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मलेरकोटला में कितने मुसलमान हैं, मस्जिदों की कितनी संख्या है मलेरकोटला में ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो खास

कई मायने में पंजाब प्रदेश का मलेरकोटला जिला खास है. इस जिले में न केवल सांप्रदायिक सौहार्द की कई मिसलें देखनें को मिलती हैं, इसकी आखिरी नवाब बेगम मुनव्वरूल-निसा का हाल में 100 साल की उम्र मंे निधन हुआ है. इससे इतर इस जिले में मुस्लिम जनसंख्या को लेकर भी बारबार सवाल उठते रहे हैं. बहुत लोगों को यह जानने मंे दिलचस्पी है कि पजांब प्रांत के इस जिले में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है ?

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2023 में मलेरकोटला की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 186,000 है. मलेरकोटला शहर का वर्तमान अनुमानित जनसंख्या पिछली विकास दर पर आधारित है. जब सरकार मलेरकोटला शहर की जनगणना कराएगी, तभी इसे अपडेट किया जा सकेगा. भारत की जनगणना की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में मलेरकोटला की जनसंख्या 135,424 थी.

मालेरकोटला साक्षरता दर और लिंग अनुपात

शिक्षा अनुभाग के अनुसार, मालेरकोटला में कुल साक्षर 81,937 हैं जिनमें से 46,091 पुरुष और 35,846 महिलाएं हैं. मालेरकोटला शहर की औसत साक्षरता दर 69.10 प्रतिशत है जिसमें पुरुष और महिला साक्षरता 73.45 और 64.21 प्रतिशत है. मलेरकोटला का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 897 है. लड़कियों का बाल लिंगानुपात प्रति 1000 लड़कों पर 952 है.

मलेरकोटला स्लम जनसंख्या

मलेरकोटला शहर में झुग्गियों की संख्या 1,675 है जिनमें 8,826 की जनसंख्या निवास करती है. यह मालेरकोटला की कुल जनसंख्या का लगभग 6.52 प्रतिशत है.

मलेरकोटला में मुसलमानों की जनसंख्या ?

मलेरकोटला भारत का मुस्लिम बहुल जिला है और शहर की लगभग 68.50 प्रतिशत आबादी इस्लाम को अपना धर्म मानती है. मालेरकोटला शहर में हिंदू धर्म दूसरा सबसे लोकप्रिय धर्म है, जिसका लगभग 20.71 प्रतिशत अनुयायी हैं. मलेरकोटला में ईसाई धर्म के मानने वाले 0.13, जैन धर्म को 1.11, बौद्ध धर्म को 0.02 और सिख धर्म को 9.50 प्रतिशत लोग मानते हैं.

दो साल पहले मलेरकोटला जिला घोषित किया गया

14 मई 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मालेरकोटला को पंजाब का जिला घोषित कर कांग्रेस का चुनावी वादा पूरा किया था. तब उन्होंने लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ईद-उल-फितर के शुभ अवसर पर, मेरी सरकार ने मलेरकोटला को राज्य का सबसे नया जिला घोषित किया है. 23वां जिला बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व रखता है. घोषणा करने के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने जिला प्रशासनिक परिसर के लिए तुरंत एक उपयुक्त साइट का पता लगाने का आदेश दिया है.

कांग्रेस ने किया था मालेरकोटला को जिला बनाने का वादा

मलेरकोटला एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस ने शहर को जिला बनाने का वादा किया था, जिसकी मांग मुस्लिम लंबे समय से कर रहे थे. कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ईद 2017 पर फिर से घोषणा की थी कि कांग्रेस जल्द ही अपना वादा पूरा करेगी.

इतिहासकारों का दावा, 1947 में मलेरकोटला में नहीं हुआ कोई सांप्रदायिक तनाव

इतिहासकारों और स्थानीय लोगों के अनुसार, विभाजन के बाद 1947 के दंगों के दौरान मलेरकोटला उन शहरों में से एक था, जहां कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ था. पाकिस्तान से निकटता के कारण पंजाब और आसपास के राज्य उन दंगों से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे.

सांप्रदायिक सद्भाव की कहानियां

माना जाता है कि जब सरहिंद के गवर्नर वजीर खान ने गुरु गोबिंद सिंह जी के दो पुत्रों को दीवारों में जिंदा दफनाने का आदेश दिया, तो मालेरकोटला के नवाब और वजीर खान के चचेरे भाई शेर मोहम्मद खान उनके दरबार में मौजूद थे. उन्होंने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनका फैसला इस्लाम के खिलाफ है.

वजीर ने उनकी आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया और 9 वर्षीय साहिबजादा फतेह सिंह और 7 वर्षीय साहिबजादा जोरावर सिंह को दफना दिया. शेर खान अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए दरबार से बाहर चले गए. जब गुरु गोबिंद सिंह जी को इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने बेटों के लिए खड़े होने के लिए शेर मोहम्मद खान को धन्यवाद दिया और उन्हें आशीर्वाद दिया. गुरु गोबिंद सिंह जी ने मलेरकोटला के लोगों और शासक को शांति और खुशी से रहने का आशीर्वाद दिया.

मलेरकोटला में कितनी मस्जिदें हैं ?

अब सवाल उठता है कि यदि पंजाब के मलेरकोटला में मुसलमान बहुलता में हैं तो यहां कुल कतनी मस्जिदें हैं ? इस बारे में कोई अधिकारिक आंकड़ा तो नहीं हैं, पर विभिन्न रिपोर्ट से जो जानकारी मिली है, उसपर यकीन करें तो पंजाब के इस 23 वें जिले में बड़ी संख्या में मस्जिदें हैं.

मीडिया रिपोर्ट पर यकीन करें तो मलेरकोटला में कई मस्जिदें सिखों एवं हिंदुओं के प्रयास से बनाई गई हैं. उन्होंने मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए जमीनें दी हैं.

इन सबके बावजूद आंकड़े बताते हैं कि मलेरकोटला में मस्जिदों की संख्या 91 से अधिक है. इन मस्जिदों में जुमा मस्जिद, अब्बास मस्जिद, रहमानी मस्जिद, रनवान मस्जिद,मस्जिद अमरगढ़,मुहम्मदी मस्जिद आदि शामिल हैं. वन फाइव डाॅट काम ने मलेरकोटला की मस्जिदों की संख्या और पते भी छापे हैं.

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