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गोधरा दंगा नहीं होता, डब्बा नहीं जलाया गया होता और राजधर्म निभाया गया होता तो बीजेपी कभी सत्ता में नहीं आती: शंकर सिंह वाघेला

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, अहमदाबाद

गोधरा दंगा और उसके बाद हुए हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण के कारण ही भारतीय जनता पार्टी गुजरात में लंबे समय से सरकार में बनी हुई है. इस आरोप में कितना दम है यह तो पता नहीं, पर इनदिनों गुजरात दंगा पूरी तरह सुर्खियों में है.

चूंकि गुजरात विधानसभा के लिए जल्द ही मतदान होने  हैं, इसलिए इस सूबे का सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ है. सोशल मीडिया पर भी कई ऐसी चीजंें वायरल हो रही हैं जो गुजरात दंगे को नए सिरे से देखने को मजबूर कर रही हैं.

इसी क्रम में ‘न्यूज लाउंड्री’ का एक वीडियो क्लिप खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, यह वीडियो गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के एक इंटरव्यू का हिस्सा है, जिसमें वह कहते दिखाई दे रहे हैं-गुजरात राइट नहीं होता,डब्बे नहीं जलाए गए होते और राजधर्म का पालन किया गया होता तो आज बीजेपी सत्ता में नहीं होती.

उन्होंने बातचीत मंे गुजरात दंगे का जिक्र करते हुए मार्मिक कहानी पेश की. कहा-गुजरात में रक्षक भक्षक बन गए. लोग राक्षस बनाए गए. वही लोग पड़ोसी थे. मुसलमानों को मारे नहीं गए काटे गए. बहनों को बुड्ढों को.’’

इस वीडियो क्लिप में कितनी सच्चाई है, पता नहीं, पर इसमें शंकर सिंह वाघेला एक जगह 2002 के चुनाव का जिक्र करते हुए कहते हैं-तब ऐसा कौन सा चमत्कार हो गया था. हिंदू-मुसलमान के नाम पर वोट मांगे गए. भाषण ऐसा दिया जाता था जिसमें कहा जाता था, हम हैं तो तुम्हारी बेटियां सुरक्षित घर आ पाती हैं. नहीं तो मियां उठा ले जाएंगे.’’ बाघेला कहते हैं, ‘यह कोई भाषण होता है क्या ?’

इसके अलावा अमित शाह के भाषण की एक पंक्ति का मीम भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल कराया जा रहा है. उन्होंने  गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर कहा था-उन्हें 2002 में ऐसा सबक सिखाया गया कि गुजरात में स्थायी तौर पर शांति है.
इसके अलावा इंडिया टीवी डिबेट का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एआईएमआईएम के नेता गुजरात दंगे का जिक्र करते नजर आ रहे हैं यह बताते हुए दिख रहे है. उनके अनुसार, जो लोग गुजरात दंगे में शामिल थे, बीजेपी ने उन्हें भी टिकट दे दिया है. अगर यह बातें सच हैं तो समझा जा सकता है कि बीजेपी मुसलमानों की कितनी बड़ी हितैशी है ?