितनी ही विनाशकारी है. उन्हांेने शुक्रवार की रात मराकेश शहर के पास आए घातक भूकंप का जिक्र करते हुए यह बातें कहीं.रविवार रात डेर्ना और पूर्वी लीबिया के अन्य हिस्सों में तबाही मची. जैसे ही तूफान तट पर पहुंचा, डर्ना निवासियों ने कहा कि उन्होंने जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी. महसूस किया कि शहर के बाहर के बांध ढह गए है. डर्ना में अचानक बाढ़ आ गई, जो कि पहाड़ों से शहर के बीच से होकर समुद्र में बहने वाली नदी है.

एक निवासी अहमद अब्दुल्ला ने कहा, पानी की दीवार ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को मिटा दिया.निवासियों द्वारा ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो में बड़ी मात्रा में कीचड़ और मलबा दिखाई दे रहा है, जहां पानी का तेज बहाव नदी के दोनों किनारों पर बसे इलाकों को बहा ले गया है. बहुमंजिला अपार्टमेंट इमारतें जो कभी नदी से काफी पीछे थीं, उनके सामने के हिस्से टूट गए और कंक्रीट के फर्श ढह गए. बाढ़ से उठी गाड़ियां एक-दूसरे के ऊपर पड़ी रह गईं.

लीबिया के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार को कहा कि उसने चरम मौसम की घटना तूफान डेनियल के घटित होने से 72 घंटे पहले इसकी प्रारंभिक चेतावनी जारी की थी. सभी सरकारी अधिकारियों को ईमेल और मीडिया के माध्यम से सूचित किया था.उनसे निवारक उपाय करने का आग्रह किया था. इसमें कहा गया कि बायदा में रविवार से सोमवार तक रिकॉर्ड 414.1 मिलीमीटर (16.3 इंच) बारिश दर्ज की गई.

मंगलवार को, सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और निवासियों सहित स्थानीय आपातकालीन उत्तरदाताओं ने मृतकों की तलाश के लिए मलबे में खुदाई की. उन्होंने पानी से शव निकालने के लिए हवा वाली नावों का भी इस्तेमाल किया.पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री ओथमान अब्दुलजलील ने कहा कि माना जा रहा है कि कई शव मलबे में फंसे हुए हैं या भूमध्य सागर में बह गए हैं.

अब्दुलजलील ने डर्ना से फोन पर एसोसिएटेड प्रेस को बताया, हम विनाश की मात्रा से स्तब्ध हैं… त्रासदी बहुत घातक है. डर्ना और सरकार की क्षमता से परे.

लीबिया के अन्य हिस्सों से रेड क्रिसेंट टीमें भी मंगलवार सुबह डेर्ना पहुंची,ं लेकिन अतिरिक्त उत्खननकर्ता और अन्य उपकरण अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं.लीबिया में बरसात के मौसम में अक्सर बाढ़ आती है, लेकिन इतनी तबाही कभी-कभार ही होती है. एक महत्वपूर्ण सवाल यह था कि बारिश के कारण डर्ना के बाहर दो बांध कैसे टूट गए.चाहे खराब रखरखाव के कारण या भारी बारिश के कारण ?

लीपजिग विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक और मौसम विज्ञानी कार्स्टन हॉस्टीन ने एक बयान में कहा कि डैनियल ने थोड़े समय में पूर्वी लीबिया में 440 मिलीमीटर (15.7 इंच) बारिश दर्ज की.उन्होंने कहा, बुनियादी ढांचा शायद सामना नहीं कर सका, जिससे बांध ढह गया.उन्होंने कहा कि पानी की सतह के तापमान में मानव-प्रेरित वृद्धि से तूफान की तीव्रता बढ़ने की संभावना है.

स्थानीय अधिकारियों ने वर्षों से डेर्ना की उपेक्षा की है. यहां तक ​​कि रखरखाव का पहलू भी अनुपस्थित था. हर चीज में देरी होती रही.