CultureTOP STORIES

जश्न ए रेख्ता में नवाबी कबाब से लेकर अफगानी व्यंजन का लोगों ने चखा जायका

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में जश्न ए रेख्ता के प्रोग्राम में लाखों की संख्या में लोगों ने शिरकत कर इसे यादगार बना दिया, तीन दिवसीय इस प्रोग्राम के आखिरी रोज साहित्य प्रेमियों ने फिल्म अदाकारा नसीरुद्दीन शाह को सुनकर कर गजलों और गीतों से खुद को जोड़ा तो दूसरी ओर शाम के वक्त प्रोग्राम के समापन पर बॉलीवुड गायिका ऋचा शर्मा ने जादूई आवाज से महफिल को गरमा दिया. इस दौरान लोगों ने शायरी, गीत, गजल सुनने के साथ साथ देश और विदेश के व्यंजनों का जायका चख कर मजा लिया. शाम ए अवध, लजीज़गंज, चम्पारण मीट हाउस, इल्हाम (अफगानी व्यंजन), कुरैशी कबाब, टुंडे कबाब, राजस्थान रो असली स्वाद, इंडस फ्लेवर्स, सोदेश, जेहरा व्यंजक के स्टॉल लगे थे जहां बड़ी संख्या में लोगों ने व्यंजन का आनंद लिया और इस दिन को हसीन और यादगार बनाया. 

स्वादिष्ट व्यंजन  के लिए रेख़्ता का शुक्रिया

शाम ए अवध स्टॉल पर शामी कबाब के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही अनामिका शर्मा कहती हैं कि हमने शामी कबाब का नाम बहुत सुन रखा था, आज हमें खाने का मौका मिला है, बिरयानी मैंने खाई है जिसका जायका बहुत अच्छा था. कई सालों से मैं जश्न ए रेख्ता के प्रोग्राम का शिद्दत से इंतजार कर रहीं थी. उसका भी शुक्रिया कि उसने हमें ये यहां गजल सुनने के साथ स्वादिष्ट व्यंजन की व्यवस्था की है.  

अफगानी समोसा और चाय लजीज हैं

वहीं जेएनयू की छात्रा नीलम पांडे ने कहां कि मैं जश्न ए रेख्ता में दूसरी बार आई हूं. बहुत अच्छा लग रहा है. जो चीज हमें खाने के लिए आस पास नहीं मिलती हैं वह यहां आसानी से मिल जाती हैं. अफगानी समोसा और अफगानी चाय बहुत लजीज हैं.  

अफगानी चाय पिया और नवाबी कबाब खाया

ऋषिकेश शर्मा ने कहा बतौर दर्शक या श्रोता मैं पहली बार रेख़्ता के लाइव सेशन अटेंड कर रहा था. दिल्ली आने से पहले बहुत नाम सुना था लेकिन कोविड ने इंतज़ार को थोड़ा और बढ़ा दिया. मुझे असलम साबरी और साधो बैंड की कव्वाली और ऋचा शर्मा का लाइव शो काफी पसंद आया. लोगों की भीड़ और उसमें भी स्टूडेंट्स की भीड़ ने यह बताया कि उनके अंदर साहित्य एक नए तरह से ज़िंदा हो रहा है. यहां खाने पीने का शानदार व्यवस्था है जहां हैदराबादी बिरयानी, अफगानी चाय पिया और नवाबी कबाब खाया हूं बहुत ही लजीज था जिसे सालों याद रखूंगा.  

शाम ए अवध स्टॉल की मालिक तबस्सुम किदवई ने बताया कि हमारे यहां नवाबी व्यंजन है जिसमें मटन गिलावटी, शाही टुकड़ा, मटन शामी, चिकन रोल, शीरमाल, पनीर काट आदि को लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया है۔

लोग यहां अफगानी खाने के शौकीन हैं

इल्हाम नामी स्टॉल को अफगानी व्यंजनों से सजाया गया था. जहां चपली कबाब, माही कबाब, अफगान वररप, बदलाव आदि व्यंजन मौजूद थे.  वहां काम कर रही सना ने बताया कि मैं सुबह नौ बजे से काम कर रही हूं,बड़ी संख्या में लोग यहां अफगानी खाने के शौकीन हैं. मैं यहां कई लोगों के साथ कररही हूं, अफगानी चाय लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं.