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Hathras कांग्रेसियों के सामने कैसे झुकी यूपी सरकार, किसने धमकी दी–हम खड़े हो गए तो मुश्किल हो जाएगा पूरे भारत का चलना

ब्राह्मण अपराधियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने से यह तबका सत्तारुढ़ दल से नाराज है, हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड के बाद तो राजपूतों ने भी आँखें तरेरनी शुरू कर दी है

कांग्रेस के आक्रमक रूख के आगे आखिरकार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार को झुकना पड़ा। काँग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को देखते हुए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पांच नेताओं को हाथरस जाने की इजाज़त दे दी गई। ताकि वे उच्च जाति के युवकों की कथित हवस का शिकार बनी दलित लड़की के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट कर सकें। इसके बावजूद योगी सरकार की सिरदर्दी कम होती नहीं दिख रही। राहुल गांधी जब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस जाने के लिए दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की नोएडा सीमा पर मौजूद थे। उस समय सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा था, जो संकेत है कि आने वाला समय सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ने वाला है।

उक्त वायरल वीडिया से पता लगाना मुश्किल है कि उसे कहां शूट किया गया। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में माथे पर चंदन लगाए एक व्यक्ति वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते दिखता है। उसकी बातों से लगता है कि वहां मौजूद लोग हाथरस के उस गांव के करीब किसी स्थान पर एकत्रित हैं, जहां पखवाड़े भर पहले 19 वर्षीय एक वाल्मीकि बच्ची से कथित सामूहिक बलात्कार के बाद रीढ़ की हड्डी तोड़ एवं जीभ काट कर हत्या कर दी गई थी। इस आरोप में राजपूत जाति के 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया है। माथे पर चंदन लगाए व्यक्ति आरोपियों को निर्दोष एवं ‘पूरा भारत रोकने’ की धमकी देता दिखाई देता है।

प्रशासन के विवादास्पद रवैये से बवाल बढ़ा

इस मामले में पुलिस-प्रशासन का रवैया बेहद विवादास्पद रहा। बच्ची की दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने आधी रात को गांव के एक खेत में उसका दाह-संस्कार कर दिया। यहां तक कि बच्ची को फूंकने से पहले उसका चेहरा उसके मां, बाप, भाई, बहन को भी दिखने नहीं दिया। इस बीच एक वीडियो में हाथरस के जिलाधिकारी कथित रूप से पीड़ित परिवारों की महिलाओं को धमकाते दिखे। ऐसी बातें मीडिया में आने के बाद प्रशास ने गांव में मीडिया कर्मियों एवं राजनीतिक दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी। दो दिन पहले जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लाव-लश्कर के साथ जब दिल्ली से हाथरस जा रहे थे, उनके काफिले को नोएडा-आगरा एक्सप्रेस वे पर रोक दिया गया। राहुल के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने आपत्तिजनक व्यवहार  किया। उन्हें धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। यही नहीं अगले दिन जब तृमूल कांग्रेस के तीन सांसद एवं एक पूर्व सांसद पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव पहुंचे तो पुलिस-प्रशासन के लोगों ने उनके साथ भी बदसलूकी की। टीएमसी के वरिष्ठ नेता व सांसद डेरेक ओ ब्रायन को जमीन पर पटक दिया।

काँग्रेसी हाथरस जाने को बता रहे जीत

इसके बाद से देश की सियासत गर्म है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इस क्रम में शनिवार की शाम राहुल एवं प्रियंका गांधी अपनी पार्टी के 35 सांसदों एवं हजारों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ फिर हाथरस जाने के लिए नोएडा के डीएनडी पर पहुंचे। काफी देर तक हंगामा चलने के बाद उन्हें पांच लोगों के साथ हाथरस जाने की इजाज़त दे दी गई। कांग्रेसी इसे अपनी जीत मान रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कहते हैं-‘‘ कायर है भारतीय जनता पार्टी की सरकार। डरपोक हैं आदित्यनाथ। जो जाकर छिप गए हैं हजारों पुलिस कर्मियों की लाठियाँ एवं संगीन के पीछे। वह समझते हैं कि यह संगीनें एवं लाठियाँ पीड़िता की न्याय की गुहार को दबा पाएंगी। भूल जाओ योगी आदित्यनाथ। तुम्हारी पुलिस, लाठियाँ, गोलियां और दमन चक्र न कांग्रेस को दबा पाएंगी, न पीड़ित के लिए न्याय की गुहार को।’’

बैठक में सरकार एवं पार्टियों को खुली धमकी

सूरजेवाल डीएनडी पर जब अपने आक्रमक अंदाज़ में न्यूज चैनल्स को बाइट दे रहे थे। उस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। उसमें माथे पर चंदन लगाए एक व्यक्ति धमकाने के अंदाज में कहता दिख रहा था-‘‘जो मुआवजा बनता है, मेरे बच्चों को देना। बिना जमानत के मेरे बच्चे बाहर आएंगे। क्या मेरी मांग गलत है।’’ भीड़ हाथ उठाकर कहती है-नहीं। वह आगे कहता है-‘‘मेरे बच्चे बलात्कारी नहीं। मीडिया का दबाव नहीं चलेगा। उन्होंने अपनी ताकत दिखाई। हम अगर खड़े हो गए तो मुश्किल हो जाएगा पूरे भारत का चलना। हम हैं चाबी। हम तन भी देते हैं। मन भी देते हैं। धन भी देते हैं। हमारा रक्त-रक्त मातृभूमि को समर्पित है।…..वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जो एसआईटी जांच चल रही है, निष्पक्ष रूप से हो। अगर मेरा कोई भी बच्चा निर्दोष साबित होता है तो, बिना बेल जेल से बाहर निकाला जाए। कोई भी नेता हमारे बीच नहीं आएगा। कोई भी पार्टी हमारे बीच नहीं आएगी। हम सबकी निंदा करते हैं। हमारे बच्चों, हमारे समाज की सबने थू-थू की है।….केवल राजनीतिक दलों का विरोध करो, सब हो जाएगा।’’

राजपूतों की नाराज़गी बढ़ाएगी सिरदर्दी

फेसबुक के एक पोस्ट में दावा किया गया कि इस बैठक में छत्रिय महासभा, महाराणा प्रताप सेवा समिति, करणी सेना सहित अन्य क्षत्रिय दलों के लोग शामिल हुए। यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी के लिए इस लिए भी चिंता बढ़ाने वाली है कि क्षत्रिय उसके वोटर माने जाते हैं। मुख्यमंत्री आदित्य नाथ भी राजपूत हैं। प्रदेश के यादव, मुस्लिम, दलित, पिछड़ों का एक बड़ा तबका समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी एवं कांग्रेस के साथ है, जबकि बनिया, ब्रह्रमण सहित तमाम अगड़ी जातियां भाजपा की वोट बैंक समझी जाती हैं। ब्राह्मण अपराधियों के हालिया पुलिस  एनकाउंटर  में मारे जाने के बाद से अभी यह तबका सत्तारुढ़ दल से नाराज़ चल रहा है। हाथरस सामूहिक बलात्कार में चार राजपूत लड़कों की गिरफ्तारी के बाद अब इसमें सरकार विरोधी उबाल देखा जा रहा है। राजपूतों का माना है कि पुरानी रंजिश के चलते उनके बच्चों को फँसाया गया। बहरहाल, एसआईटी जांच के बाद ही पता चलेगा कि उनके दावों में किनता दम है।

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