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राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ ईरान की रणनीति का पर्दाफाश: क्या है सच्चाई?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, वाॅशिंगटन

क्या अमेरिका की खुफिया एजेंसिया अपनी नाकाम छुपाने के लिए ईरान पर आरोप लगा रही हैं, यह वास्तव में एक सच्चाई ? इस अहमल सवाल का खुलासा होना बाकी है, पर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने लेकर एक अजीब तरह का दावा किया है.

  • अमेरिकी खुफिया एजेंसियाओं का दावा: अमेरिकी खुफिया एजेंसियाओं ने आरोप लगाया है कि ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची है. इसके चलते सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप की सुरक्षा में और भी तंगदस्ती की है.
  • हमले का घटनाक्रम: 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया रैली के दौरान एक युवक ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाई, जिसके बाद ट्रंप घायल हो गए.
  • ईरान का पक्ष: ईरान ने इस आरोप को नकारा है और उसे निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है. ईरानी संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्रंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
  • सीक्रेट सर्विस की चेतावनी: सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने ट्रंप अभियान को ईरान के खतरे के बारे में चेतावनी दी है और सुरक्षा में बदलाव किया है.
  • आरोपों की जांच: अमेरिकी अधिकारियों को वर्षों से चिंता थी कि ईरान अपने बदलते संगठन से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आक्रमण की योजना बना सकता है.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों को हाल ही में ईरान द्वारा पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटनाक्रम के कारण सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी है.

हालांकि, सीएनएन ने बताया, इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रूक्स, जिसने 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया रैली के दौरान ट्रंप की हत्या का प्रयास किया था, ईरानी साजिश से जुड़ा था.

थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने 13 जुलाई को सीक्रेट सर्विस द्वारा मारे जाने से पहले पूर्व राष्ट्रपति पर गोलियां चलाईं. ट्रंप घायल हो गए, तस्वीरों में उनके चेहरे पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं और एक दर्शक मारा गया. हमले के तुरंत बाद एक वीडियो में ट्रंप को हवा में मुट्ठी बांधते हुए और “लड़ो! लड़ो! लड़ो!” शब्द बोलते हुए देखा गया.

हालांकि, ईरान ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया .उन्हें “निराधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया.

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने CNN को बताया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के दृष्टिकोण से, ट्रम्प एक अपराधी है, जिस पर जनरल सोलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उसे कानून की अदालत में दंडित किया जाना चाहिए. ईरान ने उसे न्याय के कटघरे में लाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है.”

CNN ने बताया कि ईरानी साजिश के बारे में खुफिया जानकारी एक मानव स्रोत द्वारा दी गई . एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सीक्रेट सर्विस और ट्रम्प अभियान को पेंसिल्वेनिया रैली से पहले एक खतरे के बारे में पता चला था. अधिकारी ने कहा कि जवाब में, सीक्रेट सर्विस ने पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए संसाधन और संपत्ति बढ़ा दी, और ये सभी “शनिवार से पहले” किए गए थे.

हालाँकि, ट्रंप अभियान ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उन्हें ईरान के खतरे के बारे में पता था. अमेरिकी अधिकारियों को वर्षों से चिंता थी कि ईरान जनवरी 2020 में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सोलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा. इसके अलावा, सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने ट्रंप अभियान को बार-बार आउटडोर अभियान रैलियाँ आयोजित करने के खिलाफ चेतावनी दी है.