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Islamophobia गजाला अहमद को हिजाब लगाने पर न्यूज़ चैनल ने नौकरी देने से किया इनकार

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्रा गजाला अहमद को दिल्ली के एक मीडिया हाउस ने केवल इस लिए नौकरी देने से मना कर दिया कि वह हिजाब लगाती हैं। इस्लामोफोबिया (Islamophobia)की शिकार मुस्लिम युवती की यह खबर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। इस घटना के माध्यम से सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा उठाया।

pic social media


   सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर चल रही खबरों के मुताबिक, गजाला अहमद एएमयू की पत्रकारिता की छात्रा हैं। उनका चयन दिल्ली के एक न्यूज़ चैनल में हुआ। गजाला हिजाब लगाती हैं। चैनल वाले चाहते थे कि वह बिना हिजाब के नौकरी करें, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद  उन्हें नौकरी देने में असमर्थता जताई गई। गजाला की तस्वीर के साथ यह खबर सुबह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है, जिसपर लोग जमकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। मीडिया पर देश में मुस्लिम विरोधी माहौल तैयार करने का आरोप लगाया गया।

The Indian media जड़ जमाती मुस्लिम विरोधी सोच


 बिइंगसुहैल ट्वीटर हैंडल से घटना की जानकारी पूर्व आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान को टैग करने पर उन्होंने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एक के बाद एक कई ट्वीट में रहमान ने सरकार का ध्यान ऐसी घटनाओं की ओर दिलाया। उनके मुताबिक, हिंदू बहुल क्षेत्रों में किराए पर मकान देने पर भेदभाव किया जाता है। बता दें कि ऐसी शिकायत सैफ अली खान और इमरान हाशमी जैसे सिने स्टार तक कर चुके हैं। बहरहाल, रहमान साहब का कहना है कि नौकरी, शिक्षा और सर्वाजनिक जीवन में मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है। उन्होंने सरकार से भेदभाव रोधी कानून सख्ती से लागू करने की अपील की है। अब्दुर रहमान का यह ट्वीट खबर लिखने तक 106 बार रि-ट्वीट हो चुका था।

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संपादक

Ram Mandir Bhoomi Pujan भारतीय मीडिया का रामधुन