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Hathras जकिया खान का पीएफआई पर बयान, छिड़ी नई बहस

यूपी पुलिस के साजिश से संबंधित दस्तावेज़ को बताया ब्लैक लाइव मैटर आंदोलन की सामग्री की काॅपी

कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज एवं राष्ट्रीय सचिव जकिया खान ने एक नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हाथरस को लेकर देश-प्रदेश में जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रचने के दावे को चुनौती दी है। उनकी दलील है कि योगी सरकार की ओर से इस संदर्भ में पेश किए गए सबूत, दरअसल, अमेरिका के ‘ब्लैक लाइव मैटर’ ( #BlackLivesMatter) आंदोलन के दौरान बांटी सामग्री की हू-ब-हू काॅपी है।
  अमेरिका में ‘ब्लैक लाइव मैटर’ आंदोलन पुलिस द्वारा काले लोगों के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार के विरोध में चलाया गया था। जकिया खान ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि उस दौरान आंदोलनकारियों ने अपने साथियों के बीच जो लिटरेचर बांटे, उसकी काॅपी पेस्ट कर हाथरस मामले में देश एवं प्रदेश को एक बड़ी साजिश में झोंकने का हिस्सा बताया जा रहा। सोशल मीडिया पर उनकी प्रेस वार्ता को लेकर चल रहे वीडियो फुटेज में वह बतौर सबूत पेज नंबर 125 एवं 126 का हवाला देते दिखाई देती हैं।

बयान पर बहस

हालांकि, उनके इस वीडियो फुटेज पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। कोई इसे आधर बनाकर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ पर हमले कर रहा, तो कोई जकिया खान को बुरा-भला। प्रसून पी ने ट्वीटकर कहा-‘यह भी साजिश है।’ इसी तरह भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पीतांबर दत्त शर्मा कहते हैं-‘काॅपी पेस्ट हुड़दंगी भी तो कर सकते हैं।’

इस मुद्दे पर जेएनयू के वीनोद मीना ने कड़ी टिप्पणी की है। लिखा है-‘राष्ट्रीय एकता के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक ब्राह्रमणवाद, मनुवाद, गोदी मीडिया और अंधभक्त हैं।’ जकिया खान द्वारा 7 अक्तूबर को दिन के 2ः59 बजे डाले गए इस वीडियो पोस्ट पर खबर लिखने तक 593 लोगों की प्रतिक्रिएं आ चुकी थीं।

खुल्लम-खुल्ला साजिश पर सवाल

उल्लेखनीय है कि हाथरस में अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय एक बिटिया से कथित सामूहिक बलात्कार, रीढ़ की हड्डी तोड़ कर हत्या करने एवं परिजनों को बिना विश्वास में लिए रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार के विरोध में मचे सियासी घमासान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े रहस्योद्धाटन का दावा किया है। उसकी ओर से मीडिया में कुछ सबूत पेश किए गए हैं, जिसके आधार पर कहा किया गया कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश एवं देश को जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने की साजिश रची जा रही थी। इसके लिए 100 करोड़ की फंडिंग की गई, जिसमें से 50 करोड़ रूपये माॅरिशस से भेजे गए। इसके लिए पीएफआई (PFI)को जिम्मेदार ठहराया गया। इस सिलसिले में केरल के एक पत्रकार सहित चार मुस्लिम युवक मथुरा से गिरफ्तार किए गए हैं। यूपी पुलिस(UP Police) की ओर से बतौर सबूत एक वेबसाइट का हवाला दिया गया है। दावा है कि उसमें सार्वजनिक रूप से दंगे भड़काने की साजिश रचने के तरीके सुझाए गए थे। इसपर सवाल उठ रहे हैं कि कोई सर्वाजनिक तौर पर दंगे की साजिश रच सकता है क्या ? ताकि साजिशकर्ता आसानी से किसी की भी नजरों में आ जाएं। ऐसे ही सवालों को लेकर जकिया खान ने प्रेस वार्ता की और यूपी पुलिस के इससे संबंधित दस्तावेज़ को ब्लैक लाइव मैटर आंदोलन की सामग्री की हू-ब-हू काॅपी होने का दावा किया।

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संपादक