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गुड़गांवः भौड़ाकलां मस्जिद में नमाजियों से मारपीट का मामला तूल पकड़ा, विवाद अमेरिका पहुंचा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के साइबर हब गुरूग्राम की भौड़ाकलां मस्जिद में नमाजियों से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने स्थानीय थाने में लिखित समझौते की जानकारी दे दी है और यह भी कहा है हिंदू पक्ष ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. बावजूद इसके विवाद थमता नहीं दिख रहा.

विशेषकर सोशल मीडिया पर मस्जिद में तोड़-फोड़ का एक नया वीडियो सामने आया है. जिसमें मस्जिद की कई चीजें टूटी नजर आ रही हैं. इसके अलावा अमेरिका से संचालित इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के ट्विटर हैंडल से भी कई वीडियो और घटना को लेकर विभिन्न मीडिया में आई खबर को भी वायरल किया गया है. इससे विवाद के लंबा खिंचने का खतरा पैदा हो गया है. शुक्रवार को तनाव को देखते हुए जुमे की नमाज में विशेष चैकसी बरती गई थी.

वैसे, इस मामले में अभी तक किसी बड़े अधिकारी का अधिकारिक बयान नहीं आया है कि घटना के बाद प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए गए और मुसलमानों का समझौता पत्र मिलने के बाद किस तरह की कार्रवाई की गई है ?

भौड़कलां गांव में मुसलमानों और मस्जिद की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं ? अभी तक यह भी नहीं बताया गया है. चूंकि इस मामले में सुदर्शन चैनल विशेष दिलचस्पी दिखा रहा है, इसलिए दूसरे पक्ष की ओर से भी मामले को दोबारा हवा देने का प्रयास किया जा रहा है. सुदर्शन चैनल पर भौड़ाकलां के भूपेंद्र सिंह चैहान का बयान आया है कि इलाके के मुसलमान पिछली पंचायत मंे लिए गए फैसले का उल्लंघन कर रहे थे.

इधर,इलाके के बिलासपुर थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय मलिक ने कहा, ‘‘ दोनों समुदाय के लोगों ने पंचायत कर विवाद सुलझा लिया है. दोनों को एक दूसरे से शिकायतें थीं, जिसका मौके पर निपटारा कर लिया गया.’’

आवाज डॉट इन की एक खबर के अनुसार,समझौते में अहम भूमिका निभाने वाले मुस्लिम एकता मंच के चेयरमैन शहजाद खान ने बताया, ‘‘पंचायत के बाद दोनों समुदाय के प्रमुख लोगों के हस्ताक्षरों वाला एक पत्र इलाके के थाने को सौंप दिया गया है, जिसमें आरोपियों पर मुकदमा नहीं करने और आपसी समझौते में मामला निपटाने की बात कही गई है.’’

बता दें कि भौड़ाकलां की घटना के बाद से गुरूग्राम में तनाव बन गया था. इसके मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.दरअसल, मामला यूं है कि 12 अक्टूबर की रात आठ बजे ऐशा की नमाज के दौरान कुछ लोग भौड़ाकलां गांव की मस्जिद में घुस गए और वहां नमाजियों से मारपीट की .

इस मामले में इलाके के बिलासपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, जिसका एफआईआर नंबर 453 है.ध्यान रहे कि भौड़ाकलां गांव गुरूग्राम का औद्योगिक क्षेत्र है. यह गांव नवाब मंसूर अली खान के कस्बे पटौदी के महतल और नेशनल आईवे को जोड़ने वाली सड़क पर पढ़ता. वैसे तो यह गांव राजपूतों का है, पर यहां करीब ढाई सौ मुसलमान भी रहते हैं.

इस इलाके की जमीन काफी महंगी है. आरोप है कि कुछ लोग डरा-धमका कर मुसलमानों को गांव से भगाकर उनकी जमीन पर कब्जा करने की नियत रखते हैं. जबकि बहाना पिछली पंचायत में लिए गए निर्णय के उलट मस्जिद और जमीन पर निर्माण कार्य करने का आरोप लगाया जा रहा है. इस लिए एक साजिश के तहत नमाज के दौरान नमाजियों के साथ मारपीट की गई, ताकि उनमें भय पैदा हो और गांव छोड़ने को मजबूर हो जाएं.

विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाले शहजाद खान ने बताया कि मामला बढ़ने के बाद गांव के दूसरे पक्ष के कुछ मुअज्जिज लोग मुसलमानों से मिले. मामले में उनका हर स्तर पर साथ देने का वादा किया. साथ ही यह सलाह भी दी कि यदि वे आपसी समझौते से मामला निपटाना चाहते हैं, तो वे उनके साथ खड़े हैं.

लंबी बातचीत के बाद तय हुआ कि आपसी समझ से विवाद का निपटारा किया जाए. इसके बाद 13 अक्टूबर को गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसमें दोनों समुदाय की ओर से लोग मौजूद थे. इस पंचायत में गांव के मौजूदा सरपंच गोपली, इलाके के पार्षद सुशील चैहान, 52 गांवों की पंचायत के मुखिया पप्पू सिंह,शहजाद खान, नजर मोहम्मद, चांद मोहम्मद,शकील खान, जग्गी खान, फरजान खान और ताहिर खान भी विशेष तौर से मौजूद रहे.

शहजाद खान ने बताया कि पंचायत दिनभर चली. इसके बाद सौहार्दपूर्ण माहौल में केस वापस लेने का निर्णय लिया गया. एसएचओ ने बताया कि थाने को दोनों पक्षों का हस्ताक्षरयुक्त समझौता पत्र थाने को मिल गया है. पुराने शिकवे भी खत्म हो गए हैं.

वैसे, हाल के दिनों में हरियाणा के औद्योगिक शहर गुरूग्राम में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाएं बढ़ी हंै. यहां तक कि कट्टरवादियों ने खुले में नमाज पढ़ने को लेकर इतना उछल-कूद मचाया कि सरकार ने अधिकांश पुराने खुली जगह पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दी. जबकि इससे पहले तकरीबन 70 जगहों पर खुले में जुमे की नमाज हुआ करती थी. चूंकि गुड़गांव कारोबारी शहर और शहर में मस्जिदांे की संख्या मुश्किल से चार-पांच है. ऐसे में रोजाना हजारों की संख्या में आस-पड़ोस के शहरों से यहां काम-रोजगार करने आने वाले मुसलमान हर जुमे को खुले में नमाज पढ़ा करते थे.प्रतिबंध लगाने के बाद से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह पटौदी और मेवात में हिंदूवादी संगठन हाल के दिनों मंे समारोह आयोजित कर मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं.