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हमास-इजरायल युद्ध: रमजान से पहले युद्धविराम की उम्मीद खत्म: हमास

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,काहिरा

तमाम प्रयासों के बावजूद गाजा में इजरायल के युद्धविराम की उम्मीद नहीं है. इसके संकेत हमास ने भी दिए हैं. हमास ने कहा कि बंधकों पर बातचीत अगले सप्ताह होगी, इसलिए उसका प्रतिनिधिमंडल काहिरा छोड़ चुका है. इससे मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान से पहले युद्धविराम की संभावना खत्म हो गई है.

मिस्र के अधिकारियों ने पहले कहा था कि युद्ध की समाप्ति के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया की हमास की मांग पर बातचीत गतिरोध पर पहुंच गई है. लेकिन उन्होंने रमजान से पहले किसी सौदे से इंकार नहीं किया. अरब देशों में रमजान 11 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है.

हमास के प्रवक्ता जिहाद ताहा ने कहा कि इजराइल युद्धविराम, विस्थापितों की वापसी और अपने घुसपैठ वाले क्षेत्रों से वापसी के संबंध में प्रतिबद्धता और गारंटी देने से इनकार कर रहा है. उन्होंने कहा कि बातचीत अभी भी जारी है. अगले सप्ताह फिर शुरू होगी. इजराइल की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.

अमेरिका, मिस्र और कतर छह सप्ताह के युद्धविराम और इजराइल में कैद फिलिस्तीनियों के बदले गाजा में रखे गए 40 बंधकों की रिहाई पर समझौता करने की कई हफ्तों से कोशिश कर रहे हैं.

मिस्र के अधिकारियों ने कहा कि हमास पहले चरण के रूप में इस तरह के समझौते की मुख्य शर्तों पर सहमत हो गया है, लेकिन प्रतिबद्धता चाहता है कि इससे अंततः अधिक स्थायी युद्धविराम हो सकेगा.

हमास ने कहा है, वह क्षेत्र से इजरायल की पूर्ण वापसी के बिना शेष सभी बंधकों को रिहा नहीं करेगा. माना जाता है कि फिलिस्तीनी लड़ाकों ने लगभग 100 बंधकों को और 30 अन्य लोगों के अवशेषों को अपने कब्जे में ले रखा है, जिन्हें हमास के 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के दौरान पकड़ लिया गया था. इसके बाद ही इजरायल ने गाजा पर हमलावर है और अब तक 32 हजार लोग मारे जा चुके हैं.

हमास शेष बंधकों के बदले में उम्रकैद की सजा काट रहे शीर्ष लड़ाकों सहित बड़ी संख्या में कैदियों की रिहाई चाहता है.

इजराइल ने सार्वजनिक रूप से उन मांगों को खारिज कर दिया है. कहा कि वह हमास को नष्ट करने के लक्ष्य के साथ किसी भी युद्धविराम के बाद आक्रामक अभियान फिर से शुरू करने का इरादा रखता है.

मिस्र के अधिकारियों का कहना है कि इसराइल बातचीत को समझौते तक ही सीमित रखना चाहता है. उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की क्योंकि वे मीडिया के साथ बातचीत पर चर्चा करने के लिए अधिकृत नहीं. दोनों अधिकारियों ने कहा कि मध्यस्थ अभी भी दोनों पक्षों पर अपना रुख नरम करने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

रमजान, सुबह से शाम तक रोजा रखने का महीना है. यरूशलेम में एक प्रमुख पवित्र स्थल पर रोजेदार पहुंचते हैं. इस दौरान अक्सर इजरायली-फिलिस्तीनी तनाव बढ़ जाता है. 11 मार्च से रमजान शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन चांद देखकर ही यह महीना शुरु होगा.