जामिया विश्वविद्यालय टीम का आइडिया नीति आयोग के बेस्ट 75 में
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
जामिया विश्वविद्यालय की टीम के एक आईडिया को लाइफ नीति आयोग के शीर्ष 75 आइडियाज के संग्रह में शामिल किया गया है. जामिया का आइडिया ‘फामिर्ंग कम्यूनिटीस स्विच फ्रॉम ट्रेडिशनल क्रॉपिंग पैटर्न टू डाइवर्सिफाइड क्रॉपिंग पैटर्न इन ड्राउट प्रोन मराठवाडा रीजन ऑफ महाराष्ट्रा’ है.
विश्वविद्यालय के मुताबिक यह संग्रह स्थायी जीवन शैली के लिए आवश्यक सर्वोत्तम विचारों और प्रस्तावों का एक मूल्यवान संग्रह है. भूगोल विभाग से प्रोफेसर हारून सज्जाद के साथ डॉ. मो. मसरूर और मो. हिबजुर रहमान के नेतृत्व वाली टीम ने यह आईडिया दिया है.
जामिया ने बताया कि नीति आयोग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 2023 पर मिशन लाइफ पर जोर देने के साथ आयोजित एक कार्यक्रम में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने शीर्ष 5 आइडियाज की सूची का अनावरण किया और शीर्ष 75 विचारों का संग्रह जारी किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर वीडियो संदेश के माध्यम से बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ की दिशा में उठाया गया हर कदम आने वाले समय में पर्यावरण के लिए एक मजबूत ढाल बनेगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज जारी लाइफ के लिए थॉट लीडरशिप का संग्रह हरित विकास के संकल्प को और मजबूत करेगा.
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि ग्लोबल कॉल फॉर आइडियाज एंड पेपर्स में दो चरण शामिल थे. पहले चरण में नीति आयोग की लाइफ टीम ने 2,538 सबमिशन की जांच की.
शॉर्टलिस्ट किए गए सबमिशन के लेखकों को तब दूसरे चरण में विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया. 9 मार्च, 2023 तक, 42 देशों के 674 प्रतिभागियों ने विचारों और पत्रों के लिए लाइफ ग्लोबल कॉल के दूसरे चरण के लिए अपने विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किए.
दूसरे चरण के प्रतिभागियों में लेखकों, उद्यमियों, शोधकतार्ओं और छात्रों का एक विविध समुदाय शामिल था, जो सभी अपने प्रस्तावित विचारों के लिए विस्तृत और व्यापक हस्तक्षेप डिजाइन प्रदान करते थे.
प्रो सज्जाद के विचार फामिर्ंग कम्यूनिटीस स्विच फ्रॉम टड्रीशनल क्रॉपिंग पैटर्न टू डाइवर्सिफाइड क्रॉपिंग पैटर्न इन ड्राउट प्रोन मराठवाडा रीजन ऑफ महाराष्ट्रा को 75 सर्वश्रेष्ठ विचारों में से एक के रूप में चुना गया. हस्तक्षेप कृषि पर बदलती जलवायु के प्रभाव को कम करने में सहायता कर सकता है. नई शुरू की गई फसलों के साथ पारंपरिक फसलों के इनपुट-टू-आउटपुट अनुपात की तुलना करके अवधारणा की दक्षता और व्यवहार्यता का आकलन किया जाएगा. नए फसल पैटर्न की व्यवहार्यता निर्धारित करने के लिए, सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की जांच की जाएगी.
क्षमता विकास के लिए किसान प्रशिक्षण, विशेषज्ञ कार्यशालाएं और फोकस समूह चर्चा आयोजित की जाएगी. हस्तक्षेप शोधकतार्ओं को फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए एक संपूर्ण रणनीति विकसित करने में सक्षम करेगा.
प्राध्यापक सज्जाद ने कहा कि पायलट परीक्षण से शोधकतार्ओं को योजना की व्यवहार्यता और प्रभावशीलता का आकलन करने और प्रभावी अनुकूलन और शमन रणनीति तैयार करने में भी मदद मिलेगी.