पश्चिम बंगाल में एक मस्जिद की हिंदू परिवार 50 वर्षों से कर रहा है रखवाली
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, कोलकाता
देश में धर्म-मजहब के नाम पर नफरत फैलाने वालों के लिए पश्चिम बंगाल का एक परिवार नसीहत की तरह है. अभी जब हिजाब के नाम पर नफरती गिरोह देश के माहौल में अशांति घोलने का प्रयास कर रहा है, उक्त परिवार ने बताया है कि आस्था की कद्र नहीं की गई तो देश की गंगा-जमुनी तहजीब ध्वस्त हो जाएगी. विश्व पटल पर यही भारत की पहचान है. तालिबान और पाकिस्तान की राह चलने वालों का अक्सर बुरा ही अंजाम हुआ है.
आज के युग में जहां राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर अक्सर हिंदू और मुसलमानों के बीच झड़पें सुनने को मिलती हैं, वहीं पश्चिम बंगाल से सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल सामने आई है. उत्तर बंगाल के 24 परगना में 50 से अधिक वर्षों से एक हिंदू परिवार एक मस्जिद का रखरखाव कर रहा है. जिस मस्जिद का रखरखाव हिंदू परिवार करता है उसका नाम अमानती मस्जिद है.

उत्तर 24 परगना के बारासात के वरिष्ठ नागरिक दीपक कुमार बोस और उनके बेटे दीपक कुमार बोस आज समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करने का काम कर रहे हैं. बोस परिवार ने मस्जिद में चौकीदार का काम किया है और पूरा परिवार पिछले 50 सालों से इसकी देखभाल कर रहा है. दीपक बोस प्रतिदिन एक कार्यवाहक के रूप में मस्जिद जाते हैं.हर दिन गलियारों की सफाई की जाती है.
दीपक बोस रोज यहां नमाज से पहले आते हैं और मस्जिद के गलियारों की सफाई करते हैं, ताकि मुसलमान शांति से और बिना किसी परेशानी के अपनी नमाज अदा कर सकें. आपको बता दें कि अमानती मस्जिद नबू पाली इलाके में स्थित है, जो हिंदू बहुल इलाका है.

लोगों ने किया मस्जिद का विरोध
1964 में, बोस परिवार ने खुलना में उत्तर 24 परगना की भूमि के साथ संपत्ति का आदान-प्रदान किया. उस समय वहां एक छोटी सी मस्जिद थी. कई लोगों ने मस्जिद का विरोध किया और उसे शहीद करने की बात कही तो बोस परिवार ने इसे धार्मिक मामला बताया. मस्जिद के कार्यवाहक दीपक बोस ने कहा, ‘‘हमने मस्जिद के पुनर्निर्माण का फैसला किया और तब से हमारा परिवार मस्जिद की देखभाल कर रहा है.‘‘