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इमाम अहमद रज़ा की शिक्षाएँ नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत : डॉ. अज़हरी

अब्दुल करीम अमजदी, कालीकट अब्दुल करीम अमजदी

इमाम अहल-ए-सुन्नत माजिद-ए-दीन और इमाम अहमद रजा खान कादरी के 601वें उर्स रिज़वी के अवसर पर, एक दिवसीय भव्य उर्स रिज़वी जिसे ज़िक्र-कादरी का सर्कल कहा जाता है, नॉलेज सिटी इंडियन ग्रैंड में आयोजित किया गया.

केरल की मस्जिद में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. शफी बालवी और सीपी शफी सकाफी ने कादरिया सर्कल ज़िक्र बैठक का नेतृत्व किया. बैठक के मुख्य भाषण में डॉ. मुहम्मद अब्दुल हकीम अज़हरी ने कहा कि इमाम अहमद रज़ा को अपने छोटे से जीवन में ऐसा ज्ञान और निमंत्रण मिला.

डॉ. अज़हरी ने कहा कि वह तक़्क़ा फ़ि उद्दीन के सर्वोच्च पद पर थे. हकीम अज़हरी ने कहा कि इमाम अहमद रज़ा खान उत्तर भारत के मुसलमानों के धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के स्वामी थे. इस अवसर पर अज़हरी ने पवित्र पैगंबर के जीवन को नई पीढ़ी के लिए एक मशाल बताया.

मजलिस में सैयद अब्दुल रहमान बफाकिया, सैयद हाशिम जिलानी, अब्दुल नासिर अहसानी, हाफिज शमीर अज़हरी, मौलाना हमजा सहित शिक्षकों ने भाग लिया. वार्ड अल-तिफ, हदद रतब वजीफा को पारंपरिक शैली में पढ़ा गया और अंत में श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

पैगम्बर साहब के समक्ष देश की शांति एवं सुरक्षा के लिए विशेष प्रार्थना की गई तथा मजलिस सलातो सलाम के साथ समाप्त हुई.

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