Religion

Hajj and Ram Mandir bhumi puja तैयारियों की तुलना बेमानी

भूमिपूजन में शामिल होने वालों के लिए क्वरंटीन रहने की कोई बाध्यता नहीं है। जबकि मक्का में तवाफ यानी परिक्रमा करने वालों से भी सोशल डिस्टेंशिंग का सख्ती से पालन कराया जा रहा है

पवित्र इस्लामिक शहर मक्का की तरह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण का दावा करने वाला राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वार्षिक हज की तरह भूमिपूजन पर  कितनी सावधानियां बरतेगा,यह देखना दिलचस्प होगा। इससे संबंधित अयोध्या, उत्तर प्रदेश एवं देश की राजधानी दिल्ली से अब तक जिनती खबरें आईं , चिंता बढ़ाने वाली हैं। इसके उलट मक्का में हज के लिए जुटे हजारों लोगों को लेकर आई अब तक की सूचना ‘ऑल इज वेल’ है।
  दिल्ली से 5 अगस्त के अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर(Ram Mndir) भूमि पूजा कार्यक्रम की सुरक्षा-व्यवस्था पर नजर रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit shah) कोरोना संक्रमित होकर हरियाणा के गुड़गाँव (Gurgaon) के मेदांता अस्पातल में भर्ती हो गए हैं। जबकि रविवार को उत्तर प्रदेश से एक महिला कैबिनेट मंत्री की मृत्यु और इस प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कोरोना पीड़ित होने की खबर है। इससे पहले अयोध्या की सुरक्षा में तैनात बारह से अधिक पुलिस कर्मियों व कुछ पुजारियों के कोरोना प्रभावित होने की खबर आई थी। उत्तर प्रदेश में अभी कोरोना के कुल 85,461 मामलेे हैं, जिनमें 48,863 ठीक हो चुके। इस प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या खबर लिखने तक 1,630 थी। अयोध्या में अभी कोराना के 318 एक्टिव केस हैं।

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   दूसरी तरफ सउदी अरब के मक्काह प्रांत के मक्का शहर में वार्षिक हज के लिए जुटे दस हजार लोग पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। हज के दौरान उनकी रैंडम सैंप्लिंग ली गई, जिसमें सभी पास हो गए। सउदी अरब सरकार कोरोना संक्रमण के बीच हज संपन्न कराने को लेकर सख्त नियम-कायदे का पालन करा रही है। हज से पहले तमाम तरह के टेस्ट और 14 दिनों के क्वरंटीन के बाद ही लोगों को मक्का में इंट्री दी गई। अभी पूरा शहर सील है। हज पूरा होने के बाद भी तमाम हाजियों को 14 दिनों तक अलग-थलग रहना होगा।आयोध्या के मुकाबले मक्का का क्षेत्रफ बड़ा होने के बावजूद उसे चौबीस घंटे सेनेटाइज रखने की व्यवस्था की गई है। खबर लिखने तक सउदी अरब के मक्काह प्रांत में कुल 73, 542 लोग संक्रमित थे, जिनमें से 64,451 ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके थे। इस महारोग से वहां 1,294 लोगों की मौत हुई। बिगड़े हालात के चलते इस बार वार्षिक हज कार्यक्रम सीमित रखा गया। पहले दुनिया भर के 40 लाख से अधिक लोग मक्का में हज के लिए जुटते थे। इस बार हज के लिए जुटने वाले सभी 10 हजार लोग सउदी अरब से हैं।
  अयोध्या में प्रस्तावित राम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने यूं तो देश भर से मात्र 200 मोस्ट वीवीआईपी आ रहे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। जब कि उनकी सुरक्षा और व्यवस्था में उस दिन हजारों लोगों का जमावड लगने का अनुमान है। इसके अलावा वीवीआईपी से संबंधित भी सैकड़ों लोग उस दिन वहां मौजूद रहेंगे।

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उस हिसाब से क्या सावधानियां बरती जा रही हैं ? हज यात्रियों की तरह उनके लिए कोई विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए अथवा नहीं ? इससे संबंधित कोई जानकारी सामने नहीं आई है। केवल यही बताया गया कि कार्यक्रम के दिन अयोध्या में सोशल डिस्टेंशिंग और मॉस्क पहनने के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। वीवीआईपी इसका कितना पालन करेंगे, यह अलग सवाल है। हज यात्रियों की तरह अयोध्या के भूमिपूजन में शामिल होने वालों के लिए क्वरंटीन रहने की कोई बाध्यता नहीं है। जबकि मक्का में  तवाफ यानी परिक्रमा करने वालों से भी सोशल डिस्टेंशिंग का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। बहरहाल, तमाम खामियों के कारण कोरोना को लेकर भूमिपूजन से क्या तस्वीर उभरती है, यह देखने वाली होगी।

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