फीफा विश्व कपः मुस्लिम देशों की दावेदारी खत्म, फ्रांस मोरक्को को 2-0 से हरा कर फाइनल में
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
कतर में चल रहे फीफा विश्व कप में फ्रांस ने दूसरे सेमीफाइनल में मोरक्को को 0-2 से हराकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. इसके साथ ही इस फुटबाल विश्व कप से मुस्लिम देशों की दावेदारी खत्म हो गई.
फ्रांस के लिए पहला गोल थियो हर्नांडेज ने पहले हाफ के पांचवें मिनट में किया, जबकि दूसरा गोल रान्डेल कोलो ने खेल के 79 वें मिनट में दूसरे हाफ में किया.विश्व कप का फाइनल 18 दिसंबर को अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला जाएगा, जबकि मोरक्को की टीम अब तीसरे स्थान के लिए क्रोएशिया से भिड़ेगी.
फीफा विश्व कप में मोरक्को की यात्रा आश्चर्यजनक थी. वे फुटबॉल विश्व कप के इतिहास में सेमीफाइनल में खेलने वाली पहली अफ्रीकी और अरब टीम बन गई. इस विश्व कप में मोरक्को की यात्रा के लिए, उन्होंने ग्रुप राउंड में तीन मैच खेले, जिसमें उन्होंने दो मैच जीते और एक मैच ड्रॉ रहा.
क्रोएशिया के खिलाफ मोरक्को का पहला मैच गोल रहित ड्रॉ था, जबकि मोरक्को ने बेल्जियम को 0-2 और कनाडा को 1-2 से हराया.16 के दौर में, मोरक्को ने पेनल्टी किक पर स्पेन को 0-3 से हराया और टूर्नामेंट से बाहर हो गया, जबकि क्वार्टर फाइनल में मोरक्को ने पुर्तगाल को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
दूसरी ओर, गत चौंपियन फ्रांस ने फीफा विश्व कप के पहले दौर में ऑस्ट्रेलिया को 1-4 से हराया, जबकि उसने अपने दूसरे मैच में डेनमार्क को 1-2 से हराया.ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में फ्रांस को ट्यूनीशिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा.
16 के दौर में, फ्रांस ने पोलैंड को 1-3 से हराया, जबकि क्वार्टर फाइनल में फ्रांस ने इंग्लैंड को 1-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. यह पहली बार है जब फीफा विश्व कप में फ्रांस और मोरक्को एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते दिखे. वैसे दोनों टीमंे अलग-अलग टूर्नामेंट में सात बार मिल चुकी हैं, जिसमें फ्रांस पांच बार और मोरक्को दो बार जीत चुका है.
इस बार फीफा मंे जिस तरह से उलट फेर देखने को मिला, इससे लगने लगा था कि कतर में होने वाले इस मेगाइवेंट में दुनिया का कोई न कोई टूर्नामेंट के अंत तक बड़ा चमत्कार दिखाएगा. हालांकि मोरक्को पहली बार फीफा के सेमीफाइनल में पहंुचने वाला देश बन गया है. इसका यह सफर शानदार रहा. अलग बात है कि यह मुस्लिम देश फाइनल में खेलने से पहले ही बाहर हो गया. इसके पराजय से दुनिया भर के मुसलमानों में मायूसी है.