ईद 2025: किस मुस्लिम देश में कितना फितराना अदा करना होगा ? जकात उल फित्र का महत्व, अदा करने के नियम
Table of Contents
मुस्लिम नाउ ब्यूरोनई दिल्ली
रमज़ान के पवित्र महीने का समापन ईद-उल-फित्र के साथ होता है, और इसी के साथ फितराना (जकात उल फित्र) अदा करना हर सक्षम मुसलमान के लिए अनिवार्य होता है। यह एक प्रकार का धर्मार्थ दान है, जिसे ईद की नमाज़ से पहले देना ज़रूरी होता है।
इस लेख में हम फितराना की देय राशि, इसका इस्लामिक महत्व, भुगतान करने के तरीके और अमीरात में तय की गई राशि पर विस्तृत जानकारी देंगे।
फितराना (जकात उल फित्र) क्या है?
फितराना या ज़कात उल फित्र एक अनिवार्य दान है, जिसे रमज़ान के महीने के अंत में दिया जाता है। इसका उद्देश्य रोज़ेदारों को अशुद्धियों से मुक्त करना और ज़रूरतमंदों तक भोजन पहुंचाना है।
🔹 हदीस में फितराना का ज़िक्र
हज़रत इब्न अब्बास (र.अ) से वर्णित एक हदीस में बताया गया है कि पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व) ने कहा:
“अल्लाह के रसूल (स.अ.व) ने रोज़ेदार को अभद्र शब्दों या कार्यों से शुद्ध करने और ज़रूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए ज़कात उल फ़ित्र का आदेश दिया। जो इसे ईद की नमाज़ से पहले देता है, उसका फितराना स्वीकार होता है, लेकिन जो नमाज़ के बाद देता है, उसके लिए यह सिर्फ़ एक सदक़ा बन जाता है।”
📖 (अबू दाऊद और इब्न माजा)
🔹 फितराना किस पर अनिवार्य है?
इस्लाम में हर मुस्लिम, चाहे वह पुरुष हो या महिला, बालिग हो या नाबालिग, गरीब हो या अमीर – अगर वह अपनी आवश्यकताओं से अधिक भोजन रखता है, तो उसे फितराना देना होता है।
🔹 फितराना किसके लिए है?
फितराना उन गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को दिया जाता है, जो ईद के दिन भोजन नहीं खरीद सकते।
फितराना की राशि कितनी होनी चाहिए?
पैगंबर (स.अ.व) के समय फितराना एक ‘साआ’ के रूप में दिया जाता था।
📌 1 साआ = 4 मद्द
📌 1 मद्द = एक इंसान की हथेलियों में आने वाली मात्रा
अगर इसे मौद्रिक मूल्य में बदला जाए, तो यह राशि लगभग $10 (USD) बैठती है।
अमीरात (UAE) में फितराना 2025 की राशि
अमीरात फतवा काउंसिल के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फितराना की राशि प्रति व्यक्ति 25 दिरहम तय की गई है।
🔹 फितराना चावल में देने पर – 2.5 किलोग्राम
🔹 फितराना नकद देने पर – 25 AED (दिरहम)
📌 प्रवासी क्या करें?
अगर प्रवासी चाहें, तो वह 25 दिरहम के बराबर धनराशि अपने देश (जैसे बांग्लादेश) भेज सकते हैं, लेकिन यह ईद-उल-फित्र की नमाज़ से पहले अमीरात में दिया जाना चाहिए।
❌ अगर प्रवासी अपने देश में ईद के दौरान फितराना देते हैं, तो इसे फितराना नहीं माना जाएगा, बल्कि यह केवल एक साधारण दान (सदक़ा) समझा जाएगा।
📌 फितराना दुनिया के अन्य देशों में:
देश | फितराना राशि (2025) |
---|---|
भारत | ₹100-₹150 |
पाकिस्तान | PKR 300-500 |
सऊदी अरब | 20-25 रियाल |
यूएई | 25 दिरहम |
बांग्लादेश | BDT 300-500 |
फितराना (ज़कात उल फ़ित्र) कैसे अदा करें?
फितराना ईद-उल-फित्र की नमाज़ से पहले देना ज़रूरी होता है। इसे देने के कुछ मुख्य तरीके हैं:
1️⃣ ऑनलाइन भुगतान:
- कई इस्लामिक चैरिटी संगठन ऑनलाइन फितराना स्वीकार करते हैं और इसे ज़रूरतमंदों तक पहुंचाते हैं।
- जैसे: इस्लामिक रिलीफ, रेड क्रिसेंट, लोकल ज़कात फाउंडेशन आदि
2️⃣ मस्जिद के माध्यम से:
- अधिकतर मस्जिदें फितराना संग्रह केंद्र चलाती हैं, जहाँ आप सीधे पैसे जमा कर सकते हैं।
3️⃣ जरूरतमंदों को व्यक्तिगत रूप से देना:
- अपने आस-पास के गरीबों, अनाथों या बेसहारा लोगों को फितराना देकर आप इस्लामिक परंपरा का पालन कर सकते हैं।
4️⃣ खाने के रूप में देना:
- चावल, आटा, खजूर, या अन्य मुख्य भोजन के रूप में भी फितराना दिया जा सकता है।
फितराना कब तक अदा करना चाहिए?
📌 ईद-उल-फित्र की नमाज़ से पहले
📌 अगर कोई नमाज़ के बाद देता है, तो यह सिर्फ़ सदक़ा माना जाएगा
🔴 अगर कोई फितराना नहीं देता तो?
अगर कोई सक्षम होते हुए भी फितराना नहीं अदा करता, तो वह एक बड़े धार्मिक कर्तव्य का उल्लंघन करता है।
फितराना और जकात में क्या अंतर है?
विशेषता | फितराना (ज़कात उल फित्र) | ज़कात |
---|---|---|
कब देना होता है? | रमज़ान के अंत में, ईद से पहले | पूरे साल कभी भी |
राशि | एक निश्चित मात्रा (25 दिरहम, $10) | आमदनी का 2.5% |
कौन देता है? | हर मुसलमान | सिर्फ वे जिनकी आमदनी तय सीमा से अधिक हो |
किसे दिया जाता है? | गरीबों और ज़रूरतमंदों को | विभिन्न पात्र व्यक्तियों को |
निष्कर्ष
🔹 फितराना रमज़ान के अंत में दिया जाने वाला एक अनिवार्य दान है, जो ईद की नमाज़ से पहले अदा किया जाना चाहिए।
🔹 संयुक्त अरब अमीरात में 2025 के लिए फितराना 25 दिरहम तय किया गया है, जो नकद या 2.5 किलोग्राम चावल के रूप में दिया जा सकता है।
🔹 फितराना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और ज़रूरतमंदों को ईद के दिन खुशी देना है।
📌 क्या आपने अपना फितराना अदा कर दिया है? अगर नहीं, तो जल्द से जल्द इसे अदा करें और रमज़ान की बरकतों को पूरा करें!
👉 इस लेख को शेयर करें ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग फितराना देने के महत्व को समझ सकें!