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कश्मीर में जी 20 बैठकः चीन को भारत की ताकत का एहसास कराने की कोशिश, मणिुपर में हिंसा के कारण इंटरनेट सेवाएं बंद, करोड़ों की चपत

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,इंफाल

श्रीनगर नगर में जी-20 की बैठक कर भारत अपने प्रतिद्वंदी पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को अपनी कुटनीतिक ताकत का एहसास कराना चाहता है. दूसरी तरफ म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर मंे जारी विवाद थमने का नमा नहीं ले रहा है. हिंसा और आगाजनी को देखते हुए पिछले 18 दिनां से इंटरनेट सेवाएं ठप हैं और इस दौरान बैंकों तथा सरकारी व गैर सरकारी संस्थानांे को करोड़ो रूपये की चपत लगी चुकी है.

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में पिछले 18 दिनों से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से बैंकिंग, सरकारी और गैर-सरकारी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं. मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयूएम) द्वारा एसटी श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए बुलाए गए आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान और उसके बाद राज्य में 10 से अधिक जिलों में हिंसक झड़पें हुईं. इसके बाद मणिपुर सरकार ने 3 मई को मोबाइल इंटरनेट को निलंबित कर दिया.

राज्य में इंटरनेट बंद होने के कारण जरूरी वस्तुओं, परिवहन ईंधन और जीवन रक्षक दवाओं की कमी के बीच बैंकिंग और एटीएम सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों का जीवन दयनीय हो गया है. विपक्षी कांग्रेस, मीडिया और कई अन्य संगठन मणिपुर में तत्काल इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग कर रहे हैं.

मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोमबम बुपेंडा मेइती ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध हटा दें. आज 20 मई है. 3 मई से इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मैं आज के डिजिटल इंडिया में न आपके ट्वीट पढ़ सकता हूं और न ही अमित शाह जी के ट्वीट. पीएमओ मणिपुर में सभी के लिए इंटरनेट कब सुनिश्चित करेगा?

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पहले एक ट्वीट में कहा कि मणिपुर में बैंकिंग, ई-कॉमर्स, ई-बिल का भुगतान, ई-टिकट, व्यवसाय, वर्क फ्रॉम होम, शिक्षा और कई अन्य आवश्यक सेवाएं ठप हो गई हैं.

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शांति की अपील करते हुए एक भी शब्द जारी नहीं किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री या किसी अन्य कैबिनेट मंत्री द्वारा राज्य का एक भी दौरा नहीं किया.

इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक के नेतृत्व में एआईसीसी की एक टीम ने पिछले तीन दिनों में मणिपुर का दौरा किया और जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में मौजूदा स्थिति का अध्ययन किया. दिल्ली रवाना होने से पहले वासनिक ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं दिख रहा है.

मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल प्रयासों की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने इस गंभीर स्थिति में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी की आलोचना की.

वासनिक ने कहा 3 मई को हिंसा के बाद से एक भी केंद्रीय मंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया है. हमने हिंसा में कुकी उग्रवादियों के शामिल होने की बात स्वीकार की है. आगे कहा कि एआईसीसी की टीम मणिपुर की स्थिति पर एक रिपोर्ट कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को सौंपेगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार, मिजोरम और मणिपुर के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास, मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह एआईसीसी टीम के साथ थे, जिसने कई संकटग्रस्त जिलों का दौरा किया.

श्रीनगर में जी-20 बैठक मणिपुर हिंसा के बीच दूसरे देशों को कितना बेहतर दे पाएगी संदेश

म्यांमार की सीमा से लगते मणिपुर में हिंसा के बीच श्रीनगर में आयोजित जी 20 की बैठक कुटनीतिक स्तर पर कितनी कामयाब मानी जाएगी ? यह तो आने वाला समय बताएगा. मगर श्रीनगर में इसकी तैयारी अपने अंतिम चरण में है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि जी-20 बैठक कश्मीर की ऐतिहासिक मेहमान नवाजी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करेगी. श्रीनगर के राजबाग में झेलम नदी पर रिवरफ्रंट का उद्घाटन करते हुए एलजी सिन्हा ने पत्रकारों से कहा कि 6 किलोमीटर लंबा रिवरफ्रंट पूरा हो चुका है. आगे भी काम चल रहा है.

उन्होंने कहा कि श्रीनगर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है. जल्द ही मुफ्त वाई-फाई जोन, साइकिल ट्रैक, वॉक-वे और कैफे शुरु किए जाएंगे, क्योंकि शहर में जल्द ही एक नया पुस्तकालय भी खोला जाएगा.

जल निकायों से घिरा हुआ श्रीनगर शहर हर मायने में एक स्मार्ट शहर होगा. स्थानीय लोगों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 मई से शुरू होने वाले जी 20 के आगामी कार्यक्रम के लिए सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया है.

यह आयोजन कश्मीर के ऐतिहासिक आतिथ्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने में मदद करेगा. एलजी ने आगे कहा कि यह आयोजन कश्मीर की सुंदरता और आतिथ्य के बारे में दुनिया भर में एक संदेश भेजेगा, जिसके परिणामस्वरूप यहां अधिक पर्यटक आएंगे. हमें उम्मीद है कि सफल जी-20 आयोजन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

एलडी ने जम्मू-कश्मीर में कार्यक्रम की मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. जी-20 शिखर सम्मेलन पहली बार कश्मीर में हो रहा है. इस बैठक मंे करीब 122 देशों के प्रतिनिधियों के आने की संभावना है. वैसे चीन ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है.