Culture

हैदराबादी युवा एथलीट ने यूरोप के टूर्नामेंट में किया सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जेद्दा

विदेशों में बसे भारतीय प्रवासियों की युवा पीढ़ी के लिए बैडमिंटन एक आकर्षक खेल बनता जा रहा है. हालांकि क्रिकेट भारतीयों के लिए पहली पसंद है. बावजूद इसके अपने देश में हों या विदेश में कई युवा एनआरआई छात्र धीरे-धीरे बैडमिंटन में रुचि दिखा रहे हैं.

बात जब सऊदी अरब की हो, तो भारतीय छात्र स्थानीय सऊदी खेल प्राधिकरणों के सहयोग से बैडमिंटन में एक नया चलन स्थापित कर रहे है.इंटरनेशनल इंडियन स्कूल, रियाद में एक युवा हैदराबादी छात्र मोहम्मद आमेर ने सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व किया और हाल ही में फ्रांस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में सऊदी अरब की ओर से खेला.

आमेर उन चार खिलाड़ियों में शामिल थे, जिन्होंने सेंट लुइस में आयोजित योनेक्स 3 बॉर्डर इंटरनेशनल अंडर-19 कप नामक टूर्नामेंट में सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व किया. यह इलाका फ्रेंच, जर्मन और स्विट्जरलैंड की सीमाओं पर स्थित है.

सऊदी टीम ने स्विट्जरलैंड को हराया, हालांकि, टूर्नामेंट में जर्मनी से हार गई.सऊदी अरब में पैदा हुए 14 वर्षीय आमेर को बचपन से ही बैडमिंटन का शौक रहा है. वह एक ऐसे अनोखे खेलकूद परिवार से हैं जो इस खेल से प्यार करते हंै, जहां ज्यादातर भारतीय क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं जानते हैं. जब गोपीचंद ने ब्रिटेन में अखिल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती तो उत्साह कम था, जबकि उसी सप्ताह खुशी आसमान पर पहुंच गई थी जब हरभजन सिंह ने हैट्रिक ली और वी. वी. एस. लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में 281 रन बनाए.

उनकी तरह, उनकी बहन, महेन असीम, जिन्होंने रियाद में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, अब हैदराबाद में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं. वो भी एक खेल प्रेमी हैं.

बहन-भाई की जोड़ी ने कतर, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात में कुछ क्षेत्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया है. रियाद में काम करने वाले पिता असीम ने कहा, जनवरी में राजस्थान में आयोजित सीबीएसई राष्ट्रीय खेलों में आमेर ने तीसरा स्थान हासिल किया था.

सऊदी टीम की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में आमेर के भाग लेने की खबर का रियाद में भारतीय समुदाय द्वारा स्वागत किया जा रहा है.