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हमास ने कतर में भेजा प्रतिनिधिमंडल, 48 घंटों में इज़राइल के युद्धविराम प्रस्ताव पर देगा जवाब

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नई दिल्ली/देइर अल-बलाह

— गाजा में जारी खूनी संघर्ष के बीच, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने घोषणा की है कि वह इज़राइल के युद्धविराम प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कतर को एक प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। यह जानकारी हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को दी।

अधिकारी के अनुसार, हमास अगले 48 घंटों के भीतर मध्यस्थों को अपना जवाब भेज सकता है। उन्होंने बताया कि आंदोलन फिलहाल आंतरिक स्तर पर विचार-विमर्श कर रहा है और अन्य प्रतिरोध संगठनों से भी सलाह-मशविरा कर रहा है ताकि एक एकीकृत और ठोस स्थिति तैयार की जा सके।


युद्धविराम प्रस्ताव और बंधकों की रिहाई पर चर्चा

मध्यस्थता वार्ता कतर और मिस्र की भूमिका में हो रही है। हाल ही में काहिरा में एक प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसमें गाजा में बंधक बनाए गए 8 से 10 लोगों की रिहाई के बदले में युद्धविराम लागू करने का सुझाव दिया गया।

हालांकि, हमास के अधिकारियों ने इस बात पर चिंता जताई कि क्या यह प्रस्ताव केवल अस्थायी युद्धविराम तक सीमित रहेगा या पूर्ण युद्धविराम की दिशा में जाएगा। यह मुद्दा फिलहाल बातचीत का सबसे बड़ा अड़चन बना हुआ है।

हमास के अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वार्ता इस सप्ताह के अंत में या अगले सप्ताह दोहा, कतर में होने की संभावना है। उन्होंने गुमनाम रहने की शर्त पर मीडिया को जानकारी दी, क्योंकि उन्हें संवेदनशील वार्ता पर सार्वजनिक बयान देने की अनुमति नहीं है।


गाजा में मानवीय संकट गहराया, UN ने जताई चिंता

गाजा में स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 38 लोग मारे गए हैं, जिससे हालिया संघर्ष में मृतकों की कुल संख्या 1,600 से अधिक हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय (UNOCHA) ने सोमवार को चेतावनी दी कि गाजा की मानवीय स्थिति अब तक की सबसे खराब हो सकती है। प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा:

“गाजा में न तो ईंधन पहुंच रहा है, न ही भोजन, न ही दवाएं। यह एक आपदा की स्थिति बन चुकी है।”

इज़राइल द्वारा 2 मार्च से गाजा पट्टी में सभी मानवीय आपूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने से हालात और बिगड़ गए हैं।


युद्ध की पृष्ठभूमि: 7 अक्टूबर का हमला और उसके बाद की तबाही

गाजा युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया

तब से अब तक, कई बंधकों को युद्धविराम समझौते के तहत रिहा किया जा चुका है। हालांकि, गाजा में अब भी 59 बंधक मौजूद हैं, जिनमें से केवल 24 के जीवित होने की संभावना है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़राइली सैन्य हमलों में अब तक लगभग 51,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। हालांकि मंत्रालय नागरिकों और लड़ाकों में अंतर नहीं करता।


रेड क्रॉस ने की पुष्टि: फिलिस्तीनी चिकित्सक हिरासत में

सोमवार को रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) ने पुष्टि की कि इज़राइली सेना ने एक फिलिस्तीनी चिकित्सक को हिरासत में लिया है। यह चिकित्सक 23 मार्च को दक्षिणी गाजा में हुए हमले के बाद से लापता था, जिसमें 15 प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता (फर्स्ट रिस्पॉन्डर) मारे गए थे।

रेड क्रॉस ने बताया कि उन्हें अब तक चिकित्सक से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है और उन्हें उसकी हिरासत की जानकारी कैसे मिली, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है।

इज़राइली सेना ने पहले दावा किया था कि जिन एंबुलेंसों पर फायरिंग की गई वे संदिग्ध थीं, क्योंकि वे बिना लाइट के चल रही थीं। लेकिन बाद में सामने आए एक सेलफोन वीडियो में स्पष्ट रूप से सायरन बजाती चिह्नित एंबुलेंसें दिखाई दीं।

सेना ने दावा किया कि उन्होंने 9 आतंकवादियों को मार गिराया, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया गया और न ही सभी शव बरामद हुए हैं। सेना का कहना है कि मामले की आंतरिक जांच की जा रही है।


निष्कर्ष: कतर में वार्ता से क्या निकलेगा समाधान?

गाजा में हिंसा और मौतों के बीच कतर में होने वाली आगामी वार्ता को एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इज़राइल स्पष्ट रूप से हमास को पूरी तरह हराने की रणनीति पर अडिग है, लेकिन मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव इस दिशा में समझौते की संभावनाएं जगा रहे हैं।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगले 48 घंटों में हमास क्या जवाब देता है, और कतर में होने वाली वार्ता से क्या शांति की कोई नई उम्मीद जन्म ले सकती है?

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