दुबई के बज्म-ए-उर्दू में भारत की कथकार रख्शंदा रूही मेहदी सम्मानित
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई
पाकिस्तान एसोसिएशन दुबई की नियाज मुस्लिम लाइब्रेरी में बच्चों के साहित्य पर कार्यक्रम का आयोजन बज्म-ए-उर्दू चिल्ड्रन ब्रांच द्वारा बज्म की वरिष्ठ सदस्य रमला शादाब की निगरानी में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम की मेजबानी बज्म की युवा सदस्य इकरा फातिमा ने की. बज्म के संस्थापक रेहान खान ने कनाडा से ऑनलाइन अपने विचार रखे. इसके साथ नियमित रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसमें भारत की प्रसिद्ध लेखिका सुश्री रख्शंदा रूही बतौर विशेष अतिथि मौजूद रहीं. उनके यहां पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. साथ ही वक्ताओं ने माना कि वो साहित्य में एक बड़ा नाम हंै. हम भाग्यशाली हैं कि रख्शंदा मेहदी आज यहां विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद हैं.
समारोह में सबसे पहले राहीन ने इस्माइल मेरठी के बारे में एक लेख पढ़ा. हिबा फातिमा ने इब्न-ए-इंशा की रचना जंत्री नए साल का बड़े ही रोचक अंदाज में पाठ किया, जिसपर दर्शकों के होठों पर मुस्कान बिखर गई. नन्हे मुन्ने मेहमान मुहम्मद ने भी कुछ कविताएं सुनाईं और साबित किया कि उर्दू भाषा की सहजता बच्चों के लिए भी उत्साहवर्धक है.
खुला कंवल ने अपनी कविता सुनाई. अल्लामा इकबाल की कविता हमदर्दी को दो बहनों हिसा जहांगीर और आमना जहांगीर ने झांकी के रूप में प्रस्तुत किया. इस कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि भारत से आईं जनिमनी लेखिका रख्शंदा रूही मेहदी की भागीदारी और बच्चों के लिए लिखी गई उनकी कहानी का दिलचस्प वर्णन एक बहुत ही दिलचस्प पहलू रहा, जिसे दर्शकों ने बहुत ध्यान से सुना.
अंत में, एक अनुकरणीय प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया जिसमें भाग लेने वाली लड़कियों के नाम नोवेरा अजीर, सैयदा हमना रेहान, जुनिरा अजीर, नताशा सलीम और इकरा फातिमा थे. बज्म द्वारा प्रसिद्ध कथा लेखिका डॉ. रख्शंदा रूही मेहदी को स्मारक देकर बज्म -ए-उर्दू दुबई की ओर से उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया. समारोह में भाग लेने वाले बच्चों के बीच प्रमाण पत्र और उपहार बांटे गए.