भारत-पाकिस्तान जल विवाद गहराया: सिंधु जल संधि निलंबन पर भड़का पाकिस्तान, युद्ध की चेतावनी, NSC की आपात बैठक
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,इस्लामाबाद/नई दिल्ली
— कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए कड़े फैसलों के बीच अब दोनों देशों के बीच जल संकट गहराता जा रहा है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने की घोषणा के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने आपात बैठक बुलाकर इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में इस्लामाबाद में हुई NSC की उच्चस्तरीय बैठक में शामिल सिविल और सैन्य नेतृत्व ने साफ़ कहा कि पाकिस्तान के हिस्से का पानी मोड़ने का कोई भी प्रयास उसकी संप्रभुता के खिलाफ है और इसे सहन नहीं किया जाएगा।
🔴 NSC की चेतावनी: ‘पानी मोड़ना मतलब युद्ध’
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा को खारिज करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों का घोर उल्लंघन है। समिति के अनुसार:
“पाकिस्तान के जल संसाधनों से छेड़छाड़ करना 240 मिलियन नागरिकों के जीवन पर सीधा हमला है, और इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। पाकिस्तान और उसकी सेना हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है।”
🇮🇳 भारत के राजनयिकों को घोषित किया ‘अवांछनीय व्यक्ति’
NSC ने भारत के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछनीय व्यक्ति (Persona Non Grata)’ घोषित करते हुए 30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दे दिया है। इन सलाहकारों के सहायक स्टाफ को भी तत्काल भारत लौटने को कहा गया है। साथ ही, पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की संख्या को 30 तक सीमित करने का भी फैसला लिया गया है।
✈️ भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को भारतीय स्वामित्व वाली या संचालित सभी एयरलाइनों के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। यह फैसला पहले ही प्रभावित हो चुकी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को और जटिल बना सकता है।
🌐 भारत ने किया सोशल मीडिया प्रतिबंध, वीजा और व्यापार पर भी सख्ती
दूसरी ओर, भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई तीखे कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया
- वाघा-अटारी सीमा को बंद किया गया
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए
- भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश
- पाकिस्तानी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया
- भारत-पाक व्यापारिक लेन-देन निलंबित
🗣️ ‘कश्मीर पर कब्जा, कुलभूषण, और दुष्प्रचार’ – पाकिस्तान का पलटवार
NSC की बैठक में भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की गईं:
- भारत का कश्मीर पर कब्जा संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन है
- पहलगाम हमले को राजनीतिक औजार बनाना भारत की नासमझी है
- कुलभूषण जाधव भारत के “राजकीय आतंकवाद” का उदाहरण है
- पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रणी है
- भारत का “फर्जी झंडा” अभियान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश है
🔍 क्या है सिंधु जल संधि और क्यों है यह इतना अहम?
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई सिंधु जल संधि एक ऐतिहासिक जल बंटवारा समझौता है, जिसके तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का अधिकार मिला था, जबकि भारत को व्यास, रावी और सतलज पर नियंत्रण। इसका निलंबन भारत की ओर से अब तक का सबसे बड़ा जल कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
🧭 आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जल विवाद दोनों देशों के बीच एक नए संघर्ष की शुरुआत कर सकता है, जो केवल राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं रहेगा। अगर भारत वाकई पानी मोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो इससे दक्षिण एशिया में सैन्य तनाव और जल युद्ध की आशंका बढ़ सकती है।