भारत का ऑपरेशन सिंदूर : LOC पर जंग जैसे हालात: पुंछ में पाक गोलाबारी से मां-बेटी घायल
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श्रीनगर/जम्मू | विशेष रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर हालात फिर से युद्ध जैसे हो गए हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। बुधवार तड़के पाकिस्तान द्वारा पुंछ, राजौरी और कुपवाड़ा सेक्टरों में की गई अंधाधुंध गोलाबारी ने आम लोगों को एक बार फिर बंकरों में धकेल दिया।
पाकिस्तानी सेना की इस गोलाबारी में पुंछ जिले के कृष्णा घाटी क्षेत्र में एक महिला और उसकी बेटी घायल हो गईं। उनमें से बेटी की हालत गंभीर बताई जा रही है।
🏚 बंकरों में कटी रातें, गोलियों की गूंज से थर्राया सीमावर्ती इलाका
“हमने जैसे ही सुबह की नमाज़ के लिए दरवाज़ा खोला, बम की आवाज़ ने पूरा घर हिला दिया,” कृष्णा घाटी की एक स्थानीय महिला रुखसाना बेगम ने बताया, जिनकी पड़ोसन और उसकी बेटी इस हमले में घायल हुईं।
मां-बेटी को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुंछ के शाहपुर, मनकोट और कृष्णा घाटी में रातभर मोर्टार दागे गए। राजौरी के लाम, मंजाकोट और गंभीर ब्राह्मणा क्षेत्रों में भी भारी गोलाबारी की गई।
मनकोट से दो नागरिकों के हताहत होने की सूचना है। लगातार गोलाबारी के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में भी रुकावट आ रही है।
🚀 भारत की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नौ आतंकी ठिकाने तबाह
भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के करीब 1:44 AM पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत करते हुए पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल है।
भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा:
“थोड़ी देर पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इन ठिकानों से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई जा रही थी।”
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र में भीमबर गली में तोपखाने से गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना उचित प्रतिक्रिया दे रही है।”
💣 13वीं रात का संघर्ष: जब बर्फीली घाटी में आग बरसने लगी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से नियंत्रण रेखा पर यह लगातार 13वीं रात है जब बिना उकसावे के पाकिस्तान की ओर से फायरिंग हुई है। हमले के पीड़ितों में अधिकांश पर्यटक थे, जिससे यह हमला केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर भी आघात था।
हमले के प्रतिशोध में भारत ने जहां आतंकी ठिकानों पर प्रहार किया, वहीं पाकिस्तान ने भी अपनी रणनीति को बदलते हुए उत्तर और दक्षिण कश्मीर के अलावा जम्मू क्षेत्र तक गोलाबारी फैला दी।
कुपवाड़ा और बारामुल्ला के अलावा, राजौरी के सुंदरबनी, नौशेरा, और जम्मू जिले के परगवाल सेक्टर तक फायरिंग फैल गई है।
📞 राजनयिक संवाद की नाकामी: डीजीएमओ वार्ता के बाद भी नहीं थमा संघर्ष
बीते सप्ताह ही भारत और पाकिस्तान के सैन्य ऑपरेशनों के महानिदेशकों (DGMOs) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई थी। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी थी। बावजूद इसके, संघर्ष विराम उल्लंघनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान की दोहरी नीति को दर्शाता है—जहां एक ओर बातचीत की बातें, वहीं दूसरी ओर युद्धविराम उल्लंघन और आतंकवाद को बढ़ावा।
🌊 सिंधु जल संधि पर संकट: क्या अगला कदम ‘जल युद्ध’ होगा?
गौरतलब है कि भारत ने 24 अप्रैल की रात सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से निलंबित कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तानी गोलाबारी की श्रृंखला शुरू हो गई थी। पाकिस्तान इसे ‘पानी के हथियार’ के रूप में देख रहा है, जिससे यह तनाव अब कूटनीतिक, सैन्य और जल संसाधनों के स्तर तक पहुँच चुका है।
💥 क्या युद्ध के मुहाने पर खड़ा है दक्षिण एशिया?
विश्लेषकों का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर हालिया घटनाएं 2019 के पुलवामा हमले और उसके बाद हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक की पुनरावृत्ति जैसी लगती हैं। लेकिन इस बार भारत ने सीधे PoK के अंदर कई आतंकी ठिकानों को टारगेट किया है, जो रणनीतिक दृष्टि से बड़ा संदेश है।
🧭 आम नागरिकों की ज़ुबानी
रफीक अहमद, एक शिक्षक जो मनकोट में रहते हैं, कहते हैं:
“हमें अब आदत सी हो गई है बंकरों की, लेकिन बच्चों की चीखें और गोलियों की आवाज़ों के बीच जीना कोई जिंदगी नहीं है।”
समीना बानो, जो एक घायल बच्ची की रिश्तेदार हैं, बताती हैं:
“हम क्या करें? ना तो पलायन कर सकते हैं, ना ही हर रात मौत की प्रतीक्षा में जाग सकते हैं।”
📌 निष्कर्ष: युद्ध नहीं, समाधान चाहिए—but not at the cost of sovereignty
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करता रहेगा। लेकिन यह भी सच है कि सीमावर्ती गांवों के मासूम नागरिक सबसे पहले इस संघर्ष की कीमत चुकाते हैं।