गुजरात: एआईएमआईएम में बगावत,कहा- मुस्लिम बहुल सीट से उम्मीदवार उतारा तो विपक्षक को लाभ होगा, पार्टी टूट जाएगी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, अहमदाबाद
क्या ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम वास्तव में भाजपा की बी टीम है ? पार्टी मुस्लिम सीटों पर इसलिए उम्मीदवार उतारती है ताकि वहां मुसलमानों के वोट बंट जाएं और इसका सीधा फायदा भाजपा को पहुंचे ? पहले यह केवल सवाल थे, पर अब लगता है कि यह सत्य है ! गुजराज के आईएमआईएम नेताओं ने ऐसे सवाल उठाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से सूबे के मुस्लिम बहुल सीटों से उम्मीदवार उतारने का विरोध किया है. इस मामले में चेतावनी दी गई है कि ऐसा नहीं करने पर इस्तीफा दिया जाएगा और पार्टी टूट जाएगी.
गुजराज के आईएमआईएम नेताओं और कार्यकर्ताआंे ने पार्टी के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व से राज्य की सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव नहीं लड़ने को कहा है. गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होना है. उनका डर यह है कि पार्टी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में कमजोर है, और अगर एआईएमआईएम उन सीटों पर उम्मीदवार उतारती है, तो हारने की संभावना बढ़ जाएगी. इसलिए पार्टी हित में एआईएमआईएम को सीमित सीटों पर ध्यान देना चाहिए.
एआईएमआईएम नेता और गोधरा नगर पालिका पार्षद फैसल सुजेला ने पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख को संबोधित एक पत्र में गोधरा सीट पर उम्मीदवार नहीं खड़ा करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, गोधरा में पार्टी के सदस्यों को लगता है कि जीतने की संभावना कम है. एक उम्मीदवार को मैदान में उतारने से राजनीतिक विरोधियों को मदद मिल सकती है. इसके बजाय, पार्टी को 2027 के चुनावों के लिए संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए. अगर अनुरोध नहीं सुना गया, तो मुझे डर है कि गोधरा में पार्टी टूट जाएगी.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सकरुलेशन में है जिसमें एआईएमआईएम के स्थानीय नेता मोहसिन हिंगोरजा ने धमकी दी है कि अगर पार्टी कच्छ क्षेत्र की मांडवी सीट के लिए उम्मीदवार उतारती है तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. मोहसिन ने कहा- पार्टी के पास भुज में जीतने का मौका है, लेकिन हम मांडवी सीट नहीं जीत सकते. यदि हम किसी उम्मीदवार को नामांकित करते हैं, तो अन्य लोग इससे लाभान्वित होंगे, जो एक गलत तस्वीर पेश करेगा.
एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी ने इन खबरों को तवज्जो नहीं देते हुए आईएएनएस से कहा कि चुनाव से पहले इस तरह के मतभेद कोई नई बात नहीं है, लेकिन नेताओं को अपने विचार सार्वजनिक रूप से साझा करने के बजाय पार्टी फोरम में बात करनी चाहिए. किस सीट पर चुनाव लड़ना है, इसका फैसला पार्टी आलाकमान ही करता है.
हालांकि पार्टी प्रवक्ता के दलील में कोई दम नहीं है, क्यों कि अक्सर ऐसे बयान चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर आते हैं. मगर गुजरात मंे तो आईएमआईएम को उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. कारण कि उन्हांेने गुजरात का दंगा भोगा है.