कर्नाटक सरकार का अहम फैसला: पाठ्यक्रम से आरएसएस संस्थापक हेडगेवार की छूट्टी, इंदिरा गांधी के नाम जवाहर लाल नेहरू के पत्र की वापसी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,बेंगलुरु
निजाम बदलता है तो चीजें अपने आप बदलने लगती हैं. कर्नाटक प्रदेश से बीजेपी सरकार के जाने और कांग्रेस सरकार के आने के बाद पुराने कई अहम फैसले बदले जा रहे हैं. इसकी क्रम में स्कूल के पाठ्यक्रम से आरएसएस के संस्थापक को हटाकर उसकी जगह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा अपनी बेटी इंदिरा गांधी के नाम लिखी गई चिट्ठी को शामिल कर लिया गया है.
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने स्कूल की किताब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से संबंधित पाठ को हटा दिया है. साथ ही कहा कि पूर्व पीएम दिवंगत जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनी बेटी इंदिरा गांधी को लिखे गए पत्र को इसमें जोड़ा गया है.
शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने स्कूल की किताबों में जो भी बदलाव किए हैं, उन्हें हटा दिया गया है.
शिक्षा मंत्री ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान पर पाठ जोड़ा गया है? उन्होंने कहा कि हेडगेवार, वीर सावरकर से संबंधित पाठ को हटा दिया गया है.
इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों के हित में हमने छठी से दसवीं कक्षा तक की कन्नड़ पाठ्यपुस्तकों और छठी से दसवीं कक्षा तक की सामाजिक विज्ञान की किताबों में भी बदलाव किए हैं. उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकें छह से दस दिनों में छात्रों को उपलब्ध हो जाएंगी.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा संशोधन किए जाने से पहले जो पाठ्यक्रम था, वही रखा जाएगा. भाजपा सरकार द्वारा व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर कुछ हिस्सों को हटा दिया गया था. चक्रवर्ती सुलिबेले के पाठ को हटा दिया गया है और सावित्री बाई फुले पर पाठ, डॉ. बीआर अंबेडकर पर एक कविता, जिसे भाजपा ने हटा दिया था, उसे बरकरार रखा गया है.
सरकार ने जल्द से जल्द पुस्तकें जारी करने का निर्णय लिया है. कहा है कि तब तक शिक्षक चैप्टर को हाथ नहीं लगाएंगे. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ साहित्यकारों की बैठक के बाद पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया. समिति में रवीश कुमार, प्रो. टी.आर. चंद्रशेखर, डॉ. अश्वथ नारायण और राजेश शामिल थे.