पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री का जेल भेजना कितना है आसान ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने तोशा खाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन साल की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया. दरअसल, यह कोई इकलौता मामला नहीं है, जब पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहा कोई राजनेता जेल भेजा गया हो. इस मुल्क की सियासत इतनी लंगड़ी है कि मौका-बे-मौका पहले भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जेल की सलाखों के पीछे धकेले जाते रहे हैं.
एक दिन पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की एक स्थानीय अदालत ने तोशा खाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई है. खान को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री या उस पद पर बैठे नेता को जेल में डाला गया है, बल्कि प्रधानमंत्रियों को जेल में डालने का पाकिस्तान का एक लंबा इतिहास रहा है.
हुसैन शहीद सुहरावर्दी पाकिस्तान के पांचवें प्रधान मंत्री थे. 0उनका कार्यकाल सितम्बर 1956 से अक्टूबर 1957 तक था. सुहरावर्दी को जनवरी 1962 में जनरल अयूब खान के सैन्य तख्तापलट का समर्थन करने से इनकार करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.उन पर राज्य विरोधी गतिविधियों का झूठा आरोप लगाया गया और बिना मुकदमा चलाए कराची की सेंट्रल जेल में कैद कर दिया गया.
जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के नौवें प्रधानमंत्री थे. वह अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक प्रधानमंत्री रहे. 1974 में, उन पर एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया, लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ख्वाजा मुहम्मद अहमद समदानी ने उन्हें रिहा कर दिया. उनकी गिरफ्तारी का कोई कानूनी आधार नहीं था, लेकिन बाद में उन्हें मार्शल लॉ की सजा सुनाई गई. उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार कर लिया गया. इस कानून को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकी.उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. 4 अप्रैल, 1979 को उन्हंे फांसी दे दी गई.
बेनजीर भुट्टो 1988 से 1990 तक और 1993 से 1996 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं. उन्हें पहली बार 1985 में हिरासत में लिया गया और 90 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया. फिर स्वतंत्रता दिवस की रैली में सरकार का अपमान करने के लिए अगस्त 1986 में हिरासत का सामना करना पड़ा. इसके अतिरिक्त, अप्रैल 1999 में, भुट्टो पर एक स्विस कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया और पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई. न केवल उन्हें सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित किया गया, उन पर 5 मिलियन पाउंड का जुर्माना भी लगाया गया. इतना ही नहीं, नवंबर 2007 में बेनजीर को जनरल मुशर्रफ की सरकार के खिलाफ लंबे मार्च का नेतृत्व करने से रोकने के लिए फिर से एक हफ्ते के लिए जेल में डाल दिया गया था.
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को जनरल परवेज मुशर्रफ के शासनकाल के दौरान सितंबर 2007 में 10 साल के लिए निर्वासित कर दिया गया था. जब वह पाकिस्तान लौटे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अपने शेष वर्ष निर्वासन में बिताने के लिए सऊदी अरब भेज दिया गया. जुलाई 2018 में नवाज शरीफ को उनकी बेटी मरियम के साथ भ्रष्टाचार के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई. दिसंबर 2018 में, पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में फिर से सात साल जेल की सजा सुनाई गई.
पीएमएल-एन के शाहिद खाकन अब्बासी जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. एलएनजी मामले में कथित भ्रष्टाचार के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने शाहिद खाकन अब्बासी को गिरफ्तार किया था. बाद में 27 फरवरी 2020 को उन्हें अदियाला जेल से रिहा कर दिया गया.पीएमएल-एन के शाहिद खाकन अब्बासी जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे.