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अमेरिका के काबुल छोड़ने से 48 घंटे पहले हवाई अड्डे पर रॉकेट से बड़ा हमला

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काबुल, नई दिल्ली

अमेरिकी सेना 31 अगस्त को अफगानिस्ता को अलविदा करने वाली है. इससे ठीक पहले अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण वाले काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई रॉकेट दागे गए. हालांकि अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली ने तमाम हमलों को नाकाम कर दिया. वैसे अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ है कि इन राॅकेट हमलों से अमेरिकी सैना को कितना जानी, माली नुक्सान हुआ है.

विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब सवा छह बजे हुए हमलों के संबंध में एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘काबुल हवाई अड्डे पर पांच रॉकेट दागे गए. यह स्पष्ट नहीं है कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है.अभी हवाई अड्डे के संचालन का जिम्मा अमेरिकी सेना के पास है. इन हमलों से हवाई जहाज के संचालन सिस्टम को काई क्षति पहुंची है या नहीं. इस बारे में भी अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.

अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ‘‘प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि कोई अमेरिकी नहीं मारा गया. यह कार्रवाई बदलने की भावना से की गई लगती है.‘‘रॉकेट ऐसे समय में दागे गए जब अमेरिकी सैनिकों की वापसी में 48 घंटे से भी कम समय बचा है.

स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि सोमवार सुबह पूरे काबुल में रॉकेट की आवाज सुनी गई. प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, ‘‘काबुल हवाई अड्डे पर कई रॉकेट दागे गए. एयरपोर्ट के पास धुआं उठता देखा गया.काबुल हवाई अड्डे के पास रहने वालों का कहा कि उन्होंने मिसाइल रक्षा प्रणाली को सक्रिय करने के लिए आवाजें सुनीं थीं. सड़कों पर गोलियां चलने की भी सुनी गई. अमेरिका के एक सैन्य अधिकारी का कहना है कि कम से कम एक रॉकेट को निष्क्रिय कर दिया गया.

अफगान सरकार के एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि रॉकेट शहर के उत्तर में एक वाहन से दागे गए.काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट दागे जाने के बाद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई है जिसमें एक कार जलती हुई देखी जा सकती है. मगर यह तस्वीर कितनी सच्ची है, इसपर तुरंत टिप्पणी करना नामुनासिब होगा.दूसरी ओर, अमेरिका की वापसी अपने अंतिम चरण में है. राष्ट्रपति बाइडेन ने अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए मंगलवार की समय सीमा तय की है. यह 9-11 के हमलों के बाद से अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला सैन्य संघर्ष है.

कट्टरपंथी तालिबान, जिसे 2001 में हटा दिया गया था. 15 दिन पहले सत्ता में वापस आ गया. उसने अमेरिका के नेतृत्व वाली निकासी उड़ानों से भयभीत लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. तालिबान का कहना है कि अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद भी अफगानिस्तान नागरिक विदेश जा सकेंगे.

काबुल हवाई अड्डे से 114,000 से अधिक लोगों को निकालने वाली उड़ानें मंगलवार को आधिकारिक रूप से समाप्त हो जाएंगी जब हजारों अमेरिकी सैनिक देश छोड़ देंगे. अब अमेरिकी सेना का ध्यान खुद को और अमेरिकी राजनयिकों को सुरक्षित बाहर निकालने पर है.

आईएसआईएस-के, अफगान तालिबान का मुख्य प्रतिद्वंद्वी, पिछले गुरुवार को हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती बम विस्फोट के बाद निकासी के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है.इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 179 से अधिक लोग मारे गए थे.

जो बाइडेन ने एक दिन पहले ही काबुल हवाई अड्डे पर बड़े हमले की चेतावनी दी थी. संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि उसने रविवार रात काबुल में विस्फोटकों से भरी एक कार पर हवाई हमला किया था.तालिबान के एक प्रवक्ता ने रविवार के हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि विस्फोटकों से भरी एक कार को नष्ट कर दिया गया. इस हमले में दो आईएस-के लीडर मारे गए.