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हिजाब प्रतिबंधः जामिया मिलिया में छात्रों, सीएफआई कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के कार्यकर्ताओं और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने संयुक्त रूप से कर्नाटक उच्च न्यायालय के शैक्षणिक संस्थानों के भीतर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के खिलाफ गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया.
सीएफआई के कार्यकर्ताओं और विश्वविद्यालय के छात्रों ने हिजाब पहने मुस्लिम छात्रों के नेतृत्व में एचसी के आदेश का विरोध किया. इस दौरा जामिया रिजेक्ट्स हिजाब वर्डिक्ट‘‘ और ‘‘बीजेपी डाउन डाउन‘‘ के नारे विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 पर लगाए गए.छात्रों ने राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध के विरोध में कर्नाटक के कॉलेजों के हिजाब पहनने वाले छात्रों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की.

कुछ छात्रों के कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोकने की भी खबरें सामने आई हैं.एक हिजाब पहने महिला, जो विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की छात्रा है, फौजिया को विरोध प्रदर्शन के दौरान गेट पर रोक दिया गया.बाद में फौजिया ने कहा,‘‘मुझे नहीं पता कि मुझे क्यों रोका जा रहा है. मुझे निशाना बनाया जा रहा है, कि मैं ही सब कुछ कर रही
हूं (विरोध का आयोजन). मैं किसी भी संगठन का हिस्सा नहीं हूं, मैं विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनने जा रही हूं लेकिन मुझे अभी भी रोका जा रहा है. मुझे यहां (गेट के बाहर) बैठने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. ”
उसने बताया,‘‘प्रोक्टर ने आदेश दिया है कि फौजिया को परिसर के अंदर नहीं जाने दिया जाना चाहिए. मैंने आज तक कभी कुछ (गलत) नहीं किया, फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं. ”

हिजाब विवाद क्या है ?

हिजाब विवाद जनवरी के बाद से शुरू हुआ है. कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज परिसर में अपने धार्मिक दायित्व के तहत हेडस्कार्फ (हिजाब) पहनने पर रोक लगा दी गई थी.
उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाली पंक्ति पर अपना फैसला सुनाया और कहा कि हिजाब पहनना एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है, जिसके बाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.