गाजा युद्धविराम : चार इजरायली सैनिक और 200 फिलिस्तीनी रिहा, बुजुर्ग महिला का फूल बरसाते वीडियो वायरल
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेल अवीब
गाजा में लंबे संघर्ष और खूनखराबे के बाद आखिरकार युद्धविराम समझौता हुआ, जिसके तहत दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के बंदियों को रिहा करना शुरू कर दिया है.. हमास ने गाजा शहर के फिलिस्तीन स्क्वायर में चार महिला इजरायली सैनिकों को रेड क्रॉस के अधिकारियों को सौंपा. इस मौके पर हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा थी, जिन्होंने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
बुजुर्ग फिलिस्तीनी महिला का दिल छू लेने वाला क्षण
इजरायली महिलाओं की रिहाई के दौरान एक बुजुर्ग फिलिस्तीनी महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह प्रदर्शनकारियों पर फूल बरसाती नजर आईं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने महिला के प्रति सम्मान दिखाते हुए उनका माथा चूमा. यह भावुक क्षण दोनों पक्षों के लिए शांति की उम्मीद का प्रतीक बन गया.
रिहाई की प्रक्रिया
गाजा में रिहाई से पहले हमास और इस्लामिक जिहाद के नकाबपोश लड़ाके फिलिस्तीन स्क्वायर पर एकत्र हुए. उनके साथ बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिक भी मौजूद थे. रेड क्रॉस के प्रतिनिधियों और हमास के लड़ाकों ने औपचारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और प्रक्रिया को पूरा किया.
हमास ने रिहा की गई चार महिला इजरायली सैनिकों की पहचान करीना एरीव, डेनिएला गिल्बोआ, नामा लेवी और लिरी अलबाग के रूप में की. इजरायली सैन्य वर्दी पहने इन महिलाओं ने रिहाई के बाद मौजूद भीड़ की ओर हाथ हिलाकर प्रतिक्रिया दी.
इजरायल ने 200 फिलिस्तीनियों को रिहा किया
इस ऐतिहासिक समझौते के तहत, इजरायल ने बदले में 200 फिलिस्तीनी बंदियों को अपनी जेलों से रिहा किया. हालांकि, इजरायल ने यह स्पष्ट किया कि रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों को तब तक उत्तरी गाजा में लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक एक अन्य कैदी, अर्बेल येहूद, को रिहा नहीं कर दिया जाता.
इजरायली सेना का बयान
रिहाई के बाद इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा, “चार बंधकों को वर्तमान में आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) और आईएसए (सुरक्षा एजेंसी) के विशेष बल इजरायली क्षेत्र में वापस ला रहे हैं. यहां उनका प्रारंभिक मेडिकल मूल्यांकन किया जाएगा.”
मौके पर मौजूद लोग और माहौल
फिलिस्तीन स्क्वायर में हजारों लोग इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने. कई लोग इसे संघर्ष के बीच एक असाधारण क्षण मान रहे हैं. सैकड़ों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने मौके पर व्यवस्था बनाए रखी.
मीडिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इस रिहाई की रिपोर्टिंग करने वाले अल जज़ीरा के संवाददाता इब्राहिम अल खलीजी ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताया. सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर काफी चर्चा हो रही है. विशेष रूप से बुजुर्ग महिला का फूल बरसाने वाला वीडियो लोगों के दिलों को छू गया है.
शांति की उम्मीद
इस समझौते ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि संवाद और सहयोग से कठिन से कठिन संघर्षों का समाधान संभव है. हालांकि, गाजा और इजरायल के बीच संघर्ष का इतिहास लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन इस तरह के प्रयास दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित करने की उम्मीदें जगाते हैं.
इस ऐतिहासिक घटना ने संघर्ष से त्रस्त इलाकों में शांति की नई राह खोलने का संकेत दिया है. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह समझौता दोनों पक्षों के लिए लंबे समय तक शांति और सहयोग का आधार बनेगा.