रमजान 2024 का आखिरी रोजा भारत में कितने घंटे का, तापमान क्या होगा ?
Table of Contents
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
रमजान 2024 दूसरे अशरे से निकल कर आखिरी यानी तीसरे अशरे में प्रवेश करने वाला है. रमाजन में रोजे की टाइमिंग की खासियत है कि जैसे-जैसे रोजा कम होता जाता है, इफ्तार-सेहरी के बीच का समय बढ़ता जाता है.रोजा आगे खिसकने के साथ जहां सेहरी का समय घटता है, वहीं इफ्तार का समय बढ़ जाता है. इसके साथ ही रोजे के घंटों में भी इजाफा हो जाता है.
भारत में रमजान की अलग चाल है
भारत में पिछले कई वर्षों से जाड़े के खत्म होने और गर्मी के आने के मौसम के साथ रमजान की आमद होती है. ऐसे में देखा गया है कि रमजान के शुरूआती रोजे में जहां मौसम में सर्दी घुली होती है, वहीं रमजान के आगे बढ़ने के साथ दिन का तापमान बढ़ जाता है.
देश की राजधानी दिल्ली में अभी ऊपर का तापमान 30 डिग्री के आसपास है, जबकि रोजा अभी अपने दूसरे अशरे में है.भारत की भौगोलिक बनावट के हिसाब से देखें तो विभिन्न प्रदेशों में रोजे के दौरान इफ्तार और सहरी के टाइम में आधे घंटे से 40 मिनट तक का अंतर होता है.
ALSO READ
रमजान के तीसरे अशरे की क्या है अहमियत?
रमज़ान का दूसरा अशरा क्या है, इसमें क्या करें
शुरूआती रोजे करीब सवा 13 घंटे के
रोजा जब शुरू हुआ था तब दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में सेहरी और इफ्तारी के घंटे में करीब 13 घंटे और 18 से 20 मिनट का अंतर था. तब तापमान भी ज्यादा नहीं था. अब ऐसा नहीं है.यदि दिल्ली को आदर्श शहर मानकर चलें तो रमजान 2024 का पहला रोजा 13ः18 मिनट का था. इसी तरह 10 वां रोजा 13ः 35 मिनट के आसपास था.
रमजान का आखिरी रोजा होगा लंबा
रमजान जब 15 वीं तारीख में पहुंचा यानी 15 रोजा 13ः 38-40 घंटे का रहा. 25 वें रोजे की सहरी और इफ्तार की अवधि 14ः43 से 45 मिनट की हो जाएगी. इस लिहाज से यदि देखें तो रमजान 30 का होने पर रेजे की अवधि 14ः58 मिनट तक पहुंच जाएगी. यानी यह समझलें कि रमजान 2024 का आखिरी रोजा भारत में तकरीबन 15 घंटे तक का हो जाएगा. दुनिया में ऐसे 6 देश हैं जहां रोजे की अवधि 18 घंटे तक जा सकती है.
रही बात तापमान की तो दूसरे अशरे के खत्म होने तक गर्मी खासी बढ़ जाएगी. पहले रोजे में लोग कंबल ओढ़कर सोया करते थे. अब घरों में पंखे दनदनाने लगे हैं और ऑफिसों एसी चलने लगा है. यानी अभी का तापमान खासा है. 28 मार्च को दिन का तापमान करीब 30 डिग्री था.
आखिरी रोजे में सताएगी गर्मी
एक्यूवेदर डाॅट काॅम की भविष्यवाणी है कि रमजान के आखिरी रोजे तक तापमान 40 डिग्री को छू सकता है. आखिरी रोजा 11 अप्रैल को होने की संभावना है. उस लिहाज से भविष्यवाणी की गई है कि दिन का तापमान 35 से 40 डिग्री के आसपास हो सकता है. इस बीच 26वें रोजे में भी दिन का तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है.
यानी आखिरी रोजे तक गर्मी बढ़ जाएगी और काम-काज के लिए बाहर निकलने वाले रोजेदारों को प्यास की समस्याओं का सामना करना पडे़गा. ऐसे में प्यास और डिहाइड्रेशन से रोजेदार कैसे निपटें, मुस्लिम नाउ ने इसपर एक विस्तृत रिपोर्ट पिछले साल की थी. वेसाइट पर उसे तलाश कर पढ़ सकते हंै.
रमजान 2024 के आखिरी अशरे में रोजे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
रोजे की अवधि:
- रमजान के शुरुआती रोजे 13 घंटे 18 मिनट के थे.
- 10 वें रोजे की अवधि 13 घंटे 35 मिनट थी.
- 15 वें रोजे की अवधि 13 घंटे 38-40 मिनट थी.
- 25 वें रोजे की अवधि 14 घंटे 43-45 मिनट होगी.
- अंतिम रोजे की अवधि 14 घंटे 58 मिनट तक हो सकती है.
तापमान:
- रमजान के शुरुआती रोजे में तापमान कम था, लेकिन अब गर्मी बढ़ रही है.
- 28 मार्च को दिन का तापमान 30 डिग्री था.
- एक्यूवेदर डॉट कॉम के अनुसार, अंतिम रोजे तक तापमान 40 डिग्री तक पहुंच सकता है.
प्यास और डिहाइड्रेशन से बचाव:
- रोजेदारों को प्यास और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.
- पिछले साल मुस्लिम नाउ ने प्यास और डिहाइड्रेशन से बचने के उपायों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- भारत में रमजान की शुरुआत सर्दियों के अंत और गर्मी की शुरुआत के साथ होती है.
- भारत की भौगोलिक बनावट के कारण, विभिन्न प्रदेशों में रोजे के दौरान इफ्तार और सहरी के समय में 30 मिनट से 40 मिनट तक का अंतर होता है.
- दुनिया में ऐसे पांच देश हैं जहां रोजे की अवधि 18 घंटे तक जा सकती है.
सुझाव:
- रोजेदारों को गर्मी से बचने के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिए.
- प्यास और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.
- मुस्लिम नाउ की वेबसाइट पर प्यास और डिहाइड्रेशन से बचने के उपायों पर रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है.