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मध्य प्रदेश के रायसेन में एक मुसलमान के पैसे से बनेगा हनुमान मंदिर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, भोपाल

कट्टरवादी हिंदू संगठन जब हिमाचल, उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों को अवैध बताकर प्रशासनिक मिलीभगत से इसे ध्वस्त करने में लगे हैं, ऐसे में मध्य प्रदेश के रायसेना जिले के एक मुस्लिम अधिवक्त और उनकी पत्नी ने हनुमान मंदिर के निर्माण में अपने जमीन के मुआवजे की मोटी रकम देकर सौहार्द की मिसाल पेश की है.

उन्होंने 7 लाख 51 हजार रूपये रायसेन के एसडीएम सौरभ मिश्रा की मौजूदगी में मंदिर समिति को इस शर्त के साथ दान किया है कि इसे केवल मंदिर निर्माण पर ही खर्च किया जाएगा.दरअसल, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बेलागंज कस्बे में बीना नदी पर बांध का निर्माण हो रहा है. इस परियोजना में स्थानीय अधिवक्ता अजीज खान मंसूरी की पत्नी हाजरा बी की चार एकड़ 36 डिस्मिल जमीन भी आ गई है. इस जमीन को प्रशासन ने बांध बनाने के लिए अधिग्रहित कर लिया है.

इस भूखंड के 300 वर्ग गजग में गोकुलदास की तरी नाम से एक हुमान मंदिर और एक दरगाह भी था. अजीज खान मंसूरी बताते हैं कि तकरीबन पांच दशक पहले उनकी पत्नी के पिता ने जब यह भूखंड खरीदा था, तब भी इसके एक हिस्से में छोटा सा मंदिर और दरगाह बना हुआ था. बाद मंे हनुमान मंदिर समिति ने उनके जमीन के कुछ हिस्से पर मंदिर को विस्तार दे दिया था.

मगर बांध के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद मंदिर और दरगाह भी उसमें आ गया. अब प्रदेश सरकार ने प्रति एकड़ चार लाख रूपये के हिसाब से किसानों को जमीन का मुआवाज दिया है.अधिकवक्त अजीज खान ने बताया कि उन्हें भी मंदिर के भूखंड की जमीन के 7 लाख 51 हजार और दरगाह की जमीन के 18 रूपये मिले हैं. मगर उन्हांेने दरगाह के प्रबंधन को 18 रूपये और मंदिर समिति को 7 लाख 51 हजार रूपये 18 सितंबर को एसडीएम की मौजूदगी में सौंप दिए.

एसडीएम सौरभ मिश्रा ‘मुस्लिम नाउ’ को बताते हैं कि जमीन के मुआवजे के रूपये मिले धन को मंदिर समिति को चेक की शक्ल में लिखिल समझौता दिया गया. इसमें स्पष्ट रूप से शर्त लगाई गई कि यह पैसा केवल हनुमान मंदिर के निर्माण पर ही खर्च होगा.मंदिर समिति जैसे ही मंदिर निर्माण के लिए किसी अन्य जगह पर जमीन खरीदेगी, प्रशासन उसे यह रकम सौंप देगा. इस शर्त मंे यह भी शामिल है कि मंदिर निर्माण के शिला लेख पर अधिवक्ता अजीज खान का नाम भी दर्ज किया जाएगा.

अजीज खान और उनके परिजनों के इस पहल की हर तरफ तारीफ हो रही है. मंदिर समिति के सचिव ओप्रकाश गौर कहते हैं कि अजीज खान जैसे लोगों की वजह से ही आज देश में सांप्रदायिक सौहार्द जिंदा है अन्यथा कट्टरपंथी न जाने कब हिंदुस्तान की बुनियाद में पलीता लगा देते.

एसडीएम सौरभ मिश्रा भी कहते हैं कि अजीज खान के परिवार की इस पहल से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी और ऐसे प्रयास सभी पक्षों की ओर से किए जाएंगे.एक प्रश्न के उत्तर में अजीज खान ने कहा कि उन्होंने जमीन का मुआवाजा मंदिर समिति को सौंपा तो उनके समुदाय के कई लोगों ने मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा न करने की सलाह दी थी. मगर उन्होंने किसी की नहीं मानी. अजीज कहते हैं, एक छोटे से प्रयास से यदि समाज में सौहार्द बना रहे तो इससे बढ़कर और क्या बात हो सकती है.

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