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काबुल में बेघर स्कूली छात्राओं के लिए फरिश्ता बनकर आगे आईं फ्रेशता हाशमी, दे रही हैं पेशेवर ट्रेनिंग

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,काबुल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल मंे फ्रेशता हाशमी बेघर महिलाओं और पूर्व स्कूली छात्राओं के लिए फरिश्ता बनकर सामने आई हैं.तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध के बाद, काबुल में व्यवसायी महिला फ्रेशता हाशमी मुसीबत से उबरने के लिए 50 से अधिक महिलाओं को काम और पेशेवर प्रशिक्षण दे रही हैं.

व्यवसायी महिला, फ्रेशता हाशमी सात वर्षों से छोटे व्यवसायों में शामिल हैं. अब बेघर महिलाओं और पूर्व स्कूली छात्रों की सहायता के लिए हस्तशिल्प कार्यशालाएं लगाकर महिलाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं, ताकि वो स्वावलंबी बन सकें. इस बारे में फ्रेशता हाशमी ने कहा, मेरा लक्ष्य है कि महिलाएं काम करें ताकि वो अपने परिवार के लिए रोटी जुटा सकें. जब से इस्लामिक अमीरात की सरकार आई है, हमारा व्यवसाय गिर गया है. बिक्री नहीं हो रही है. लोगों के पास खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं.

वर्कशॉप की कुछ महिला छात्रों ने सरकार से घरेलू उत्पादों को समर्थन देने का आग्रह किया है.छात्राओं में से एक फातिमा अहमदी ने कहा, मैं 12वीं कक्षा की छात्रा थी, जब मेरे स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. मेरा स्कूल खत्म करने का सपना था. मैं विश्वविद्यालय जाऊंगी, पायलट बनना चाहती हूं. मैं सोलह साल की हूं. मेरे कई सपने हैं. मुझे उम्मीद है कि इस्लामिक अमीरात फिर से स्कूल खोलेगा ताकि मैं पढ़ सकूं.

टोलो न्यूज को महिलाओं ने बताया, हम यहां आए. मैं बहुत खुश हूं. हमारी सभी शिक्षिकाएं महिलाएं है.हालांकि, टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि वह हस्तशिल्प क्षेत्र में महिलाओं के लिए और अधिक प्रदर्शनियां लगाने की कोशिश कर रहा है.

संस्कृति और सूचना मंत्रालय में संस्कृति विभाग के डिप्टी अतीकुल्लाह अजीजी ने कहा, हमारी बहनों को हस्तशिल्प के लिए जो कुछ भी चाहिए, इसके लिए हम कभी-कभी उनके लिए राष्ट्रीय गैलरी में बाजार और प्रदर्शनियां प्रदान करते हैं.

इसके अलावा महिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अफगानिस्तान की राजधानी में बिजनेसवुमेन के लिए तीन बाजार बनाने के प्रयासों के बारे में बात की है.महिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सीईओ सलमा यूसुफी ने कहा, काबुल में तीन स्थायी बाजार हैं, जिन्हें जल्द ही यूएनएचसीआर और कुछ दानदाताओं द्वारा स्थापित किया जाएगा.

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक विरोध और संयुक्त राष्ट्र की चिंता के बीच, अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध 4 जुलाई को वाइस एंड सदाचार मंत्रालय द्वारा दी गई समय सीमा के बाद लागू हो गया है.खामा प्रेस की रिपोर्ट मंे बताया गया है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों को 23 जुलाई के बाद संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, ब्यूटी सैलून मालिकों ने कहा कि कुछ महिलाएं अपने परिवार के लिए इसके माध्यम से रोजगार किया करती थीं. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंध के बाद, वे अपने परिवारों का भरण-पोषण नहीं कर पा रही हैं.