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पाकिस्तान और अमेरिका के बीच अहम बातचीत: अफगानिस्तान में छोड़े गए सैन्य उपकरणों पर सहमति, आतंकवाद और व्यापारिक सहयोग पर भी चर्चा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,इस्लामाबाद

अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद वहां छोड़े गए अमेरिकी सैन्य उपकरणों के मुद्दे को लेकर आखिरकार एक बड़ा राजनयिक संकेत सामने आया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे को हल करने पर सहमति जताई है। यह बात पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से टेलीफोनिक वार्ता के दौरान हुई।


📞 डार-रुबियो बातचीत: रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों, क्षेत्रीय सुरक्षा, और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। डार ने अमेरिका के साथ साझेदारी को और गहरा करने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता दोहराई और व्यापार, निवेश और आतंकवाद विरोधी सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही।

“दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति और छोड़े गए अमेरिकी सैन्य साजो-सामान के मसले पर भी गहन चर्चा की। विदेश मंत्री रुबियो ने इस समस्या को सुलझाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।” – पाक विदेश मंत्रालय


💣 अफगानिस्तान में छोड़े गए सैन्य उपकरणों को लेकर अमेरिकी चिंता

2021 में जब अमेरिका ने दो दशकों बाद अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं पूरी तरह हटाईं, तो पीछे बड़ी मात्रा में सैन्य उपकरण और हथियार छोड़ दिए गए थे। इन उपकरणों के तालिबान या आईएसआईएस-के (ISIS-K) जैसे संगठनों के हाथ लगने की आशंका को लेकर अमेरिका लगातार चिंतित रहा है।

रुबियो की सहमति इस बात की पुष्टि करती है कि अमेरिका अब पाकिस्तान के माध्यम से इन उपकरणों की निगरानी या नियंत्रण पर गंभीरता से काम करना चाहता है।


🛡️ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग: ISIS-K के ऑपरेटिव की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने जताया आभार

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बताया कि विदेश मंत्री रुबियो ने पाकिस्तान को ISIS-K के आतंकवादी मोहम्मद शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी और अमेरिका को सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। यह घटना आतंकवाद विरोधी सहयोग में पाक-अमेरिका की बढ़ती नजदीकी को दर्शाती है।

“सचिव रुबियो ने आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कानून प्रवर्तन और अवैध आव्रजन से निपटने में पाकिस्तान की भूमिका की भी सराहना की।” – अमेरिकी विदेश विभाग


📈 ट्रेड और खनिज क्षेत्र में साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता

विदेश मंत्री रुबियो ने महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के क्षेत्र में अमेरिका की रुचि जाहिर करते हुए पाकिस्तान से व्यापार और निवेश बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि:

“आर्थिक साझेदारी और व्यापार सहयोग ही दोनों देशों के भविष्य के संबंधों की पहचान होगी।”

इसके अलावा, पारस्परिक टैरिफ (mutual tariffs) और फेयर ट्रेड को लेकर भी चर्चा की गई ताकि व्यापारिक रिश्ते ज्यादा संतुलित और लाभदायक हो सकें।


🌍 यूएन में सहयोग को लेकर साझा उत्साह

दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल के कार्यकाल के दौरान, वैश्विक मुद्दों पर मिलकर कार्य किया जाएगा। पाकिस्तान का कार्यकाल 1 जनवरी 2025 से शुरू हुआ है।


निष्कर्ष: एक नई शुरुआत की ओर बढ़ते पाक-अमेरिका संबंध

इस उच्चस्तरीय टेलीफोनिक बातचीत के कई रणनीतिक संकेत हैं:

  • अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए सैन्य संसाधनों की जिम्मेदारी पर समाधान
  • ISIS-K जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ साझा कार्रवाई
  • व्यापार और निवेश के नए अवसर
  • वैश्विक मंचों पर साझेदारी

इन पहलुओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में एक नई ऊर्जा देखी जा रही है, जो केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक और सामरिक दोनों ही स्तरों पर अहम है।

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